नई दिल्ली । संदिग्ध खालिस्तानी समर्थकों द्वारा कनाडा में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ और भारत विरोधी चित्र बनाए जाने की घटना सामने आई है। यह घटना कनाडा के ब्राम्पटन राज्य स्थित गौर शंकर मंदिर में हुई है, जिसे लेकर भारतीय समुदाय बहुत आहत है।
कनाडा के मंदिर में तोड़फोड़ की भारत की तरफ से कड़ी निंदा की गई है। कनाडा में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि इस घृणित कार्य से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। उल्लेखनीय है कि मेलबर्न सहित ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न स्थानों पर खालिस्तानी समूहों द्वारा भारतीयों एवं मंदिरों पर निशाना बनाए जाने की घटना के बाद कनाडा का यह मामला सामने आया है।
khalistan attack
मेलबर्न । खालिस्तान समर्थकों ने ऑस्ट्रेलिया में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण (बीएपीएस) के मंदिर पर हमला किया गया। यह मंदिर मेलबर्न में है। खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर में तोड़फोड़ कर दीवारों पर भारत विरोधी नारे भी लिखे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में उत्तरी उपनगर मिल पार्क क्षेत्र में स्थित स्वामीनारायण मंदिर पर 12 जनवरी की सुबह खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया। इन लोगों ने मंदिर परिसर में तोड़फोड़ भी की। उपद्रवियों ने मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे भी लिखे। मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थकों ने आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाला को शहीद लिखकर उसकी प्रशंसा की। ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हिंदुओं में इस घटना को लेकर खासा आक्रोश है।
बीएपीएस ने हमले की निंदा की है। बीएपीएस ने एक बयान में बर्बरता और घृणा के इन कृत्यों से दुखी और स्तब्ध होने की बात कही है। बयान में शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना करने की बात भी कही गयी है। घटना को लेकर हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष मकरंद भागवत ने कहा कि पूजा स्थलों के खिलाफ किसी भी तरह की नफरत और तोड़फोड़ अस्वीकार्य है। इसकी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधि नस्लीय और धार्मिक सहिष्णुता अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने सरकार और पुलिस से अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे निश्चित रूप से इस मामले को ऑस्ट्रेलियाई सरकार के समक्ष उठाएंगे। हिंदुओं की जान का खतरा बहुत गंभीर मामला है क्योंकि समुदाय इन खालिस्तान समर्थकों से डरता है।
उत्तरी महानगर क्षेत्र के लिबरल सांसद इवान मुल्होलैंड ने कहा कि यह बर्बरता ऑस्ट्रेलिया के शांतिपूर्ण हिंदू समुदाय के लिए बहुत ही दुखद है। इस तरह की धार्मिक घृणा का यहां कोई स्थान नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में हिंदू समुदाय के नेता बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर पंथ के साथ खड़े हैं और मंदिर पर हमले की निंदा कर रहे हैं। इस तरह की गतिविधि विक्टोरिया के नस्लीय और धार्मिक सहिष्णुता अधिनियम का उल्लंघन है।