नयी दिल्ली। इजराइल ने गाजा पट्टी पर फिर भीषण हमला बोला है । इस हमले में पिछले 24 घंटों के दौरान 126 लोगों की जान चली गई है।
गाजा में इजराइल और हमास में भीषण संघर्ष जारी है। इजराइल ने गाजा पर भीषण हमला किया है। यहां रफा शहर में पिछले 24 घंटों के दौरान 126 लोगों के मारे जाने की खबर है। भीषण हमलों और इतनी संख्या में मौतों पर अमेरिका ने भी चिंता जाहिर की है। वहीं दूसरी ओर फिलिस्तीन के राजदूत ने इस मामले को यूएन में उठाने के लिए शुक्रवार को अरब समूह की एक मीटिंग बुलाई है। गाजा के हालात चिंताजनक हैं। इजराइल के भीषण हमलों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कोशिशें की जा रही हैं।
इजरायल के तेल अवीव दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी युद्ध को जल्द खत्म करने की बात कही है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम चाहते हैं कि ये जंग जल्द से जल्द खत्म हो जाए। इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई है। लाखों की संख्या में लोग इस युद्ध की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि इजराइल अपने हितों की रक्षा को सुनिश्चित करे। ताकि दोबारा कोई 7 अक्टूबर जैसा हमला करने से पहले कई बार सोचे।
गाजा पट्टी में एक तरफ मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे हैं। लगातार इजरायली हमलों से ना तो घायलों को इलाज मिल पा रहा और ना ही कोई मानवीय सहायता पहुंच पा रही है। यही नहीं मिस्र के अल अरिश में जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालीना ने 24 घंटे लिए मानवीय मदद पहुंचाने के लिए रफा क्रॉसिंग खोलने की अपील भी करती दिखीं।
हालात बेहद चिंताजनक
हालात बेहद चिताजनक हो चुके हैं। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र में लगातार मुद्दे उठाए जा रहे हैं। फिलिस्तीनी संयुक्त राष्ट्र के राजदूत रियाद मंसूर ने एक बार फिर से कोशिश की है। बता दें कि इजरायली हमले में अब तक 23 हजार से ज़्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं। 58 हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हैं। 23 लाख लोग बेघर हो चुके हैं।
ISRAEL HAMAS WAR
तेल अवीव । गाजा पट्टी पर छिड़े इजराइल-हमास युद्ध पर विराम के कोई आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे। इस बीच, सोमवार सुबह फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास के आतंकवादियों ने इजराइल पर करीब 20 रॉकेट दागे। इस हवाई आक्रमण में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
समाचार पत्र द टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, हमास ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। हमास ने टेलीग्राम पोस्ट में कहा है कि उसकी अल-कसम ब्रिगेड जायोनी नरसंहार के जवाब में तेल अवीव शहर और उसके बाहरी इलाके में ‘एम90’ रॉकेटों से बमबारी कर रही है।
इस युद्ध की शुरुआत पिछले साल सात अक्टूबर को हुई थी। हमास के सैकड़ों आतंकवादियों ने इजराइल में घुसकर नरसंहार करने के बाद 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था। इस दौरान लगभग 1200 इजराइली मारे गए थे। इसके प्रतिशोध में इजराइल ने गाजा पट्टी में ताबड़तोड़ हमले शुरू किए। आज युद्ध का 87वां दिन है। इस युद्ध में अब तक लगभग 21,822 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इनमें हमास के खूंखार कमांडर भी शामिल हैं। हमास के खिलाफ इजराइल की जमीनी और हवाई कार्रवाई जारी है।
