उज्जैन । उज्जैन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बुधवार को सुजलाम जल महोत्सव के अंतर्गत ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में देश के पहले जल स्तंभ का अनावरण किया। उज्जैन प्रवास के दौरान उन्होंने भगवान महाकाल के दर्शन कर पूजन-अर्चना की।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत बुधवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने गर्भगृह से भगवान महाकाल का विधिवत अभिषेक किया। नंदी हाल में मंदिर समिति की ओर से कलेक्टर आशीष सिंह ने डॉ. भागवत का स्वागत किया। इसके बाद महंत विनीत गिरि व मंदिर समिति के सदस्यों ने उन्हें अभिनंदन पत्र भेंट किया।
परिसर स्थित मार्बल चबूतरे पर चल रहे चतुर्वेद पारायण स्थल पर श्री वेदनारायण भगवान की पूजा अर्चना के बाद सरसंघचालक शहनाई गेट के समीप स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचे। मंदिर के मुख्य कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर भस्म रमैया भक्त मंडल के सदस्यों ने झांझ व डमरू तथा बंगाली समाज की महिलाओं ने शंख की मंगल ध्वनि से उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने जल स्तंभ का अनावरण किया। कार्यक्रम स्थल पर बने चार मंच में से एक मंच पर सरसंघचालक बैठे थे। दूसरे मंच पर शहर के प्रमुख साधु-संत व मंडलेश्वर विराजित थे। तीसरे मंच से वेदपाठी बटुक स्वस्ति वाचन व मंगलाचरण कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि महाकालेश्वर मंदिर में बीते पांच दिसंबर से सुजलाम जल महोत्सव मनाया जा रहा है। सरसंघचालक डॉ. भागवत पंच महाभूत के जलतत्व पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के सारस्वत सत्र में अतिथि हैं। यह सेमिनार इंदौर रोड स्थित मालगुड़ी डेज में आयोजित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत चतुर्वेद पारायण भी किया जा रहा है। इसी महोत्सव के अंतर्गत देश-दुनिया को जल का महत्व बताने के लिए महाकाल के आंगन में जल स्तंभ स्थापित किया गया है। इसका निर्माण 60 किलो चांदी से किया गया है। इस पर चार वेद में जल तत्व का महत्व बताती चार ऋचाओं का अंकन है। प्रत्येक ऋचा के साथ हिन्दी में उसका अनुवाद भी उत्कीर्ण किया गया है। जल कुंड के मध्य में जल स्तंभ प्रतिष्ठित हैं। इसके चारों ओर रंगबिरंगी लाइटिंग भी लगाई गई है।
सेमिनार में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय हरित अभिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने की। कार्यक्रम में स्वामी अदृश्य काग सिद्धेश्वरजी महाराज मठाधिपति कनेरी मठ, कोल्हापुर का सान्निध्य भी प्राप्त हुआ। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने जल स्तंभ अनावरण कार्यक्रम को संबोधित किया। इसके बाद वे अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन में शामिल होने के इंदौर रोड स्थित मालगुडी डेज रवाना हो गए।
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लोहरदगा, । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संघ के प्रवासी कार्यकर्ताओं के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संगठन ही सभी समस्याओं का निदान है। कार्यकर्ता पूरी लगन एवं ईमानदारी के साथ संगठन हित में काम करें। हमें मिलकर समाज को आगे बढ़ाना है।
लोहरदगा के वनवासी कल्याण केंद्र में आयोजित प्रशिक्षण शिविर का रविवार को अंतिम दिन था। कार्यकर्ताओं से रूबरू डॉ. भागवत ने कहा कि सुदूरवर्ती इलाके में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर कैसे उंचा उठे, हमें इस पर भी चिंतन करने की जरूरत है। करीब चार घंटे के लोहरदगा प्रवास पर पहुंचे डॉ. भागवत ने प्रशिक्षण लेने वाले सभी कार्यकर्ताओं की बातों को ध्यान से सुना, उनका परिचय भी जाना।
इस अवसर पर क्षेत्र संचालक देवव्रत पाहन, झारंखड के प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल अग्रवाल, प्रांत कार्यवाहक संजय कुमार, प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा, सह प्रांत प्रचारक राजीव कुमार, विभाग संघचालक साहु प्रकाश, विभाग प्रचारक समी कुमार, जिला संघ चालक मनोज दास, जिला कार्यवाहक सचिन किशलय भी मौजूद रहे। प्रशिक्षण वर्ग में लोहरदगा, जमशेदपुर, सिमडेगा, गुमला और पलामू के करीब 150 कार्यकर्ता शामिल थे। संघ प्रमुख के आगमन के मद्देनजर लोहरदगा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। डॉ. भागवत यहां से छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के दो दिवसीय प्रवास पर रवाना हुए।