ईटानगर/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछली कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि योजनाओं को अटकाने, लटकाने और भटकाने का युग चला गया है। हम ऐसी कार्य संस्कृति लेकर आए हैं जहां योजनाओं का शिलान्यास और उसका उद्घाटन भी हम करते हैं। उन्होंने कहा कि डोनी पोलो हवाई अड्डे का शुभारंभ उन आलोचकों को करारा जवाब है, जिन्होंने हवाई अड्डे के शिलान्यास को चुनावी हथकंडा करार देने की कोशिश की थी।
प्रधानमंत्री ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में देश के पहले ग्रीनफील्ड डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन किया और 600 मेगावाट के कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया। फरवरी 2019 में इस एयरपोर्ट का शिलान्यास स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। बीच में महामारी की चुनौतियों के बावजूद एयरपोर्ट का काम बहुत कम समय में पूरा किया गया है।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों की अनुशासनप्रियता की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अरुणाचल से नई उमंग, ऊर्जा और नया उत्साह लेकर लौटते हैं। उन्होंने कहा कि अरुणाचल के लोगों के चेहरे पर कभी भी उदासीनता और निराशा नहीं झलकती है।
प्रधानमंत्री ने विकास कार्यों को चुनाव और राजनीतिक लाभ से जोड़ने को लेकर राजनीतिक टिप्पणीकारों और विपक्ष की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि कहा कि जब उन्होंने फरवरी 2019 में ‘डोनी पोलो’ हवाई अड्डे का शिलान्यास किया, तब मई में चुनाव होने वाले थे। राजनीतिक टिप्पणीकारों ने शोर मचाया कि हवाई अड्डा नहीं बनने जा रहा है और मोदी मतदान के कारण पत्थर खड़ा कर रहे हैं। आज का उद्घाटन उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जिन्होंने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश में आगामी चुनावों के कारण शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि हम एक कार्य संस्कृति लेकर आए हैं, जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम करते हैं। अटकाना, लटकाना और भटकाना का युग चला गया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में जो सरकार है, उसकी प्राथमिकता देश का विकास है, देश के लोगों का विकास है। साल में 365 दिन, चौबीसों घंटे, हम देश के विकास के लिए ही काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हम देश के विकास के लिए काम करते हैं। मैं यहां अरुणाचल प्रदेश में हूं, जहां सूरज उगता है, और दमन में उतरूंगा, जहां सूरज डूबता है। हम चुनाव के लाभ के लिए काम नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में गांवों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। डबल इंजन सरकार अरुणाचल प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।
पूर्व की सरकारों पर पूर्वोत्तर की उपेक्षा को लेकर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आजादी के बाद पूर्वोत्तर एक अलग युग का गवाह बना। दशकों तक यह क्षेत्र पूर्व के राजनीतिक दलों की बेरुखी का शिकार रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा पूर्वोत्तर के लिए अलग से मंत्रालय गठित करने का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जी ने सरकार बनाई और यह पहली सरकार थी जिसने क्षेत्र के विकास के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके बाद जो सरकारें आईं, उन्होंने गति को आगे नहीं बढ़ाया। परिवर्तन का एक और युग आया जब आपने मुझे अपनी सेवा करने का अवसर दिया। पहले की सरकारें सोचती थीं कि पूर्वोत्तर बहुत दूर है। सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को अंतिम गांव माना जाता था, लेकिन लेकिन हमारी सरकार ने इन्हें आखिरी गांव, आखिरी छोर नहीं बल्कि देश का प्रथम गांव मानकर काम किया। अब कल्चर हो या एग्रीकल्चर, कॉमर्स हो या कनेक्टिविटी, पूर्वोत्तर को आखिरी नहीं बल्कि सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों के कारण, पूर्वोत्तर का विकास प्राथमिकता बन गया है। कल्चर हो या एग्रीकल्चर, कनेक्टिविटी का कॉमर्स हो, ट्रेड हो या टूरिज्म, टेलीकॉम हो या टेक्सटाइल, पूर्वोत्तर को हर क्षेत्र में पहली प्राथमिकता मिलती है। मोदी कहा कि हम उन लोगों को मुख्यधारा में लाने का काम कर रहे हैं जो रास्ता भटक गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डोनी पोलो हवाई अड्डा अरुणाचल प्रदेश के लिए चौथा परिचालन हवाई अड्डा है, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुल हवाई अड्डों की संख्या 16 हो गई है। 1947 से 2014 तक, पूर्वोत्तर में केवल 9 हवाई अड्डे बनाए गए थे। पिछले आठ साल की छोटी सी अवधि में नॉर्थ-ईस्ट में 7 एयरपोर्ट बनाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में हवाई अड्डों का यह तेजी से विकास पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर प्रधानमंत्री के विशेष जोर को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने वाली उड़ानों की संख्या दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि यह एयरपोर्ट अरुणाचल प्रदेश के इतिहास और संस्कृति का साक्षी बन रहा है। हवाई अड्डे के नामकरण पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘डोनी’ का अर्थ सूर्य है जबकि ‘पोलो’ का अर्थ चंद्रमा है। प्रधानमंत्री ने सूर्य और चंद्रमा की रोशनी की तुलना राज्य के विकास से करते हुए कहा कि एयरपोर्ट का विकास उतना ही जरूरी है जितना कि गरीबों का विकास।