यरुशलम । गाजा पट्टी में इजरायली सेना और हमास के बीच जारी भीषण लड़ाई के बीच संयुक्त राष्ट्र की आई रिपोर्ट युद्ध की भयावता के साथ डराने वाली है। इजराइली विमानों द्वारा गुरुवार को किए भीषण हमले व बमबारी में कई लोगों के मारे जाने की सूचना है। अमेरिका, यूरोपीय देश लगातार इजराइल पर युद्धविराम का दबाव बना रहे हैं। युद्ध की वजह से अब तक 20 हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र समर्थित निकाय ने गुरुवार को एक रिपोर्ट साझा की है।
रिपोर्ट के अनुसार गाजा में 2.3 मिलियन यानी 23 लाख लोग भुखमरी के संकट से जूझ रहे हैं। वहीं, युद्ध की वजह से गाजावासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है, जिसकी वजह से अकाल का खतरा हर दिन बढ़ रहा है। एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में लोग दो-जून की रोटी के लिए मशक्कत कर रहे हैं।
कुछ दिनों पहले मिस्र की ओर से गाजा वासियों के लिए भोजन, पानी और दवाएं भेजी गई थी। हाालांकि, यह मदद ऊंच के मुंह में जीरे जैसी है। रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में मौजूद दस प्रतिशत लोगों को ही इस मदद से लाभ मिलने वाला है।
आईपीसी की रिपोर्ट में आगे जानकारी दी गई कि गाजा में ईंधन की जबरदस्त कमी है। कुछ दिनों पहले कई वीडियो वायरल हुए जिसमें देखा गया कि जैसे ही मानवीय सहायता लेकर ट्रक गाजा पहुंचे, गाजावासी ट्रकों पर सहायता सामग्री लेने के लिए टूट पड़े।
सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने गाजा में राहत सामग्री की धीमी आपूर्ति पर चिंता जताई है। कहा कि इसे लेकर विश्व में व्यापक चिंता है। इससे आमजन प्रभावित हो रहे हैं। हम राहत सामग्री की आपूर्ति तेज करने पर विचार कर रहे हैं। अमेरिका की सहमति से सुरक्षा परिषद में इससे संबंधित प्रस्ताव लाए जाने की तैयारी चल रही है।
दक्षिणी गाजा में भी बुधवार-गुरुवार की रात इजरायल ने भीषण बमबारी की। मिस्र की सीमा के नजदीक बसे रफाह कस्बे में गुरुवार सुबह हुई बमबारी में चार लोग मारे गए हैं। गाजा में चिकित्सा सुविधाएं संचालित करने वाली संस्था रेड क्रीसेंट ने कहा है कि लगातार चल रही लड़ाई और बमबारी के चलते वह जबालिया सहित कई स्थानों पर एंबुलेंस भेजकर वहां से मृतकों और घायलों को लाने की स्थिति में नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उत्तरी गाजा में आखिरी अस्पताल भी बंद होने के कगार पर है।
वेस्ट बैंक । इजराइली सेना की गुरुवार को वेस्ट बैंक में की गई छापेमार कार्रवाई में 11 फलस्तीनी नागरिक मारे गए। फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों बताया कि वेस्ट बैंक के जेनिन में इजराइली सैनिकों ने छापेमारी की, जिसमें कम से कम 11 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। साथ ही कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।
फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी वेस्ट बैंक में इजराइली ऑपरेशन के दौरान एक जख्मी युवक की मौत हुई। साथ ही रात में दो फलस्तीनियों की मौत हुई थी। वहीं, इजरायली सेना ने कहा कि 12 दिसंबर को शुरू हुए ऑपरेशन में कई जगहों पर तलाशी ली गई और सैकड़ों संदिग्धों से पूछताछ की गई।
इजरायली सेना ने कहा कि उन्होंने छह विस्फोटक प्रयोगशालाओं, भूमिगत सुरंग शाफ्ट और विस्फोटक उपकरणों को नष्ट किया है। फलस्तीनी कैदी क्लब एडोवोकेट समूह ने कहा कि 12 दिसंबर की सुबह छापेमारी शुरू होने के बाद से इजराइली सैनिकों ने सैकड़ों नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से अधिकांश को रिहा कर दिया गया है।
