अयोध्या। योगी सरकार रामनगरी अयोध्या का न सिर्फ भौतिक, बल्कि आध्यात्मिक रूप से विकास सुनिश्चित कर रही है। भावी पीढ़ी अपने गौरवशाली अतीत से अवगत हो और उन मूल्यों से जुड़ाव महसूस कर सके, इसके लिए योगी सरकार 1987 में पहली बार प्रसारित हुए रामानंद सागर कृत रामायण टीवी धारावाहिक का भी अयोध्या में लगभग सात स्थानों पर विशेष प्रसारण करा रही है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद जब 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो अलग ही नजारा होगा, लेकिन उसके पहले वर्तमान व भावी पीढ़ी में प्रभु श्रीराम के त्याग, धैर्य, वैराग्य और पराक्रम की अलख जगाने के लिए योगी सरकार शहर के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन्स के जरिए निरंतर इसका प्रसारण करा रही है।
रात 11 बजे तक कई स्थानों पर हो रहा प्रसारण
रामायण का प्रसारण शाम पांच बजे से रात 11 बजे तक निरंतर कई स्थानों पर किया जा रहा है। रामकथा पार्क संग्रहालय, कनक भवन के पास, श्रीराम आश्रम, अशर्फी भवन, तुलसी उद्यान, भजन संध्या स्थल, लक्ष्मण किला आदि स्थानों पर इसका प्रसारण किया जा रहा है। प्रभु श्रीराम के विग्रह की श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व ही निराकार रामलला के साकार होने की लालसा ने अयोध्यावासियों को इस कदर भाव विह्वल कर दिया है कि रामायण के प्रसंगों में वह अपने-अपने राम को अंगीकार होते देख रहे हैं।
सर्द रातों में भी सिर चढ़कर बोल रही आस्था
प्रदेश के सूचना व जनसंपर्क विभाग की तरफ से इसका प्रसारण किया जा रहा है। लोगों की आस्था सर्द रात में भी सिर चढ़कर बोल रही है। खास बात यह है कि खुले आसमान के नीचे कड़ाके की सर्दी के बीच भी जब रामायण के प्रसिद्ध प्रसंगों का प्रसारण होता है एक बार चलती सड़क पर जनमानस भी ठिठक जाता है और वह प्रसंग देखकर भाव-विह्वल हो जाते हैं। आलम यह है कि शाम पांच से 11 बजे के बीच जब इसका मंचन होता है तो देर रात प्रसारित हो रहे प्रसंगों का साक्षी अच्छी खासी भीड़ को बनता देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर समेत अयोध्या में विकास कार्यों को गति देने में जुटे श्रमिक अपने दिन भर का कार्य पूरा करके जब घर लौटते हैं तो रास्ते में वह इस प्रसारण को देखकर नई उर्जा से भर उठते हैं और अगले दिन नई उमंग से राम कार्य को पूर्ण करने के लिए काम पर चल देते हैं।
रामायण धारावाहिक के धार्मिक गीत व भजनों से गुंजायमान हुई अयोध्या
रामानंद सागर कृत रामायण के भक्तिगीत व भजन भी रामनगरी में जमकर गूंज रहे हैं। रवींद्र जैन के सुमधुर आवाज में निरंतर ”रामभक्त ले चला रहे राम की निशानी”, ”राम कहानी-सुनो रे राम कहानी”, ”मंगल भवन अमंगल हारी”, ”रामायण चौपाई”, ”हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की” समेत अनेक भजन यहां के प्रमुख चौक-चौराहों पर सुनने को मिल रहे हैं। पीएम मोदी के 30 दिसंबर को हुए भव्य रोड-शो के दौरान भी ये सभी गीत लगातार लाउडस्पीकर्स के जरिए बजाए जा रहे थे। विभिन्न माध्यमों के जरिए बज रहे ये सभी गीत न केवल कानों को झंकृत कर रहे हैं, बल्कि सुनने वाले की आत्मा में उतर कर आत्मिक संपदा में वृद्धि कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, लता चौक पर सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के कर्णप्रिय स्वर में ”श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन” समेत श्रीराम को समर्पित अनेक भजन आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।
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कानपुर। प्रदेश के सबसे बड़ी औद्योगिक नगरी कानपुर की वीआईपी रोड से अब रात का अंधेरा दूर करने की योजना के लिए लगभग डेढ़ करोड़ का खर्च होगा। कुल 320 एलईडी लाइटों को लगाकर शुक्रवार रात इसका परीक्षण भी किया गया। एक पोल में दो एलईडी लाइट लगाई गई हैं।
कानपुर महानगर की सबसे बेहतर रोड का नाम भी वीआईपी है, लेकिन अब तक इस रोड पर अंधेरा छाया रहता था। हालांकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत दो करोड़ रुपये के बजट से इस मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। शुक्रवार रात को इसका परीक्षण किया गया। कंपनी बाग से रावतपुर तिराहे तक स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य अभी नहीं हो पाया है। यहां पचास लाख रुपये से स्ट्रीट लाइट लगाई जानी है। इस मार्ग पर लगभग साढ़े पांच किलो मीटर तक काम होना है।
सबसे वीआईपी मार्ग पर अंधेरा होने की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। ऐसी सम्भावनाओं पर विराम लगाने का प्रयास करते हुए इस पूरे मार्ग को जगमग करने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत लाइटें लगाई जा रही हैं। इस पूरे रूट पर 320 एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। हर एक पोल पर दो एलईडी लगेंगी।
सी.सी.एम.एस से जोड़ी गई हैं स्ट्रीट लाइट्स
स्मार्ट सिटी प्रभारी आर.के. सिंह ने बताया कि स्ट्रीट लाइट लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। कंपनीबाग से रावतपुर तिराहे तक लाइट लगाई जा रही हैं। स्ट्रीट लाइट्स को सीसीएमएस से जोड़ा गया है। अंधेरा होते ही लाइटें स्वत: ऑन हो जाएंगी और सुबह होते ही अपने आप बंद हो जाएगी।