लंदन। ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर कल (गुरुवार) सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त को धता बताते हुए कुछ अलगाववादियों ने प्रदर्शन किया। इनके हाथों में खालिस्तान और कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के समर्थन में बैनर थे। मेट्रोपालिटन पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को भारतीय उच्चायोग के सामने लगे अवरोधकों के पास रोक दिया गया। पिछले कुछ दिनों में अमेरिका, कनाड़ा, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में कुछ अलगाववादी भारत की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। हांलाकि इन्हें ज्यादा समर्थन नहीं मिल रहा है। पर विदेश की धरती पर भारत विरोधी प्रदर्शन के चलते वह इसे अन्तरराष्ट्रीय चर्चा में लाने का प्रयास कर रहे हैं।
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इंडियन हाई कमीशन पर खालिस्तानी समर्थकों के हमले से ब्रिटिश सांसद खफा , कहा पुलिस तत्काल गिरफ्तार करे
लंदन । इंग्लैंड में इंडियन हाई कमीशन पर खालिस्तानी समर्थकों के हमले से ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन गुस्से में हैं। आक्रोश प्रकट करते हुए उन्होंने लंदन पुलिस से हमलावरों को गिरफ्तार करने को कहा है।
रविवार को कुछ खालिस्तान समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमला कर भारत के राष्ट्रीय ध्वज को उतारने की कोशिश की थी। खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करते हुए इन लोगों ने दूतावास में तोड़फोड़ भी की थी। इस दौरान भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने हिम्मत दिखाते हुए खालिस्तानियों का विरोध किया और खालिस्तानी झंडे को फहराने की कोशिश कर रहे युवक से खालिस्तानी झंडा लेकर फेंक दिया। घटना के बाद भारतीय उच्चायोग पर एक विशाल तिरंगा झंडा फहराया गया है।
इस घटना पर ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने खालिस्तानी समर्थकों को चेतावनी देते हुए लंदन पुलिस से इनपर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है। बॉब ने कहा कि यह सिख समुदाय का एक बहुत छोटा, अति-छोटा तबका है। इस देश में सिखों का विशाल बहुमत खालिस्तानी विचारधारा को पूरी तरह से खारिज करता है और यह बात सभी लोग जानते हैं। पुलिस को स्पष्ट संदेश देते हुए उन्होंने हमलावरों को गिरफ्तार कर सबक सिखाने की बात कही है। बॉब ने कहा कि हमलावरों से उचित तरीके से निपटने की आवश्यकता है। बॉब ब्लैकमैन ने ट्वीट कर घटना की निंदा की है और भारतीय उच्चायोग को संदेश देते हुए भारतीयों के साथ होने की बात कही है।
सैन फ्रांसिस्को (कैलिफोर्निया) । खालिस्तान समर्थकों का हौसला बढ़ता जा रहा है। लंदन के बाद अब इन लोगों अमेरिका में भारतीय दूतावास को निशाना बनाया है। खालिस्तान आंदोलन को हवा देने वाले कट्टरपंथी और अलगाववादी अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने इंग्लैंड के बाद यहां भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर तोड़फोड़ की है। सैन फ्रांसिस्को की गिनती संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और वित्तीय केंद्र के रूप में होती है। अमृतपाल सिंह भारत में पंजाब पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दिन-रात एक किए हुए है।
सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ करने से पहले अलगाववादी समर्थकों ने प्रदर्शन कर खालिस्तान के झंडे लहराए। भारतीय अधिकारियों ने इन झंडों को हटाया, तो उन पर हमला कर दिया। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इन लोगों ने दूतावास में घुसकर दरवाजे तोड़ते हुए नारेबाजी की। साथ ही दूतावास की दीवार पर फ्री अमृतपाल नारा भी लिख दिया।
इससे पहले ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भी अमृतपाल सिंह के समर्थकों का एक समूह भारतीय उच्चायोग में हंगामा कर भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का अपमान कर चुके हैं। लंदन की घटना पर भारत कड़ी आपत्ति जता चुका है।