शिमला। हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम बदल गया है। ओरेंज अलर्ट के बीच राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में बीती रात से बर्फ गिर रही है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू में बर्फबारी हो रही है। वहीं राजधानी शिमला सहित मैदानी इलाकों में आंधी व बिजली कड़कने के साथ झमाझम बारिश का दौर जारी है। वहीं कई जगह ओले भी गिरे।
मौसम में आये इस बदलाव से पहाड़ी इलाकों में ठिठुरन बढ़ गई है तो मैदानों में उमस का असर कम हुआ है। पिछले दो-तीन दिनों में राज्य के मैदानी हिस्सों का तापमान तेज़ी से बढ़ रहा था। ऊना, कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में अधिकतम तापमान के 33 डिग्री पार कर जाने से गर्मी पड़ना शुरू हो गई थी। ऊना में तो पारा 35 डिग्री पहुंच गया था। अब इन जिलों में बादलों के बरसने से मौसम सुहावना हो गया है।
चार अप्रैल तक खराब रहेगा मौसम
मौसम विभाग ने चार अप्रैल तक बारिश व बर्फ़बारी की संभावना जताई है। विभाग ने शनिवार और रविवार को कई जिलों में बर्फ़बारी, बारिश और अंधड़ चलने का ओरेंज व येलो अलर्ट जारी किया है। ओरेंज अलर्ट तब जारी किया जाता है जब मौसम सामान्य की तुलना में ज्यादा खराब होता है। इस स्थिति में लोगों को घरों से कम से कम बाहर निकलने की हिदायत दी जाती है। इसी तरह सैलानियों को भी बारिश-बर्फ़बारी सम्भावित क्षेत्रों में यात्रा न करने के लिए आगाह किया जाता है।
इस बीच लाहौल स्पीति में हो रही भारी बर्फ़बारी ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। इस बर्फ़बारी से कई सड़कें बंद होने से आवागमन ठप हो गया है।
लाहौल-स्पीति में कई जगह बिजली गुल
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक बारिश-बर्फ़बारी से राज्य भर में 168 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। इनमें 159 सड़कें अकेले लाहौल-स्पीति जिला में बंद हैं। इसके अलावा कुल्लू में तीन, चम्बा में दो, कांगड़ा, किन्नौर, मंडी और शिमला में एक-एक सड़क बंद है। बर्फ़बारी से लाहौल-स्पीति में दो और कुल्लू में एक नेशनल हाइवे पर भी वाहनों की आवाजाही ठप है। बारिश-बर्फ़बारी के साथ अंधड़ चलने से 22 ट्रांसफार्मर भी ठप पड़ गए हैं। लाहौल-स्पीति में 12, चम्बा में 8 और किन्नौर में दो ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं।
खराब मौसम ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें
इस बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मैदानी इलाक़ों में जहां गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है वहीं लाहौल स्पीति में मटर का बिजाई कार्य प्रभावित हुआ है। शुक्रवार रात हुई बारिश और ओलावृष्टि से सेब, मटर, आड़ू, गेहूं, टमाटर, शिमला मिर्च, फ्रासबीन, मटर, सरसों और गोभी की फसल को भी नुकसान हुआ है।