अहमदाबाद। भारतीय कोस्ट गार्ड (आईसीजी) और एंटी टेरर स्क्वॉड (एटीएस) ने अरब सागर में बड़ी कार्रवाई कर ईरान की नौका जब्त कर 6 क्रू मेंबर को दबोचा है। इनके पास से 61 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई है। हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 425 करोड़ रुपये बताई गई है।
गुजरात एटीएस को सूचना मिली थी कि ईरान की मछली पकड़ने वाली नौका से भारत में ड्रग्स लाया जा रहा है। इसके आधार पर एटीएस और भारतीय कोस्ट गार्ड ने संयुक्त आपरेशन चलाकर ड्रग्स की बड़ी खेप जब्त की। कोस्ट गार्ड ने स्पीड बोट से समुद्र में 190 नॉटिकल माइल्स (340 किलोमीटर) की दूरी तय की।
संदिग्ध नाव को देखकर सुरक्षाकर्मियों ने रुकने का संदेश दिया। इस पर क्रू मेंबर नौका लेकर भारतीय सीमा से दूर जाने की कोशिश लगे। सुरक्षाकर्मियों ने नौका को चारों ओर से घेरकर तलाशी ली तो ड्रग्स की बड़ी खेप मिली। सभी आरोपितों समेत नौका को देवभूमि द्वारका के ओखा बंदरगाह लाया गया।
पिछले 18 महीने में कोस्ट गार्ड और एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई कर आठ विदेशी नौकाओं से 407 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किया है। इसकी कीमत करीब 2355 करोड़ रुपये आंकी गई है। सूत्रों ने आशंका जताई है कि ईरान के मछुआरे गल्फ ऑफ ओमान से पाकिस्तान की सीमा पर ग्वादर पोर्ट गए होंगे, जहां से भारत आ रहे थे।
Indian Coast Guard
अहमदाबाद। करीब 800 टन चीनी भर कर देवभूमि द्वारका जिले के सलाया का मालवाहक जहाज खराब मौसम के कारण अरब सागर में डूब गया। जहाज में सवार 12 नाविकों को बचा लिया गया है। भारतीय कोस्ट गार्ड ने इन सभी को बचाया। जहाज कच्छ जिले के मुंद्रा से रवाना होकर जिबूती बंदरगाह की ओर जा रहा था।
बीच समुद्र में खराब मौसम के बाद खतरा भांपते हुए जहाज में सवार नाविकों ने इसकी सूचना सलाया इंडियन सेलिंग वेसल्स एसोसिएशन के सचिव आदम भाया को दी। इसके बाद यह जानकारी समय रहते मुंबई स्थित भारतीय कोस्ट गार्ड मेरिटाइम रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन सेंटर (एमआरसीसी) को दी गई।
सलाया का मालवाहक जहाज का नाम निगाहेकरम और मालिक का नाम सुलतान इस्माइल सुंभनिया बताया गया है। 27 दिसंबर को मालवाहक जहाज में 800 टन चीनी भरकर इसे जिबूती के लिए रवाना किया गया था। जहाज में 12 नाविक भी सवार थे। खराब मौसम के कारण अरब सागर में जहाज हिचकोले खाने लगा। मशीनीकृत आपूर्ति पोत (एमएसवी) में पानी भरने और डूब रहे होने की जानकारी मिली थी। जहाज के डूबने से पहले चालक दल के 12 सदस्यों को बचा लिया गया, ये सभी भारतीय थे। संकट संदेश भारतीय एमएसवी ‘निगाहें करम’ के बारे में मिला था, जो जिबूती की ओर जा रहा था।
रक्षा विज्ञप्ति के अनुसार, मुंबई के आईसीजी समुद्री बचाव समन्वय केन्द्र (एमआरसीसी) को सुबह 11 बजे संकट संदेश मिलने के बाद अभियान चलाया गया। बयान में कहा गया कि सूचना मिलने पर एमआरसीसी ने क्षेत्र में मौजूद सभी पोतों को सतर्क किया और पोरबंदर के समुद्री बचाव उप केन्द्र के साथ समन्वय किया। साथ ही उसे पोत को तत्काल सहायता देने के लिए मोटर टैंकर भेजने को कहा गया।
सभी नाविकों को एमटी सिंरगर से आईसीजी जहाज में स्थानांतरित किया गया। इसके बाद सभी को वाडीनार लाया गया। प्रारंभिक चिकित्सकीय जांच के बाद उन्हें जहाज के मालिक के पास भेज दिया गया।
- अतिरिक्त खरीदे जाने वाले विमानों में 09 नौसेना को और 06 आईसीजी को मिलेंगे
नई दिल्ली। स्पेन की कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए 56 सी-295 ट्रांसपोर्ट विमानों का सौदा होने के बाद अब नौसेना और भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के लिए 15 और एयरक्राफ्ट लेने की तैयारी में है। समुद्री सुरक्षा के लिहाज से यह विमान मल्टी-मोड रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक कैमरा और सोनोबॉय से लैस होंगे। 15 अतिरिक्त खरीदे जाने वाले सी-295 विमानों में 09 भारतीय नौसेना को और 06 आईसीजी के लिए होंगे।