जेनिन में फलस्तीनी रेड क्रिसेंट के निदेशक महमूद अल-सादी ने बताया कि इजरायल मरीजों को ले जाने वाले एम्बुलेंस को कैंप में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास छह एम्बुलेंस हैं, लेकिन हम उन मरीजों तक भी नहीं पहुंच सकते, जिन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत है, जिनमें से कुछ को डायलिसिस की जरूरत है।
इधर, सेना ने अपने बयान में कहा कि विस्फोटों और गोलीबारी के कारण चार सैनिक मामूली रूप से घायल हो गए। सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में देखा गया कि सैनिकों ने एक मस्जिद पर कब्जा कर लिया, जहां दूर से छिटपुट गोलीबारी की आवाजें सुनी जा सकती थीं।
तेल अवीव । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद हमास के खिलाफ इजराइल की लड़ाई को कोई नहीं रोक सकता। इजराइल इस लड़ाई को अंत तक जारी रखेगा और इसे रोकने का कोई सवाल नहीं है।
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सोशल मीडिया एक्स पर जारी वीडियो संदेश में अपना रुख साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि `अपने सैनिकों को खोने की भारी पीड़ा और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद हम आखिर तक और जीत तक लड़ेंगे।’
इससे पहले इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा कि वैश्विक दबाव के बावजूद हमास के खिलाफ इजराइल का युद्ध जारी रहेगा। `अभी युद्धविराम आतंकी संगठन के लिए उपहार जैसा होगा और युद्ध रुका तो हमास एकबार फिर मजबूत होकर खड़ा हो जाएगा।’
इजराइल के प्रधानमंत्री का बयान तब सामने आया है जब मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी प्रधानमंत्री जो बाइडेन ने कहा था कि गजा पर अंधाधुंध बमबारी करके इजराइल दुनियाभर का समर्थन खो रहा है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका इजराइल के साथ है। अमेरिका के अलावा भी यूरोपीय संघ, यूरोप और दुनिया का अधिकांश हिस्सा इजराइल के साथ है लेकिन अंधाधुंध बमबारी से वह वैश्विक समर्थन खो रहा है।
गाजा में युद्ध विराम प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित, भारत समेत 153 देशों ने पक्ष में किया मतदान
संयुक्त राष्ट्र । गाजा में तत्काल युद्ध विराम का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की आपात बैठक में पारित हो गया। भारत समेत 153 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया। 10 सदस्यों ने इसका विरोध किया। 23 सदस्य मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की समाचार सेवा ने अपने एक्स हैंडल और वेबसाइट पर साझा की है।
संयुक्त राष्ट्र की समाचार सेवा के अनुसार, इसमें तत्काल मानवीय युद्ध विराम, सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की गई। प्रस्ताव में महासभा की मांग को भी दोहराया गया कि सभी पक्ष अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें। इसमें अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून भी शामिल है। यह कानून विशेष रूप से नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में है। प्रस्ताव से पहले फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास का विशिष्ट संदर्भ देने वाले दो संशोधनों के पक्ष में सदस्य देशों ने मतदान किया।