अरुणाचल प्रदेश में ढांचागत विकास पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में राजमार्ग निर्माण का उदाहरण दिया और आगे कहा कि केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे पर लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इससे निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आय में वृद्धि होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने 2014 के बाद हर गांव तक बिजली पहुंचाने का अभियान शुरू किया था। इस अभियान का बहुत बड़ा लाभ अरुणाचल प्रदेश के गांवों को भी हुआ है। यहां ऐसे अनेकों गांव थे, जहां आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची थी। उन्होंने कहा कि हमने सदियों पुराने उस कानून को बदल दिया जिसमें बांस काटने पर रोक थी। अब आप बांस उगा सकते हैं, काट सकते हैं और बेच सकते हैं। अब आप इसे खुले बाजार में व्यापार कर सकते हैं।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारा सपना था कि हमारे प्रदेश की राजधानी में एयरपोर्ट बने, आज प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से वह सपना साकार हो गया है। उन्होंने इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए।
Itanagar
इटानगर। अरुणाचल प्रदेश लोक आयोग (एपीपीएससी) द्वारा आयोजित एई परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच में एक नया मोड़ आया है। राज्य के विशेष जांच प्रकोष्ठ (एसआईसी) द्वारा 2017 अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा के संबंध में चार और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार लोगों में से एक डीएफसीएसओ मिनोटी बोरंग सरोह है, जो 2019 बैच के सिविल सेवा अधिकारी हैं, जिनके पति तमा सरोह- एक सहायक शिक्षक- कथित तौर पर एपीपीएससी के उप सचिव ताकेत जेरंग की मिलीभगत से मामले में बिचौलिए के रूप में शामिल थे।
गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में यूडीसी ओपेट मिबांग और उनके पति और सीओ ओपेट मिबांग शामिल हैं। यह दूसरा मामला है जब एसआईसी ने एपीपीएससी के तत्कालीन उप सचिव ताकेत जेरंग की नौकरी के बदले नकद घोटाले में संलिप्तता का मामला उजागर किया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को पेपर लीक मामले को अपने हाथ में लिया था। इस हाई प्रोफाइल मामले में बुधवार को सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। गुरुवार शाम को एक संवाददाता सम्मेलन में एसआईसी के एसपी अनंत मित्तल ने जानकारी दी थी कि एसआईसी सीबीआई को सबूत सौंपने की प्रक्रिया में है।
उन्होंने कहा था कि पासीघाट (पूर्वी सियांग) का एक उम्मीदवार जोबोमचांग मेंगू, जिसे दलालों में से एक के रूप में नामित किया गया है, अभी फरार है। उन्होंने कहा था कि पुलिस ने मेंगू की जमानत याचिका को चुनौती दी थी और मेंगू की अंतरिम जमानत को गौहाटी उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
इससे पहले, पुलिस ने एपीपीएससी के उप सचिव-सह-डिप्टी कंट्रोलर ऑफ परीक्षा ताकेत जेरंग (53) को गिरफ्तार किया था; एई परीक्षा के उम्मीदवार थॉमस गाडुक (26); जाजू संस्थान के शिक्षक अखिलेश यादव; थॉमस गाडुक के प्रमुख सहायक और पिता, तान्यांग गादुक (57); जीपीएस तारक पांगिन; कनिष्ठ शिक्षक ताम सरोह (53) और कुरियर दिलीप साहा और तीन अन्य को गिरफ्तार किया है।
कथित तौर पर प्रश्न पत्र लीक करने वाले जेरांग को आयोग ने सेवानिवृत्ति पर भेज दिया है। आयोग के अध्यक्ष, निपो नबाम ने 14 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया, इसके बाद हाल ही में तीन और सदस्यो ने भी अपने इस्तीफा दे दिया था।
ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य के पहले एवरेस्टर तापी मिरा के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। मिरा अपने सहयोगी जो निकू दाओ के साथ माउंट ख्यारीसट्टम के अभियान के दौरान पूर्वी कामेंग जिले में लापता हो गए थे।
खांडू ने शुक्रवार को बचाव और राहत कार्यों को फिर से शुरू करने का आश्वासन देते हुये इस संकट से उबरने के लिए उन्हें हर संभव सहायता का भी आश्वासन दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में हुई बैठक के दौरान मौजूद मुख्य सचिव धर्मेंद्र को निर्देश दिया कि वे संबंधित अधिकारियों के साथ इस मामले पर तत्काल चर्चा करें ताकि सरकार आगे की कार्रवाई कर सके। उनके साथ टैगिन कल्चरल सोसाइटी के सदस्य भी थे।
मुलाकात के बाद में श्री खांडू ने टवीटर पर लिखा, “मैं श्री मिरा और श्री दाव की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।” राज्य के युवा मामलों के विभाग के एक साहसिक प्रचार अधिकारी तापी मिरा 17 अगस्त को अपने सहायक के साथ लापता हो गए थे और दोनों का अभी भी पता नहीं चल पाया है।