लखनऊ । भारतीय दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना, जिन्होंने मोरक्को के खिलाफ अपना अंतिम डेविस कप मुकाबला खेला, ने कहा कि उन्हें देश के लिए इतने लंबे समय तक खेलने पर गर्व है। भारत ने विश्व ग्रुप II मुकाबले में मोरक्को को हराया है। इस जीत के साथ ही भारत अब 2024 में वर्ल्ड ग्रुप I प्ले-ऑफ खेलेगा।
रविवार (17 सितंबर) को लखनऊ के गोमती नगर के विजयंत खंड मिनी स्टेडियम में खेले गए युगल मैच में बोपन्ना और युकी भांबरी ने इलियट बेंचेट्रिट-यूनुस लालामी लारौसी की जोड़ी को 6-2, 6-1 से हराया।
बोपन्ना ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “डेविस कप छोड़ने का दुख है, लेकिन साथ ही इतने लंबे समय तक खेलने पर गर्व भी है। मैं समर्थन के लिए पूरे देश और सभी साथियों, उस कप्तान को धन्यवाद देता हूं जिनके नेतृत्व में मैंने खेला है। यह एक शानदार यात्रा रही है।”
हालाँकि, 43 वर्षीय इस बात से खुश हैं कि अब उन्हें अपने परिवार के साथ बिताने का समय मिलेगा। मुकाबले को लेकर उन्होंने कहा, “हमारे लिए विश्व ग्रुप I प्लेऑफ़ में जाना बेहद महत्वपूर्ण था जहां भारत को होना चाहिए और ऊपर की ओर बढ़ने के लिए काम करना चाहिए।”
भारत के गैर-खिलाड़ी कप्तान रोहित राजपाल, जो भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी समिति के सदस्य भी हैं, ने कहा कि बोपन्ना की कमी खलेगी।
राजपाल ने कहा, “किसी भी कप्तान के लिए, जब आपके पास रोहन बोपन्ना जैसा महान व्यक्तित्व वाला खिलाड़ी हो, तो हमेशा इस बात को लेकर झगड़ा होता है कि कौन उसके साथ खेलना चाहता है। टीम के सभी खिलाड़ी उनके साथ युगल खेलना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “पूरी टीम उनके न खेलने के फैसले से सदमे में है। लेकिन निश्चित रूप से, उन्होंने युकी (भांबरी) और राम (रामनाथन रामकुमार) को अच्छा मार्गदर्शन दिया है। हम उनका मार्गदर्शन लेना जारी रखेंगे और इससे लाभ उठाएंगे।”
गैर खिलाड़ी कप्तान राजपाल का मानना है कि भारतीय युगल खिलाड़ी हमेशा अपने पीछे एक विरासत छोड़ गए हैं, लेकिन एकल पर ध्यान देने की जरूरत है।
कप्तान ने कहा, “हम एक कठिन टीम हैं और हमने डेविस कप में बहुत मेहनत की है। जब हम खेल रहे होते हैं, तो हमें हराना कठिन होता है। साथ ही, अगर हमें शीर्ष टीमों को हराना है तो हमें निश्चित रूप से एकल मुकाबलों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करना होगा, क्योंकि एकल के लिए चार अंक हैं। हमें टीम में अपने एकल के संदर्भ में और अधिक गहराई विकसित करने की आवश्यकता है।”
बोपन्ना के मुताबिक, टीम में इसे आगे ले जाने के लिए कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और वह उनकी मदद के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे। बोपन्ना का मानना है कि डेविस कप से बाहर होना उनके करियर का अंत नहीं है।
उन्होंने कहा, “घर पर कुछ दिन बिताने के बाद मैं वापस कोर्ट पर आ जाऊंगा। टेनिस एक बहुत व्यस्त कार्यक्रम है, न्यूयॉर्क से आना और फिर एशियाई खेलों के लिए चीन जाना है, इसलिए बहुत यात्रा करनी होगी। मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित हूं।”
INDIAN TENNIS STAR
दुबई । भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा अगले महीने डब्ल्यूटीए 1000 इवेंट दुबई ड्यूटी फ्री टेनिस चैंपियनशिप के बाद संन्यास ले लेंगी। यह जानकारी स्वयं सानिया मिर्ज़ा ने की है
वह शुरू में पिछले सीज़न के अंत में यूएस ओपन में हिस्सा लेने के बाद खेल से संन्यास लेना चाहती थी, लेकिन कोहनी की चोट का कारण वह टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। डबल्स और मिक्स्ड डबल्स में तीन-तीन खिताब जीतने वाली छह बार की मेजर चैंपियन इस साल के ऑस्ट्रेलियन ओपन में कजाकिस्तान की एना डेनिलिना के साथ खेलेंगी, जो 16 जनवरी से शुरू होगी।
36 वर्षीय मिर्जा, जो एक दशक से अधिक समय से दुबई में रह रही हैं, वहीं खेल से संन्यास लेना चाहती हैं, जहाँ उन्होंने भारी भीड़ के सामने कई वर्षों तक भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
सानिया ने दुबई में डब्ल्यूटीएटेनिस.कॉम से बातचीत में कहा, “मैं डब्ल्यूटीए फाइनल के ठीक बाद रुकने वाली थी, क्योंकि हम डब्ल्यूटीए फाइनल में जगह बनाने जा रहे थे, लेकिन यूएस ओपन से ठीक पहले मेरी कोहनी में चोट लग गई थी, इसलिए मुझे संन्यास का फैसला टालना पड़ा। ईमानदारी से, मैं अपनी शर्तों पर काम करना पसंद करती हूं। मैं चोट से मजबूर होकर संन्यास नहीं लेना चाहती थी। इसलिए मैं प्रशिक्षण कर रही हूं।”
उन्होंने कहा, “दुबई ड्यूटी फ्री टेनिस चैंपियनशिप के दौरान मेरी रिटायर होने की योजना है।”
बता दें कि दुबई ड्यूटी फ्री टेनिस चैंपियनशिप 19 फरवरी से शुरू होगा। सानिया युगल वर्ग में शीर्ष पर रहीं हैं। वह 2015 में ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनीं।
महिला युगल वर्ग में उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन (2016), विंबलडन (2015), यूएस ओपन (2015) जीता है। उन्होंने मिश्रित युगल में ऑस्ट्रेलियन ओपन (2009), फ्रेंच ओपन (2012) और यूएस ओपन (2014) भी जीता है।