यूएनजीए चीफ फ्रांसिस ने कहा कि गाजा में नागरिकों पर हमले हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन हुआ है। फ्रांसिस ने गाजा में तत्काल युद्ध विराम के लिए समर्थन जताया है। संघर्ष विराम का प्रस्ताव मिस्र के राजदूत अब्देल खालेक महमूद ने पेश किया। युद्ध विराम प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाले देशों में अमेरिका, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, ग्वाटेमाला, इस्राइल, लाइबेरिया, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी और परागुआ शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है। महासभा में जिस स्थिति पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, उसके कई आयाम हैं। सात अक्तूबर को इजराइल पर आतंकवादी हमला हुआ और कई लोगों को बंधक बनाया गया, जो चिंता की बात है। गाजा में बड़ा मानवीय संकट पैदा हुआ है। बड़े पैमाने पर नागरिकों की जान गई है। सभी परिस्थितियों में अंतरराराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का मुद्दा है। भारत वर्तमान में क्षेत्र के सामने मौजूद कई चुनौतियों के समाधान के लिए साझा प्रयास में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकता का स्वागत करता है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका युद्ध विराम प्रस्ताव से सहमत नहीं है। अमेरिकी दूत ने युद्ध के लिए सीधे तौर पर हमास को दोषी ठहराया। इजराइल के राजदूत गिलाद अर्दान ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा है कि युद्ध रोकने से केवल हमास को फायदा होगा।
गाजा पट्टी। सात अक्टूबर से गाजा पट्टी पर मचे घमासान के बीच आठ दिन के संघर्ष विराम के बाद दो दिसंबर से फिर फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास और इजराइल के बीच लड़ाई तेज हो गई है। इजराइली सुरक्षा बलों ने संघर्ष विराम टूटने के बाद से अब तक करीब 400 स्थानों पर रॉकेट और मिसाइल दागकर हमास के ठिकानों को तबाह कर दिया है। इस दौरान इजराइली फौज ने हमास के शीर्ष कमांडर विसम फरहत को मार गिराया।
इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने एक्स पर कहा है कि गाजा में छुपे आतंकवादियों ने इजराइली नागरिकों पर रॉकेट दागे हैं। सेना इन आतंकियों को माकूल जवाब दे रही है। अखबार द यरुशलम पोस्ट के अनुसार आईडीएफ ने शुक्रवार से अब तक गाजा पट्टी में 400 से अधिक हमास ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। साथ ही थल और नौ सेना भी मोर्चे पर है।
प्रमुख अखबार द टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार अश्कलोन (गाजा) के सीमावर्ती कस्बों में सुबह से रॉकेट हमले के सायरन बज रहे हैं। इजराइली सेना ने गाजा में रातभर हमले किए हैं। इजराइल के सुरक्षाबलों ने शनिवार को सूर्यास्त के समय घातक हमला कर हमास के कमांडर विसम फरहत को मार गिराया। फरहत नागरिकों और सैनिकों दोनों के खिलाफ घातक हमलों के लिए जिम्मेदार था।
आईडीएफ प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने पुष्टि की है कि हमले में हमास की शेजैया बटालियन का कमांडर विसम फरहत मारा गया है। फरहत 2014 के युद्ध के दौरान शेजैया के गाजा शहर के पड़ोस में गोलानी सैनिकों पर हमले के लिए जिम्मेदार था। इस घटना में सात सैनिक मारे गए थे। सात अक्टूबर के हमले की योजना में फरहत भी शामिल था।
तेल अवीव । इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध विराम एक और दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। दोनों पक्ष युद्धविराम को 24 घंटे और बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। बताया जाता है कि हमास की तरफ से 10 बंधकों की लिस्ट इजराइल को सौंपी गई है।
हमास की तरफ से कहा गया है कि इजराइल के साथ युद्ध विराम एक दिन के बढ़ गया है और ये सातवें दिन भी लागू रहेगा। इजराइल और हमास पिछले बुधवार को चार दिनों के युद्धविराम पर सहमत हुए थे और बीते शुक्रवार से यह समझौता लागू हुआ। इस दौरान हमास की तरफ से 58 बंधकों को रिहा किया गया जिसमें 40 इजराइली और 17 थाई नागरिक थे। इसके बाद युद्धविराम को दो और दिनों का विस्तार दिया गया जिसमें 28 नवंबर को 10 इजराइली व दो थाई नागरिकों की रिहाई हुई। 29 नवंबर को 10 इजराइली व 4 थाई नागरिकों की रिहाई हुई।
