बीजिंग । मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की बुधवार को चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ बैठक के बाद दोनों देशों ने 20 प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति मुइज्जू का यह दौरा भारत के साथ विवाद के बीच शुरू हुआ। मालदीव और चीन ने समझौते में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया। उम्मीद है कि माले लौटने से पहले मुइज्जू चीनी प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिल सकते हैं।
चीन के फुजियान प्रांत में मंगलवार को राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव बिजनेस फोरम को संबोधित किया। यहां उन्होंने अपील करते हुए कहा कि चीन अधिक पर्यटकों को भेजने के प्रयासों को तेज करे।
मुइज्जू ने कहा कि कोविड से पहले चीन मालदीव का पर्यटन के लिहाज से नंबर एक बाजार था। मालदीव पर्यटन मंत्रालय द्वारा हाल में जारी आंकड़े के अनुसार, 2023 में पर्यटन के हिसाब से भारत से आने वालों की संख्या सबसे अधिक थी। रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर था।
मुइज्जू की चीन यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ उनके मंत्रियों की टिप्पणियों और मालदीव के यूरोपीय संघ चुनाव अवलोकन मिशन की रिपोर्ट जारी होने के बीच हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने 2023 के राष्ट्रपति चुनाव में भारत विरोधी भावनाओं को प्रमुखता दी और गलत सूचना फैलाने का प्रयास किया, जिससे मुइज्जू ने जीत हासिल की थी।
MALDIV
चेन्नई (तमिलनाडु) । मालदीव सरकार के तमिलनाडु के जहाज मालिक पर कथित तौर पर मालदीव के समुद्री क्षेत्र में प्रवेश करने के मामले में 2.28 करोड़ रुपये का जुर्माना को बरकरार रखा है।
दरअसल, गत 22 अक्टूबर को ‘होली स्पिरिट’ नामक मछली पकड़ने वाले जहाज को मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बल के तटरक्षक बल ने जब्त कर लिया था, जिस पर 12 मछुआरे सवार थे। इस पर मालदीव के मत्स्य पालन, समुद्री संसाधन और कृषि विभाग ने 29 अक्टूबर को जहाज के मालिक पर 2.28 करोड़ रुपये (42,00,000 मालदीवियन रूफिया) का जुर्माना लगाया था। इस जुर्माना के खिलाफ मछली पकड़ने वाले जहाज के मालिक एंटनी जयाबालन ने मालदीव सरकार से अपील की थी, लेकिन थारुवैकुलम जहाज संचालक की इस अपील को मालदीव सरकार ने खारिज कर दिया है। सरकार ने जहाज मालिक पर लगाए गए 2.28 करोड़ के जुर्माने को बरकरार रखा। मालदीव गणराज्य के मत्स्य पालन, समुद्री संसाधन और कृषि मंत्रालय ने जुर्माना माफ करने या इसे कम करने से इनकार कर दिया।
जहाज के मालिक जयबालन ने आरोप लगाया कि मालदीव में भारतीय विदेश मामलों के उच्चायोग के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर भारतीय मछुआरों के पक्ष में राजनयिक बातचीत नहीं की। मालदीव के पानी में अनजाने में मछली पकड़ने की बात भी साबित नहीं हुई है। मछली पकड़ने का तरीका, पकड़ी गई मछलियां और बायकैच की अनुमति भारत सरकार के अनुसार है। उन्होंने कहा कि जुर्माना राशि जहाज की लागत से लगभग दोगुना है। इसलिए मैं जुर्माने के खिलाफ फिर से अपील करुंगा। इसे लेकर नई दिल्ली में आंदोलन करने की योजना बना रहा हूं।
जहाज पर मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र में अतिक्रमण करने, मछली पकड़ने के निषिद्ध तरीकों को अपनाने, बिना लाइसेंस के मछली पकड़ने और मालदीव के जल में प्रतिबंधित मछली प्रजातियों को पकड़ने, मारने और रखने सहित कई आरोप लगाए गए हैं।