नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि नाम से नहीं, पंडित नेहरू की पहचान उनके कर्म से है।
राहुल गांधी ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम परिवर्तन से जुड़े एक संवाददाता के सवाल पर यह बात कही। उल्लेखनीय है कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल कर अब इसे प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया गया है। इसको लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को गलत ठहराना, बदनाम करना और नष्ट करना है।
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जलगांव । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के कद का करिश्माई नेता करार दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी के काम और करिश्मे की वजह से ही भाजपा केंद्र में अपने दम पर दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार बना चुकी है।
महाराष्ट्र के जलगांव में शुक्रवार को एनसीपी कार्यकर्ताओं की बैठक में अजित पवार ने कहा कि नरेन्द्र मोदी देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे करिश्माई नेता हैं। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह की भी तारीफ की। पवार ने कहा कि इन दो नेताओं की वजह से ही आज देश के अधिकतर राज्यों में भाजपा की सरकार है। पवार ने मोदी और अटल बिहारी वाजपेयी के समय की भाजपा की भी तुलना की। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में भी भाजपा को पूरा बहुमत नहीं मिला था, लेकिन मोदी के काम और करिश्मे की वजह से भाजपा केंद्र में अपने दम पर दो बार सरकार बना चुकी है। अधिकतर राज्यों में भी उनकी सरकार है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार प्रधानमंत्री मोदी के बड़े प्रशंसक हैं। इससे पूर्व भी वह समय-समय पर मोदी की तारीफ करते रहे हैं। अरविंद केजरिवाल ने जब प्रधानमंत्री की डिग्री पर सवाल खड़े किए थे तब अजित पवार ने कहा था कि देश ने नरेन्द्र मोदी को डिग्री देखकर वोट नहीं दिया है। उन्होंने अपने दम पर बहुमत हासिल किया है। वहीं बीते अप्रैल महीने में अजित पवार ने कहा था कि दो सांसदों वाली भाजपा मोदी की वजह से ही 2014 और 2019 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना पाई। बहरहाल एनसीपी के भीतर चल रही अंदरूनी राजनीति के चलते अजित पवार के बयान को उनकी भाजपा से बढ़ती नजदीकियों के तौर पर देखा जा रहा है।