नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को अपनी छोटी लेकिन प्रभावी यात्रा के बाद इंडोनेशिया के जकार्ता की अपनी यात्रा सम्पन्न कर दिल्ली लौट आये हैं। प्रधानमंत्री ने भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के नेताओं ने “क्षेत्र को विकास के केंद्र के रूप में बनाए रखने और बढ़ावा देने” पर 7 पृष्ठ का संयुक्त वक्तव्य जारी किया। इसके अलावा भारत-आसियान ने समुद्री सहयोग पर संयुक्त वक्तव्य जारी किया। इसमें एक बार फिर दक्षिण चीन सागर में आचार संहिता के शीघ्र पूरा किए जाने की आशा व्यक्त की गई। इसके अलावा संकट के समय में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति मजबूत बनाए रखने पर आसियान-भारत के नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य जारी किया।
प्रधानमंत्री ने 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में इस बात का विशेष उल्लेख किया कि इंडो-पेसिफिक में शांति, सुरक्षा और समृद्धि में ही हम सबका हित है। उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि दक्षिण चीन सागर के लिए आचार संहिता प्रभावकारी हो और संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानूनों के अनुरूप हो। इसमें उन देशों के हितों का भी ध्यान रखा जाए, जो चर्चाओं का हिस्सा नहीं हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में अपने शुरुआती वक्तव्य में कहा कि आज की वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भी हर क्षेत्र में भारत-आसियान सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है। यह हमारे संबंधों की ताकत और रेसिलियंस का प्रमाण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। ऐसे में आवश्यक है कि कोविड के बाद की दुनिया का निर्माण नियमों पर आधारित हो और मानव कल्याण के लिए सबका प्रयास हो। मुक्त एवं खुले हिंद प्रशांत की प्रगति में और वैश्विक दक्षिण की आवाज को बुलंद करने में हम सबके साझा हित हैं।
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जकार्ता । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार सुबह आसियान-भारत सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुंच गए हैं। यहां सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत व आसियान के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है और हमें हर क्षेत्र में मिल कर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वन अर्थ, वन फैमिली हमारा मंत्र है। उन्होंने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति अहम है।
समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आसियान और भारत की साझेदारी के चौथे दशक में प्रवेश पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि सम्मेलन के शानदार आयोजन के लिए वे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो का अभिनंदन करते हुए आसियान की अध्यक्षता के लिए उन्हें बधाई देते हैं।
इससे पूर्व जकार्ता इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहुंचने पर प्रवासी भारतीयों के बीच जबर्दस्त उत्साह देखा गया। प्रधानमंत्री मोदी ने हाथ हिला कर प्रवासी भारतीय समूह का अभिवादन स्वीकार किया। इंडोनेशिया सरकार की मंत्री आई गुस्ती आयु बिंटांग दारमावती ने उनका औपचारिक स्वागत किया। हवाई अड्डे पर इंडोनेशियाई सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति हुई।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के आधिकारिक प्रवक्ता अरविंद बागची ने प्रधानमंत्री के जकार्ता पहुंचने को लेकर सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा- यह बहुत सुबह का समय है लेकिन उनका यहां व्यस्त कार्यक्रम है। कुछ घंटों बाद वह भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के लिए और उसके बाद पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए जाएंगे। ये महत्वपूर्ण कार्य हैं। इसके बाद वह यहां वापस आएंगे और नई दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।
जकार्ता (इंडोनेशिया)। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के उत्तरी क्षेत्र में शुक्रवार को एक ईंधन भंडारण में आग लग गई। इस हादसे में कम से कम 17 लोगों की जान चली गई। इस डिपो का संचालन सरकारी गैस कंपनी पर्टामिना करती है। यह डिपो तनाह मेराह में घनी आबादी वाले क्षेत्र में है और इंडोनेशिया की ईंधन जरूरतों का 25 प्रतिशत आपूर्ति करता है।
अग्निशमन अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 180 दमकलकर्मी और 37 दमकल गाड़ियां आग बुझाने पहुंचीं। स्थानीय टीवी चैनलों के प्रसारण में सैकड़ों लोगों को जान बचाकर भागते दिखाया गया है। पर्टामिना के एरिया मैनेजर एको क्रिस्टियावान ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि भारी बारिश के दौरान एक पाइपलाइन फटने से आग लगी।
अग्निशमन और बचाव विभाग के प्रमुख सतरियादी ने कहा है कि आवासीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को निकाल कर पास के एक गांव और एक मस्जिद में पहुंचाया जा रहा है। आग लगने के कारण कई विस्फोट हुए और लपटें तेजी से रिहायशी क्षेत्र में फैल गई। मौके का निरीक्षण करने पहुंचे सेना प्रमुख जनरल डुडुंग अब्दुरचमन ने कहा कि अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है। 42 लोग झुलसे हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।