नूंह/गुरुग्राम । मेवात में हुए दंगों के बाद पुलिस ने रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों पर बड़ा एक्शन लिया है। शुक्रवार को सरकार का बुल्डोर भी अवैध घुसपैठियों के घरों पर चल गया। प्रशासन ने तावड़ू इलाके में सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठे घुसपैठियों के 200 से ज्यादा घरों को जमींदोज कर दिया। पुलिस सूत्रों की माने तो शुरुआती जांच में ये लोग हिंसा में शामिल पाए गए हैं। ऐसे में पुलिस ने अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया है। यहां रह रहे कई युवकों का नाम एफआईआर में भी दर्ज है।
नूंह जिले के एसपी नरेंद्र बिजराणिया ने बताया कि हरियाणा विकास प्राधिकरण की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस जमीन को खाली करवाया है। उन्होंने कहा कि दंगों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है।
एसपी ने बताया कि अब तक 55 एफआईआर दर्ज की गई है और 141 गिरफ्तारियां हुई हैं। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ और जांच चल रही है। पुलिस को जैसे-जैसे कहीं भी सुराग मिलता है उस पर काम कर रही है। गुरुवार को भी 19 लोगों को न्यायिक हिरासत में लिया गया था और बाकी रिमांड पर हैं।
एसपी सिंगला के तबादले के आदेश जारी
हरियाणा सरकार ने गुरुवार देर रात नूंह जिला के एसपी वरूण सिंगला के तबादले के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेशों में उनका भिवानी में तबादला किया गया है। वहीं उनके स्थान पर अब नरेंद्र बिजारणिया को नूंह एसपी की जिम्मेदारी दी गई है। बता दें कि ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा के दौरान हुई हिंसा में अभी तक 88 लोगों के घायल होने और 6 लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासन की तरफ से की गई है।
MEVAT VIOLENCE
नई दिल्ली । नूंह और उसके आसपास की हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है। नूंह में सांप्रदायिक तनाव के बाद दिल्ली-एनसीआर में विहिप और बजरंग दल की रैलियों पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट 4 अगस्त को सुनवाई करेगा। आज कोर्ट ने आदेश दिया कि भड़काऊ बयान की स्थिति में कार्रवाई हो। यह देखा जाए कि कार्यक्रमों के चलते हिंसा न हो। संवेदनशील क्षेत्र में कार्यक्रम हो तो अतिरिक्त बल तैनात करें और सीसीटीवी कैमरा लगाएं।
बुधवार सुबह इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग करते हुए वकील चंद्र उदय सिंह ने जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन किया था। चंद्र उदय सिंह ने जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इसलिए मेंशन किया था, क्योंकि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अनुच्छेद 370 पर सुनवाई कर रही संविधान बेंच की अध्यक्षता कर रहे हैं।