लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नए फरमान से राज्य की सियासत गर्माने के पुरे असर बन रहे हैं । मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में योगी सरकार ने राज्य के उन सभी मदरसों का सर्वे करने का निर्देश जारी किया हैं जिन्हें मान्यता नहीं मिली है। इसके लिए जिलाधिकारियों को आदेश दे दिया गया है। बताया जा रहा है कि, इस सर्वे टीम में एसडीएम, बीएसए और अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल होंगे। योगी सरकार के इस निर्देश की एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने निंदा की है। उन्होंने इसे सर्वे नहीं बल्कि एक मिनी-एनआरसी बताया है, जबकि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सर्वे का समर्थन किया है।
25 अक्टूबर तक मांगी गयी रिपोर्ट
यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि, योगी सरकार अल्पसंख्यक और मुस्लमान युवाओं के लिए लगातार काम कर रही हैं । ये आदेश इसलिए दिए गए हैं ताकि मदरसों को मॉडर्न और डिजिटल बनाया जा सके। दानिश ने बताया कि, 25 अक्टूबर तक जिलाधिकारी इस आदेश पर काम कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे.
मुस्लिमो की भले के लिए हो रहा सर्वे- दानिश आजाद अंसारी
दानिश ने इस सर्वे की और जानकारी देते हुए बताया कि, इस बात को देखा जाएगा कि मदरसों में सैलरी किस तरह दी जाती है? मदरसों का इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है? पहले मदरसों का सर्वे किया जाएगा उसके आधार पर आगे किसी प्रकार का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, सरकार को जानकारी होनी चाहिए कि असल में ग्राउंड पर चल क्या रहा है.
सरकार के इस आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे पर राजनीति गरमा गई है । गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के आदेश को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया और इसे मिनी एनआरसी करार दिया । ओवैसी ने इसे मुसलमानों का उत्पीड़न करार दिया। उन्होंने कहा की जब कोई आर्थिक मादा नहीं देते तो सर्वे कैसे कर सकते हैं ।
इस पर बयानबाज़ी में बीजेपी के गिरिराज सिंह भी कूद पड़े हैं । गिरिराज सिंह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के डीएनए में जिन्ना है और वो जिन्ना की भाषा बोलते है। उनको हर अच्छाई में केवल बुराई नजर आती है। उन्होंने कहा कि ओवैसी केवल मुसलमानों को बरगलाने का काम करते हैं। इस सर्वे का मतलब मदरसों में अच्छी शिक्षा देना है। क्या मदरसे के बच्चों को अच्छी और विज्ञानयुक्त शिक्षा लेने का हक नहीं है. क्या बैरिस्टर बनने का अधिकार सिर्फ ओवैसी को है।
गिरिराज सिंह ने ओवैसी पर हमला करते हुए कहा कि वो अभी भी जिन्ना की मानसिकता में जी रहे हैं, जब जिन्ना ने देश के बंटवारे की नींव रखी थी. ये उन्हीं के डीएनए के हैं. वो साल 2022 की चर्चा नहीं कर रहे, वो 2024 की भी चर्चा नहीं कर रहे वो साल 1906 की बात कर रहे हैं. जब जिन्ना ने भारत को तोड़ने के लिए नई पार्टी बनायीं थी। ओवैसी को हर अच्छाई में सिर्फ बुराई ही नजर आती है.
उधर असदुद्दीन ओवैसी ) ने मदरसों के सर्वे को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि मदरसे भारत के संविधान अनुच्छेद 30 के अंतर्गत हैं तो यूपी सरकार ने सर्वे (कराने का आदेश क्यों दिया है। अनुच्छेद 30 के तहत सरकार हमारे अधिकारों में दखल नहीं दे सकती है। वे मुस्लिमों का शोषण करना चाहते हैं. उन्होंने इस सर्वे को छोटा एनआरसी बताया। यूपी सरकार मदरसों को लेकर झूठ फैलाना बंद करे, , जब मदद नहीं कर सकते तो मदरसों में दखल क्यों दे रहे हैं।