नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के घर पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने हमला किया है। इस हमले में दो गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। स्वाति मालीवाल ने एक वीडियो जारी कर कहा है-कुछ अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर मां की गाड़ी व उनकी गाड़ी को क्षतिग्रस्त किया है। गनीमत है की घटना के दौरान वह वहां नहीं थे। अगर होते तो कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी।
स्वाति मालीवाल ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी है। मालीवाल ने कहा है कि हमले के वक्त वह और उनकी मां घर पर नहीं थी। हमलावर ने गाड़ी बुरी तरह से तोड़ दी और घर में घुसने की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट कर कहा- ‘कुछ भी कर लो, मैं डरूंगी नहीं।’ स्वाति अपनी मां के साथ उत्तरी जिले के सिविल लाइन में रहती हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल पूरे मामले की जांच कर रही है। स्वाति मालीवाल के इस घटना के ट्वीट करने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में कानून व्यवस्था का बहुत बुरा हाल हो गया है। यहां तक कि दिल्ली महिला आयोग कि अध्यक्ष भी सुरक्षित नहीं हैं। खुलेआम कत्ल हो रहे हैं। उम्मीद करता हूं कि एलजी थोड़ा समय कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए भी देंगे।
Maliwal
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने बाहरी उत्तरी जिले के नरेला इलाके में आठ साल की बच्ची के अपहरण और हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। लड़की की बड़ी बहन ने आयोग में शिकायत दर्ज करवाई थी। लड़की की बहन ने अपनी शिकायत में आयोग को बताया कि वे पांच भाई-बहन हैं और उनके पिता नहीं हैं।
आठ साल की बच्ची नरेला में अपनी मां और भाई-बहनों के साथ रहती थी। उसने बताया कि उसकी मां घरों में काम करती है। शुक्रवार को उनका एक पड़ोसी उसकी आठ साल की बहन को खाने का सामान दिलाने के बहाने से ले गया और उसे अगवा कर लिया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब बच्ची नहीं लौटी तो दिल्ली पुलिस में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई। उसने बताया कि जब पुलिस ने आरोपित को पकड़ा तो उसने बताया कि उसने बच्चे की हत्या कर दी है। इसके बाद लड़की का शव एक लाल बत्ती के पास कुछ झाड़ियों से बरामद किया गया। शिकायतकर्ता ने अपनी बहन के साथ बलात्कार और मामले में अन्य आरोपितों की संलिप्तता का आरोप लगाया है।
डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले का संज्ञान लिया है और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। फिलहाल मामले में आईपीसी की धारा 363 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आयोग ने पुलिस से पूछा है कि एफआईआर में बलात्कार और हत्या की संबंधित धाराओं को जोड़ा गया है या नहीं।
आयोग ने शिकायतकर्ता द्वारा आरोपित सभी आरोपितों की गिरफ्तारी की जानकारी के साथ बच्ची के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी भी मांगी है। दिल्ली पुलिस को इस मामले में 11.10.2022 तक रिपोर्ट देने को कहा गया है।
मालीवाल ने कहा, “एक आठ साल की बच्ची की हत्या कर दी गई और उसके सिर को पत्थरों से बेरहमी से कुचल दिया गया। उसके परिवार का आरोप है कि उसके साथ रेप किया गया। हमने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। यह घटना बहुत परेशान करने वाली है। हर दिन एक जघन्य अपराध की सूचना मिलती है और राजधानी बच्चों के लिए असुरक्षित होती जा रही है। सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जानी चाहिए।”
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने दिल्ली सरकार के डिविजनल कमिश्नर को नोटिस जारी कर उस एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो अपने अधिकार क्षेत्र में तेजाब बिक्री के प्रावधानों एवं नियमों को सुचारु रुप से लागू करने में विफल रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने ‘लक्ष्मी बनाम भारत संघ और अन्य’ के मामले में देश में तेजाब हमलों को रोकने के लिए तेजाब की बिक्री को विनियमित करने के लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इस संबंध में दिल्ली सरकार ने एसिड की बिक्री को नियंत्रण करने के लिए एक आदेश पारित किया था, जिसमे क्षेत्र के सम्बन्धित उपजिलाधिकारी को नियमों के उल्लंघन पाए जाने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार दिया था।
इसके उपरान्त भी यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजधानी में खुलेआम तेजाब की बिक्री जारी है। दिल्ली में पता लगाने के लिए आयोग द्वारा अगस्त 2022 में सभी जिलाधिकारियों को तेजाब बिक्री से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने हेतु नोटिस जारी किए गए थे। साथ ही एसडीएम द्वारा किए गए निरीक्षणों की संख्या, लगाए गए जुर्माने की संख्या के साथ जुर्माने की राशि के संबंध में भी जानकारी मांगी गई थी।
