रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के सामने तनातनी की स्थिति बन रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज करा दी है। उनकी तरफ से एसटी-एससी थाने में यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। ईडी के अधिकारियों के सोरेन ने यह एफआईआर दिल्ली में ईडी अधिकारियों की छापेमारी के खिलाफ दर्ज़ कराई है।
ईडी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ कर रही है। बुधवार को दोपहर शुरू हुई यह पूछताछ खबर लिखे जाने तक जारी थी।11 दिनों के अंतराल में उनसे दूसरी बार पूछताछ की जा रही है। ईडी के अफसरों की टीम चार गाड़ियों में कड़ी सुरक्षा के बीच एक बजकर 20 मिनट पर कांके रोड स्थित सीएम आवास पहुंची
सोमवार को ईडी ने हेमंत सोरेन के नई दिल्ली में शांति निकेतन स्थित आवास से 36 लाख रुपए कैश, एक बीएमडब्ल्यू कार और कुछ दस्तावेज बरामद किए थे। जमीन घोटाले के अलावा इस बारे में भी उनसे सवाल किए जाएंगे।
जमीन घोटाले के जिस मामले में सोरेन से पूछताछ हो रही है, वह रांची के बड़गाईं अंचल के एक भूखंड की खरीद बिक्री से जुड़ा है। ईडी को जानकारी मिली है कि यह जमीन हेमंत सोरेन ने नाजायज तरीके से हासिल की है। हालांकि सोरेन ने ईडी को लिखे पत्र में कहा है कि यह जमीन न तो उनकी है और न ही इससे उनका कोई ताल्लुक है। यह तो “भुईंहरी नेचर” (विशिष्ट प्रकृति वाली आदिवासी भूमि) की जमीन है और इसकी खरीद बिक्री नहीं हो सकती। इस जमीन पर पिछले पांच दशकों से एक आदिवासी पाहन (पुजारी) परिवार का स्वामित्व है।
पूछताछ के दौरान झामुमो कार्यकर्ताओं-समर्थकों के विरोध की संभावना को देखते हुए सीएम आवास, राजभवन, ईडी दफ्तर सहित रांची के कई संवेदनशील इलाकों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। ऐसे इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों और पुलिस की तैनाती की गई है।
इधर, सत्तारूढ़ गठबंधन के तकरीबन 40 विधायक और सरकार के सभी मंत्री बुधवार सुबह से ही सीएम हाउस के दूसरे हिस्से में जमे हुए हैं। ईडी की पूछताछ और किसी भी संभावित कार्रवाई को लेकर गठबंधन ने अपनी रणनीति पहले से तय कर रखी है।
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