वाराणसी,16 अगस्त -78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। तिरंगे के रंग में सजी बाबा की झांकी के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों का जनसैलाब उमड़ता रहा। मंदिर न्यास के अनुसार, रात 9 बजे तक 2,28,943 श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके थे। इस सावन माह में अब तक 45 लाख से अधिक भक्त दर्शन कर चुके हैं, हालांकि पिछले साल की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या थोड़ी कम रही है। पिछले साल सावन के 24 दिनों में ही 70 लाख से अधिक लोग दर्शन कर चुके थे। मंदिर न्यास ने शिवभक्तों के लिए पीने के पानी, हवा, और बैठने के उत्तम प्रबंध किए हैं। सावन के पांचवें सोमवार को बाबा विश्वनाथ सपरिवार झूले पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ के झूलनोत्सव की पूर्व परंपरा के अनुसार स्वतंत्रता दिवस पर टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास में बाबा की पंचबदन रजत प्रतिमा का तिरंगा श्रृंगार किया गया और कजरी उत्सव का आयोजन हुआ। कलाकारों ने कजरी गीत प्रस्तुत किए और भक्तों ने भी भजनों के साथ बाबा की महिमा का गुणगान किया। कार्यक्रम में उदीयमान कलाकारों ने “झूला धीरे से झुलाऊं महादेव”, “गंगा किनारे पढ़ा हिंडोल”, “डमरूवाले औघड़दानी” जैसी रचनाओं को बाबा के चरणों में अर्पित किया।
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महंत परिवार के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा (19 अगस्त) पर बाबा विश्वनाथ को माता पार्वती और भगवान गणेश के साथ झूले पर विराजमान किया जाएगा। काशी विश्वनाथ मंदिर में यह झूलनोत्सव शाम 5:30 बजे के बाद शुरू होगा। इससे पहले, टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा की पंचबदन प्रतिमा का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद मंदिर के अर्चक और महंत परिवार के सदस्य बाबा की प्रतिमा को सिंहासन पर विराजमान करके टेढ़ीनीम से साक्षी विनायक, ढुंढिराजगणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए विश्वनाथ मंदिर तक ले जाएंगे। इस दौरान बाबा का विग्रह श्वेत वस्त्र से ढंका रहेगा। मंदिर पहुंचने पर बाबा की पंचबदन प्रतिमा को माता पार्वती और गणेश के साथ पारंपरिक झूले पर विराजमान किया जाएगा। दीक्षित मंत्रों के साथ पूजन के बाद सबसे पहले गोलोकवासी महंत डा. कुलपति तिवारी के पुत्र और महंत परिवार के सदस्य बाबा को झूला झुलाएंगे।