इसके अतिरिक्त, एकत्र की गई जुर्माने की राशि के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश और इस संबंध में व्यय का विवरण भी मांगा गया था। दिल्ली के सभी जिलों से मिली जानकारी बेहद डराने वाली हैं।
संबंधित विभाग से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर यह देखने में आया है कि जिलों में एसिड बिक्री को नियंत्रण करने के लिए तय प्रावधानों के अनुसार निरीक्षण नहीं किए जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, वर्ष 2017 में शाहदरा और उत्तरी जिले में एसडीएम द्वारा आज तक कोई भी निरीक्षण नहीं किया गया है। नई दिल्ली जिले के अलावा, जहां 554 निरीक्षण किए गए थे, अधिकांश जिलों में निरीक्षण नहीं किए जा रहे हैं।
इसके अलावा जिलों में तेजाब की अनियमित बिक्री के खिलाफ शायद ही कोई दंडात्मक या वैधानिक कार्यवाही को अमल में लाया जा रहा है। उदाहरण के लिए, पूर्वी, उत्तरी, नई दिल्ली, उत्तर पूर्वी और शाहदरा जिले के कई एसडीएम ने 2017 के बाद से अपने जिलों में अनियमित एसिड बिक्री पर एक भी जुर्माना नहीं लगाया है।
आयोग को प्राप्त सूचना के अनुसार पश्चिमी जिले में पिछले छह वर्षों में सबसे ज्यादा दंड राशि – 9,90,000 रुपये एकत्र की। इसके बाद दक्षिणी जिला था जिसने रु/- 8,15,000 और सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट जिसने रु0 7,85,000/-, उत्तर पश्चिम जिले ने पिछले 6 वर्षों में 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। स्पष्ट रूप से, यह राशि वास्तविक रुप से संज्ञान में आए अवैध रुप से एसिड बिक्री के मामलों के मुकाबले काफी कम है। दुर्भाग्य की बात यह भी है कि, वर्ष 2017 के बाद से एकत्र किए गए 36.5 लाख रुपये के जुर्माने की राशि का उपयोग एसिड अटैक पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए नहीं किया जा रहा है, जैसा कि अनिवार्य था।
आयोग ने डिविजनल कमिश्नर को यह बताया है कि राजधानी में खुलेआम तेजाब बिकता है और राजधानी में कई एसिड अटैक के मामले आए दिन संज्ञान में आते हैं। आयोग ने दिल्ली में एसिड की बिक्री के नियंत्रण के लिए उठाये गए कदमो के साथ साथ शाहदरा और उत्तर जिले के सम्बन्धित विभागाधिकारियों के खिलाफ पिछले 6 साल में एक भी निरीक्षण नहीं करने पर की गई कार्रवाई की जानकारी देने को भी कहा गया है।
इसके अलावा, पांच जिलों – पूर्वी दिल्ली, उत्तर दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तर पूर्वी और शाहदरा जिलों के एसडीएम के खिलाफ 2017 के बाद से अनियमित एसिड बिक्री पर एक भी जुर्माना नहीं लगाने के लिए कार्रवाई की मांग की गई है। आयोग ने एसिड अटैक पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए जुर्माने के रूप में 2017 से एकत्र 36.5 लाख रुपये की राशि के उपयोग पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “राजधानी में एसिड की बिक्री खुलेआम जारी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिले के सम्बन्धित अधिकारी एसिड की अनियंत्रित बिक्री की ठीक से जांच नहीं कर रहे हैं। हमने इस मामले में अभी तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है और मुझे उम्मीद है कि इस संबंध में जल्द ही सकारात्मक बदलाव किए जाएंगे।”
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने दावा किया है कि ट्विटर पर बच्चों के अश्लील वीडियो और छोटी बच्चियों के रेप के वीडियो 20-30 रुपए में बेचे जा रहे हैं। मालीवाल ने कुछ स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं। मालीवाल ने बताया कि उन्होंने मामले को लेकर ट्विटर इंडिया के पॉलिसी हेड को समन किया है।
हाल ही में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की एक लड़की के द्वारा 60 लड़कियों के नहाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। दरअसल ये कोई पहला मामला नहीं है, जब ऐसा कोई मामला सामने आया है, इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं। ट्विटर पर भी लगातार चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कई वीडियो सामने आते रहे हैं, जिस पर अब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने ट्विटर के इंडिया हेड को समन भेजकर जवाब मांगा है।
स्वाती मालीवाल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर कई ऐसे फोटोज और वीडियो शेयर किए हैं, जिसमें खुलेआम लोगों को अश्लील वीडियो परोसे जा रहे हैं और हजारों लोग इन्हें शेयर कर रहे हैं। इनमें छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार की वीडियो, खुफिया कैमरे से महिलाओं की नहाते हुए वीडियो, सोती हुई बच्चियों से रेप के वीडियो शामिल हैं।
स्वाती मालीवाल ने इन सभी फोटोज और वीडियो पर ट्विटर के इंडिया हेड को समन कर जवाब मांगा है, साथ ही दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के डीसीपी को भी समन किया है। स्वाती मालीवाल का कहना है कि इन सबमें कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है, दिल्ली पुलिस को जल्द ही एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच शुरू करनी चाहिए।