भारतीय वायु सेना के लिए वर्षों से लटके सी-295 ट्रांसपोर्ट सैन्य परिवहन विमान खरीदने का सौदा 24 सितम्बर को फाइनल हुआ था। इसी दिन रक्षा मंत्रालय और स्पेन की कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के बीच 21,935 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए गए थे। सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 08 सितम्बर को भारतीय वायु सेना के लिए 56 ट्रांसपोर्ट विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के 48 माह के भीतर स्पेन की कम्पनी भारत को 16 विमानों की सीधे ‘फ्लाइंग मोड’ में आपूर्ति करेगी और दस वर्षों के भीतर टाटा कंसोर्टियम भारत में ही 40 विमानों का निर्माण करेगा।
रक्षा मंत्रालय अब नौसेना और तटरक्षक बल के लिए भी ऐसे 15 अन्य विमानों के अधिग्रहण की योजना बना रहा है। नौसेना के लिए नौ और तटरक्षक बल के लिए छह सी-295 विमानों को समुद्री सुरक्षा के लिहाज से संशोधित किया जाना है। इन विमानों को गहरे समुद्र में निगरानी मिशन के लिए कैमरे और सोनोबॉय, मल्टी-मोड राडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक से लैस करने की योजना है। कंपनी भारत की समुद्री जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरुआती कुछ विमानों को संशोधित करेगी। बाकी का निर्माण गुजरात के वडोदरा में टाटा-एयरबस सुविधा में किया जाएगा। डीआरडीओ इन विमानों को मध्यम दूरी के समुद्री टोही विमान के रूप में लैस करने के लिए समग्र परियोजना को क्रियान्वित करेगा।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद जल्द ही 15 समुद्री विमानों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) जारी करेगी, जिसकी लागत लगभग 18,000 करोड़ रुपये हो सकती है। दरअसल, नौसेना और तटरक्षक को नए टोही विमानों की तलाश है, ताकि पारंपरिक और आतंकी खतरों का समय पर पता लगाने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में अधिक प्रभावी ढंग से गश्त की जा सके। फिलहाल नौसेना के पास वर्तमान में 12 पी-8आई विमान हैं, जो लंबी दूरी के टोही मिशनों के लिए अमेरिका से 3.2 बिलियन डॉलर में खरीदे गए हैं। रडार और सेंसर के साथ-साथ हार्पून ब्लॉक-II मिसाइल से लैस यह विमान मुख्य रूप से दुश्मन पनडुब्बियों का शिकार करने के लिए हैं।
नौसेना का टोही विमान पी-8आई अमेरिकी फर्म जनरल एटॉमिक्स से लीज पर लिए गए दो निहत्थे सी गार्जियन ड्रोन के साथ त्रि-स्तरीय समुद्री निगरानी ग्रिड की सबसे बाहरी परत पर गश्त करता है। अब लिए जाने वाले 15 सी-295 विमानों की उड़ान क्षमता 11 घंटे तक है, जिनका उपयोग डोर्नियर-228 बेड़े के साथ आईओआर में मध्यम दूरी के मिशन के लिए किया जाएगा। भारत का समुद्री रणनीतिक क्षेत्र फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का जलडमरूमध्य तक फैला हुआ है। भारत के पास खतरों से बचाव के लिए 5,422 किलोमीटर की विशाल तटरेखा, 1,197 द्वीप और 20 लाख वर्ग किलोमीटर का ईईजेड भी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टाटा-एयरबस प्लांट की आधारशिला वडोदरा में 30 अक्टूबर को रखी थी। सितंबर, 2023 से अगस्त, 2025 के बीच एयरबस कंपनी पहले 16 सी-295 विमानों की आपूर्ति ‘फ्लाइंग मोड’ में करेगी। वडोदरा प्लांट में तैयार होकर पहला ‘मेड इन इंडिया’ सी-295 विमान सितंबर, 2026 में मिलेगा। 56 विमानों को 2023-2031 समय सीमा के बीच वायु सेना के परिवहन बेड़े में शामिल किया जाना है, जो चीन के साथ सीमा पर भारतीय वायुसेना की सामरिक हवाई क्षमता को बढ़ाएंगे। दशकों से रक्षा क्षेत्र की पीएसयू हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का एकाधिकार तोड़ते हुए यह पहली बार है जब भारत में निजी क्षेत्र की कंपनी सैन्य विमान का निर्माण करेगी।