इस दौरान इजराइल की तरफ से तय फिलिस्तीनी कैदियों को अपनी जेलों से रिहा किया जा रहा है।
इस युद्ध विराम का दुनिया भर के देशों ने स्वागत किया है। इस दौरान युद्ध विराम पूरी तरह लागू है। मदद और दवाओं से भरे ट्रक गाजा में प्रवेश कर रहे हैं।
लेबनान के बाद जंग में कूदा यमन, इजरायल पर किया ताबड़तोड़ ड्रोन हमला; मगर अमेरिकी युद्ध पोत ने मार गिराया
तेल अवीव। लेबनान के हिजबुल्लाह के बाद अब यमन का हूती समूह भी इजराइल – हमास जंग में कूद चुका है। गुरुवार को सुबह यमन ने इजरायल की ओर कई ड्रोन हमले लॉन्च किए मगर अमेरिकी युद्धपोत ने उनमें से अधिकांश को समुद्र में ही मार गिराया।
इजरायली क्षेत्र में यमन की ओर से एक के बाद एक ताबड़तोड़ ड्रोन हमले लॉन्च किए गए, मगर समुद्र में तैनात अमेरिकी युद्धपोत ने कई हमलावर ड्रोनों को रास्ते में ही खल्लास कर दिया। पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार हूतियों ने इजरायली जहाजरानी को निशाना बनाने की भी धमकी दी है। साथ ही इजरायल से जुड़े मालवाहक जहाज गैलेक्सी लीडर को जब्त कर लिया है। यूएस सेंट्रल कमांड ने कहा कि लाल सागर में गश्त कर रहे एक अमेरिकी युद्धपोत ने गुरुवार को यमन में हूती-नियंत्रित क्षेत्रों से लॉन्च किए गए कई हमलावर ड्रोनों को रोक दिया।
सेंटकॉम ने एक्स पर कहा, “23 नवंबर की सुबह (यमन समयानुसार) यूएसएस थॉमस हडनर (डीडीजी 116) ने यमन में हूती नियंत्रित क्षेत्रों से लॉन्च किए गए कई एकतरफा हमले वाले ड्रोनों को मार गिराया।” इसमें जहाज और चालक दल को कोई क्षति या चोट नहीं आई। हूतियों ने खुद को हमास के साथ इजरायल के युद्ध के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने वाले ईरान के सहयोगियों और प्रॉक्सी के “प्रतिरोध की धुरी” का हिस्सा घोषित किया है। इस संघर्ष ने मध्य पूर्व में एक व्यापक युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है।
लेबनान और इज़रायल के बीच की सीमा पर भी लगभग रोज गोलीबारी देखी जा रही है। 7 अक्टूबर को इज़रायल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से यमन में हूतियों ने इज़रायल की ओर ड्रोन और मिसाइल हमलों की झड़ी लगा दी है। इज़रायल ने कहा कि उसने देश के दक्षिण की ओर जा रही एक “क्रूज़ मिसाइल” को बुधवार को रोक दिया है, जिसका दावा हूती विद्रोहियों ने किया था। हूतिस की सशस्त्र शाखा के प्रवक्ता याहिया सारी ने एक्स पर लिखा, “हमारी सेनाओं ने दक्षिणी इज़रायल में विभिन्न सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागीं”। उन्होंने कहा, “जब तक गाजा और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इजरायली आक्रामकता बंद नहीं हो जाती, हम सैन्य अभियान जारी रखेंगे।
युद्ध का नया केंद्र बना लाल सागर
हूतियों ने अब लाल सागर में खूनी जंग की शुरुआत कर दी है। उन्होंने इजरायली जहाजरानी को निशाना बनाने की भी धमकी दी है और लाल सागर के प्रवेश द्वार पर इजरायल से जुड़े मालवाहक जहाज गैलेक्सी लीडर और उसके 25 अंतरराष्ट्रीय चालक दल को बंधक बना लिया है। इज़रायल की सेना ने कहा कि यह जब्ती “वैश्विक परिणाम की एक बहुत गंभीर घटना” थी, और एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि यह “अंतर्राष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन” था। बुधवार को, इज़रायल और हमास ने कहा कि वे चार दिवसीय युद्धविराम पर सहमत हुए हैं, जिसके दौरान बंधक और कैदियों की अदला-बदली होगी। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, 7 अक्टूबर को इजरायल में खूनी हमलों के दौरान हमास और अन्य फिलिस्तीनी बंदूकधारियों ने लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसमें 1,200 लोग भी मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।
