नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संसद के विशेष सत्र की शुरुआत से पहले कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णयों का सत्र है।
विशेष सत्र की शुरुआत से पहले संसद भवन के बाहर प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया से कहा, “इस समय हम सभी सारे देश में उमंग का माहौल और एक नया आत्मविश्वास महसूस कर रहे हैं। उसी समय संसद का ये सत्र हो रहा है। ये सत्र छोटा है, लेकिन समय के हिसाब ये बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों का ये सत्र है। इस सत्र की विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है।”
प्रधानमंत्री ने सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि वह इस छोटे से संसद सत्र को अधिक से अधिक समय दें। उन्होंने कहा कि “मैं सभी सांसदों से अनुरोध करता हूं कि इस छोटे से सत्र के दौरान हमें अपना अधिक से अधिक समय मिले। बाद में रोने के लिए बहुत समय होता है, कुछ क्षण ऐसे होते हैं जो हमें खुशी और विश्वास से भर देते हैं, मैं इस सत्र को उसी रूप में देख रहा हूं।”
पीएम मोदी ने मीडिया को सत्र पूर्व टिप्पणी में भारत के चंद्रमा मिशन और जी-20 बैठक की सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि चंद्रमा मिशन की सफलता, चंद्रयान-3 हमारा तिरंगा फहरा रहा है। शिव शक्ति पॉइंट (चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट) प्रेरणा का एक नया केंद्र बन गया है, हमें गर्व से भर रहा है। पूरे विश्व में इस प्रकार की उपलब्धि को आधुनिकता, विज्ञान और टेक्नोलॉजी से जोड़कर देखा जाता है और जब ये सामर्थ्य विश्व के सामने आता है तो अनेक संभावना, अनेक अवसर हमारे दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने जी-20 के सफल आयोजन का उल्लेख करते हुए कहा कि जी-20 की अभूतपूर्व सफलता, 60 से अधिक स्थानों पर विश्व भर के नेताओं का स्वागत, मंथन और ट्रू स्पिरिट में संघीय ढांचे का एक जीवंत अनुभव भारत की विविधता, भारत की विशेषता के साथ जी-20 अपने आप में एक त्योहार बन गया।
जी-20 में भारत हमेशा इस बात के लिए गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बनें। अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और सर्वसम्मति से जी-20 का डिक्लेरेशन, ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दे रही हैं।
प्रधानमंत्री ने रविवार को दिल्ली के द्वारका में इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए कहा कि कल यशोभूमि राष्ट्र को समर्पित हुआ। कल ही विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विश्वकर्मा समुदाय को ट्रेनिंग, आधुनिक टूल, आर्थिक प्रबंधन के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की गई।