काहिरा । मिस्र की दो दिवसीय यात्रा के दौरान रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तय कार्यक्रम से हटकर गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे, जिसका निर्माण 4000 साल से भी पहले हुआ था। ज्ञात रहे कि गीजा का पिरामिड दुनिया के सात अजूबों में शामिल है।
तीन पिरामिड में से सबसे बड़ा काहिरा के बाहर एक चट्टान पर बना ग्रेट पिरामिड की ऊंचाई 146.5 मीटर है। इसका निर्माण उस समय मिस्र के फराओ खुफू ने करवाया था।
अमेरिका की सफल राजकीय यात्रा के बाद, मोदी मिस्र की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दूसरे दिन पिरामिड को देखने पहुंचे। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली पिरामिड की यात्रा के दौरान मोदी के साथ थे।
प्रधानमंत्री ने यात्रा के बाद ट्वीट किया, मैं पिरामिड की यात्रा पर मेरे साथ आने के लिए प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली को धन्यवाद देता हूं। हमने अपने राष्ट्रों के सांस्कृतिक इतिहास और आने वाले समय में इन संबंधों को कैसे गहरा किया जाए, इस पर गहन चर्चा की।
तीनों पिरामिड का निर्माण 2600 ईसा पूर्व और 2500 ईसा पूर्व के बीच प्राचीन साम्राज्य के चौथे राजवंश के शासन के दौरान किया गया था। प्राचीन मिस्र के इतिहास को तीन मुख्य काल प्राचीन साम्राज्य (लगभग 2700 से 2200 ईसा पूर्व), मध्य साम्राज्य (2050 से 1800 ईसा पूर्व) और नया साम्राज्य (1550 से 1100 ईसा पूर्व) में विभाजित किया गया है।
गीजा के पिरामिड और आधे मानव-आधे शेर की आकृति वाले स्फिंक्स समेत मेम्फिस क्षेत्र के प्राचीन खंडहर को सामूहिक रूप से 1979 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक पिरामिड देखने आते हैं।
MODI IN EGYPT
अब काहिरा में मोदी का इंतजार, अमेरिका के बाद 24-25 जून को मिस्र जाएंगे भारतीय प्रधानमंत्री
काहिरा । भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं और वहां छाए हुए हैं। उनका जोरदार स्वागत हो रहा है। अमेरिका के बाद अब काहिरा में मोदी का इंतजार किया जा रहा है। अपनी अमेरिका यात्रा समाप्त कर भारतीय प्रधानमंत्री मिस्र की यात्रा पर जाएंगे।
भारतीय प्रधानमंत्री 23 जून तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। अमेरिका से मोदी मिस्र के लिए रवाना होंगे। वे 24-25 जून को दो दिन की राजकीय यात्रा पर मिस्र में रहेंगे। यह वर्ष 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली मिस्र यात्रा होगी। वे मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर यह यात्रा कर रहे हैं। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी और उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री को मिस्र यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री व मिस्र के राष्ट्रपति के बीच दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने तथा कारोबार एवं आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी।
अल हकीम मस्जिद भी जाएंगे मोदी
अपनी मिस्र यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिस्र की राजधानी काहिरा स्थित अल हकीम मस्जिद भी जाएंगे। काहिरा के बाब अल-फुतुह के बगल में स्थित अल हकीम मस्जिद की नींव वर्ष 990 में फातिमी खलीफा अल-अजीज बी-इलाह निजार ने रखी थी। वर्ष 1013 में अल-अजीज बी-इलाह निजार के बेटे अल-हकीम के शासनकाल के दौरान इसका निर्माण पूरा हुआ था। वर्ष 1302 में मिस्र में आये भूकंप के कारण अल-हकीम मस्जिद बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। मीनार के कई मेहराब, आंतरिक खंभे ढह गए थे। बाद में सुल्तान कलावुन द्वारा इस मस्जिद का जीर्णोद्धार किया गया था। इसके बाद 2017 में मुस्लिम बोहरा समुदाय ने इस मस्जिद के पुनरुद्धार का बीड़ा उठाया। छह वर्ष तक चले पुनरुद्धार के बाद इसी वर्ष फरवरी में यह मस्जिद खोली गयी है। मुसलमानों के बोहरा समुदाय का मुख्य निवास भारत माना जाता है। इसीलिए मिस्र यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस मस्जिद में जाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।