तेल अवीव/यरुशलम । गाजा पट्टी में इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) हमास के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है । इस बीच इजराइल की सेना ने दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर पर मिसाइलें दागी हैं। इस हमले में 26 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इनमें अधिकांश बच्चे हैं। इजराइल का कहना है कि यहां के लोगों को खान यूनिस को खाली करने की अग्रिम चेतावनी दी गई थी। इसके बाद हमास के ठिकानों पर मिसाइल अटैक किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इजराइल की थल सेना ने मोर्चा संभालते हुए हमास के ठिकानों को चुन-चुनकर निशाना बनाना शुरू कर दिया है। खान यूनिस पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागी गई हैं। इजराइली सेना ने हमले से पहले लोगों को खान यूनिस को खाली करने की चेतावनी दी थी। आईडीएफ ने कहा था कि अगर इस शहर को खाली नहीं किया गया तो अंजाम बुरा होगा। इस संबंध में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सहयोगी मार्क रेगेव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि गाजा के लोगों को चेतावनी जारी की गई थी। साफ कहा गया था कि सेना हमास के खात्मे के लिए खान यूनिस पर हर तरह के हमले करेगी। इसलिए वहां रह रहे लोग कहीं दूसरी जगह चले जाएं।
एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि आईडीएफ ने हमास के हमलावर आतंकवादियों के परिजनों की धरपकड़ तेज कर दी है। आईडीएफ ने हेब्रोन में रात को कुतैबा उमर अल-क्वास्मा को दबोचा है। इसके भाई ने इस सप्ताह के शुरू में यरुशलम में सुरंग रोड पर सुरक्षाबलों पर हमला किया था। आईडीएफ ने दावा किया है कि हमास की एक सुरंग ऐसी है जिसका एक छोर एक मस्जिद पर मिला है। इस सुरंग और मस्जिद का इस्तेमाल भी हमास ने सैन्य उद्देश्यों के लिए किया है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजराइली युद्धक विमानों ने रात को जबालिया शरणार्थी शिविर के कई इलाकों, बेत लाहिया में घरों, गाजा के शेख जायद शहर में आवासीय टावरों के आसपास और इंडोनेशियाई अस्पताल के आसपास के इलाकों को निशाना बनाया है।
इस घमासान के बीच कहा गया है कि अमेरिका के आग्रह पर इजराइल मानवीय उद्देश्यों के लिए गाजा की अपनी नाकाबंदी के माध्यम से दैनिक ईंधन वितरण की अनुमति देने पर सहमत हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मकतल बन चुके गाजा में बचे-खुचे लोग अपने परिजनों की तलाश में मलबे की खुदाई कर रहे हैं। लोगों को आशंका है कि ताश के पत्तों की तरह भरभराकर ढेर हो चुके घरों के मलबों में यह लोग दबे होंगे। उमर अल-दारवी और उनके पड़ोसियों के चारमंजिला घरों में पैंतालीस लोग रहते थे। इनमें से 32 की मौत हमले में हो चुकी है। दारवी व अन्य लोग मलबे से 27 शव निकाल चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के कार्यालय का अनुमान है कि 1,500 बच्चों सहित लगभग 2,700 लोग लापता हैं। माना जा रहा है कि वे खंडहर हो चुके घरों के मलबे में दबे हुए हैं। इस बीच ब्रुनेई, इंडोनेशिया और मलेशिया ने गाजा में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया है।