मॉस्को। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता का रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक बार फिर समर्थन किया है। सर्गेई लावरोव ने भारत की सराहना करते हुए कहा कि इंडिया ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने रुख के साथ हमेशा परिषद में अहम भूमिका निभाई है।
लावरोव ने 7 दिसंबर को मॉस्को में प्रिमाकोव रीडिंग इंटरनेशनल फोरम में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता देने पर समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा- ‘मुझे लगता है कि भारत वर्तमान में आर्थिक विकास के मामले में अग्रणी देशों में से एक है। इसकी आबादी जल्द ही किसी भी अन्य देश की तुलना में बड़ी होगी। भारत के पास विभिन्न प्रकार की समस्याओं को सुलझाने में विशाल राजनयिक अनुभव है।’
सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के भीतर दक्षिण एशिया में एकीकरण संरचनाओं की एक शृंखला में सक्रिय भूमिका निभाता है। इससे पहले लावरोव ने इस साल सितंबर में 77वें संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों को शामिल किया जाता है तो सुरक्षा परिषद अधिक लोकतांत्रिक होगी। उन्होंने कहा था कि भारत और ब्राजील को परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए शामिल किया जाना चाहिए।
INDIA – RUSSIA
कीव (यूक्रेन) । रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर फिर बड़ा हमला किया है। रूस ने कामिकाजी ड्रोन से यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। इन धमाकों से राजधानी कीव दहल उठी। इन हवाई हमले के बाद सायरन और विस्फोटों की तेज आवाज सुनाई दी है। मेयर विटाली क्लिट्स्को के मुताबिक, इन हमलों से आवासीय भवनों को भारी नुकसान पहुंचा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के कार्यालय प्रमुख एंड्री यरमक ने कहा कि कीव पर किए गए हमले कामिकाजी ड्रोन से किए गए है। पिछले हफ्ते भी कीव और यूक्रेन के कई अन्य शहरों में रूसी मिसाइलों से हमला किया गया था। इस हमले में कई लोगों की मौत हुई थी।
कामिकाजी ड्रोन को सुसाइड ड्रोन के नाम से भी जाना जाता है। कामिकाजी जापानी शब्द है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हमला करने वाली स्पेशल यूनिट से यह नाम जुड़ा हुआ था। इसमें सैन्य पायलट अपने लड़ाकू विमान को क्रैश कर आत्मघाती अभियान चलाकर दुश्मनों का खात्मा करते थे। तब से किसी भी आत्मघाती अभियान को अंजाम देने और दुश्मन का खात्मा करने के लिए कामिकाजी शब्द जुड़ने लगा।
कामिकाजी ड्रोन रोबोटिक बम की तरह काम करता है। यह अपने लक्ष्य को निशाना बनाकर सटीक हमला करता है। यह ड्रोन जंगल से लेकर पहाड़ियों में छिपे दुश्मनों को खोज निकालता है। यह ड्रोन क्रूज मिसाइल और अनमैन्ड एरियल व्हीकल का मिश्रण है। यह एक तरह का उड़ने वाला हथियार है जो किसी भी तरह के जंग में काम आता है।
इसकी खासियत अपने शिकार को तुरंत पहचानना है। सबसे खतरनाक बात इसकी यह है कि यह लक्ष्य के आसपास घूमता है और फिर अपना लक्ष्य निर्धारित कर दुश्मन के चीथड़े उड़ा देता है।
आकलैंड । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को अपने बयान में रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिए भारत यथासंभव हर प्रकार की सहूलियत देने को इच्छुक है। जयशंकर ने बताया कि जब यूक्रेन और रूस के बीच संवेदनशील जपोरिज्जिया में लड़ाई बढ़ गई थी तब भारत ने मॉस्को पर वहां मौजूद परमाणु संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाया था।
उन्होंने आगे कहा कि मैं उस दौरान संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर था और उसी समय हमसे निवेदन किया गया कि हम रूस पर दबाव डालें। हालांकि हमने इसको एक गंभीर चिंता के रूप में लिया और रूस को इस चिंता से रूबरू कराया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विश्व रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित है। उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण को भी एक बड़ा मुद्दा बताया। विदेश मंत्री जयशंकर ने दुनिया में दोहरे मापदंड और भारत की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दोहरे मापदंड का चलन पुराना है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने जो बदलाव देखे हैं उनमें से एक यह भी है कि अमेरिका अपने खुद के पुराने गठबंधन, संधि और रिश्ते से बाहर के देशों के साथ काम करने के लिए आगे बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि आपके पास अदालत जैसे तंत्र हैं, जिसमें अमेरिका के लिए कुछ गठबंधन शामिल हैं। हालांकि भारत जैसा भी देश है जो ऐतिहासिक रूप से गठबंधनों और संधियों से दूर रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि 1970 और 1980 के दशक में प्रमुख निर्णय जी-7 देशों के द्वारा लिए जाते थे, लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव हुआ और इसका केंद्र जी-20 देशों की ओर स्थानांतरित हो गया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस दशक के अंत तक इसको दुनिया के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने न्यूजीलैंड समकक्ष नानाया महुता के साथ वार्ता में न्यूजीलैंड के द्वारा लागाए गए कोरोना मापदंडों का मुद्दा उठाया।
मालूम हो कि न्यूजीलैंड के द्वारा लागाए गए कोरोना मापदंडों के कारण भारतीय छात्रों को वीजा लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।विदेश मंत्री आकलैंड में छह अक्टूबर को प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न के साथ न्यूजीलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय के सदस्यों को उनकी असाधारण उपलब्धियों और योगदान के लिए सम्मानित किए जाने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्री न्यूजीलैंड दौरे के बाद कैनबरा और सिडनी की यात्रा करेंगे। उन्होंने ऑकलैंड बिजनेस चेंबर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सिमोन ब्रिजेस से लंबी बातचीत की।