कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में जांच कर रहे केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर अब बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री टॉलीवुड के उन सितारों पर है जो नियुक्ति भ्रष्टाचार से हासिल हुए फंड की लागत से बनी फिल्मों में काम कर चुके हैं। इसमें नया नाम बोनी सेनगुप्ता का है। केंद्रीय एजेंसी के बुलावे पर वह गुरुवार दोपहर के समय सीजीओ कंपलेक्स स्थित ईडी मुख्यालय में पहुंचे हैं, जहां उनसे पूछताछ हो रही है। आरोप है कि नियुक्ति भ्रष्टाचार के एवज में वसूली होने वाली राशि से फिल्म बनाई जाती थी। कुंतल घोष भी उसका हिस्सा था और उसमें बोनी सेनगुप्ता हमेशा मुख्य भूमिका में रहते थे। गुरुवार को कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए कुंतल घोष से जब बोनी के बारे में सवाल पूछा गया तो उसने स्वीकार किया कि वह बोनी के साथ पांच साल काम कर चुका है।
ईडी के हाथ कुंतल घोष के अकाउंट से हुए रुपये के लेनदेन के दस्तावेज लगे हैं। इसमें बोनी का नाम है। दावा किया जा रहा है कि दोनों के बीच में राशि का लेनदेन हुआ है। हालांकि ये रुपये किस लिए दिए गए हैं, फिल्मों में काम करने के लिए पारिश्रमिक के तौर पर या उसका भ्रष्टाचार से कोई सीधा संबंध है, इस बारे में केंद्रीय एजेंसियां जांच करेंगी। फिलहाल बोनी से पूछताछ हो रही है।
kuntal ghosh
कोलकाता। बंगाल के शिक्षक नियुक्त भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए तृणमूल युवा नेता कुंतल घोष ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने यह भी स्वीकार किया है कि लाखों रुपये की एवज में उसने 35 लोगों को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नौकरी दिलवाई है। पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से उनके सीधे संबंध और समय पर रुपये पहुंचाने की वजह से यह सब कुछ संभव हो पाया था।
ईडी के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि कुंतल से उन सभी 35 लोगों की सूची मांगी गई है, जिसे उसने गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नौकरी दिलवाई है। सीधे तौर पर उनसे भी पूछताछ की जाएगी। ये लोग मूल रूप से मुर्शिदाबाद, पूर्व मेदिनीपुर और उत्तर 24 परगना के रहने वाले हैं। गत शनिवार को गिरफ्तारी के बाद से कुंतल से लगातार पूछताछ हो रही है। उसके सहयोगी शांतनु घोष और तापस मंडल को भी आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई है। इसी दौरान ये बातें सामने आई हैं।
पता चला है कि उसने 325 से अधिक परीक्षार्थियों से 19 करोड़ रुपये की वसूली की थी। इसके अलावा 10 करोड़ से अधिक की वसूली और अधिक छात्रों को गैरकानूनी तरीके से नियुक्त करने के नाम पर की थी। इनमें से 15.5 करोड़ रुपये पार्थ चटर्जी के पास कैश में पहुंचाए गए थे। बाकी रुपये भी धीरे-धीरे पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ तक पहुंचा दिए गए थे।
शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य पहले से गिरफ्तारी के बाद जेल में हैं। माणिक के करीबी तापस से लगातार पूछताछ हो रही है। उसी ने कुंतल के बारे में बताया था जिसके बाद गत शुक्रवार को न्यूटाउन के दो फ्लैट में तलाशी अभियान के बाद ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। अब पूछताछ में वह भी कई चौकाने वाले खुलासे कर रहा है।