शिमला । हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दिल्ली प्रवास के दौरान कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण सुक्खू की सोमवार को प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट नहीं हो पाई। उन्होंने स्वयं को आइसोलेट कर लिया है। साथ पूर्व निर्धारित सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है।
प्रवक्ता के मुताबिक इस वजह से मुख्यमंत्री का सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने खुद को क्वारंटीन कर लिया है। उनके सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। उनका आज शिमला वापस लौटने का कार्यक्रम भी रद्द हो गया है। वो हिमाचल सदन में ठहरे हैं। वो जिस मंजिल पर ठहरे हैं, वहां पर किसी भी व्यक्ति के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री चार दिन कोविड-19 प्रोटोकाल पालन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि सुक्खू चार दिन से हिमाचल प्रदेश से बाहर हैं। वह दिल्ली के अलावा राजस्थान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे। सुक्खू ने 11 दिसंबर को हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।
HIMANCHAL
शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस भाजपा को शिकस्त देकर विधान सभा चुनाव तो जीत गयी लेकिन मुख्यमंत्री के नाम तय करने को लेकर पार्टी में घमासान मचा है।कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश में अपने मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं तय कर पाई। शुक्रवार को 40 विधायकों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों के बीच करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया गया। अब मुख्यमंत्री का फैसला सीधे दिल्ली से होगा। विवाद की आशंका के चलते प्रियंका गांधी ने दावेदारों की लिस्ट के साथ 8 प्वाइंट्स में सारी जानकारी मांगी है।
बताया जा है कि प्रियंका को भेजे जाने वाली लिस्ट में सभी दावेदारों के प्रदर्शन की पूरी डिटेल होगी, जैसे- चुनाव में उनका क्या प्रभाव रहा है, कितने अंतर से वे जीते आदि। लिस्ट मिलने के बाद ही आलाकमान हिमाचल की कमान संभाले हुए पार्टी के दिग्गज नेताओं के जरिए अपना फैसला सुनाएगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटें जीती हैं, जो बहुमत के आंकड़े से पांच अधिक हैं, और भाजपा ने 25 सीटें जीती हैं
5 घंटे देर से शुरू हुई मीटिंग
कांग्रेस में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर घमासान मचा हुआ है। विधायकों की 3 बजे होने वाली मीटिंग 5 घंटे बाद शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, ऑब्जर्वर भूपेश बघेल और भूपेंद्र हुड्डा ने दोबारा 6 बजे मीटिंग बुलाई, लेकिन ये भी साढ़े सात बजे के आसपास शुरू हो पाई।
पूर्व मुख्या मंत्री स्वर्गीय वीर भद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सुक्खू , हर्षवर्धन चौहान और मुकेश अग्निहोत्री के समर्थकों ने पार्टी हाई कमान की तरफ भेजे गए पर्यवेक्षकों के सामने जमकर नारेबाजी की और अपने अपने नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव बनाया। हंगामे के कारण नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक छह घंटे देर से शुरू हुई। करीब एक घंटे चली विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास हुआ है , इसमें सीएम को लेकर आलाकमान को फैसला लेने का अधिकार दिया गया है।
शुक्रवार को कांग्रेसी खेमे में सवेरे से हलचल तेज़ थी। मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कांग्रेस से कई दावेदार सामने आ जाने से पार्टी के लिए मुसबत कड़ी हो गयी है। रेस में सबसे आगे कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश प्रमुख प्रतिभा सिंह हैं, जो दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी है। प्रतिभा सिंह मंडी से लोकसभा सांसद हैं और एक पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन प्रभावी ढंग से कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व किया। वह कांग्रेस विधायकों के समर्थन का दावा करती हैं, जो उनके पति वीरभद्र सिंह के प्रति वफादार थे, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में तीन दशकों से अधिक समय तक पार्टी का नेतृत्व किया.
प्रतिभा और सुक्खू समर्थकों के बीच धक्कामुक्की
हिमाचल कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में प्रतिभा सिंह समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। शाम की मीटिंग में जब भूपेश बघेल पार्टी ऑफिस पहुंचे तो कुछ समर्थक उनकी गाड़ी पर भी चढ़ गए। प्रतिभा समर्थकों ने कांग्रेस कार्यालय को भी घेर लिया।
मुख्यमंत्री पद के दूसरे बड़े दावेदार सुखविंदर सुक्खू भी लंबे इंतजार के बाद पार्टी कार्यालय पहुंचे। उनके आते ही समर्थकों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया और ऑफिस के अंदर ले गए। इस दौरान सुक्खू और प्रतिभा सिंह समर्थकों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा। समर्थकों को संभालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया।
इससे पहले दोपहर तीन बजे होने वाली मीटिंग सुक्खू समर्थक विधायकों के न आने से 6 बजे तय की गई थी। हालांकि यह डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुई। सुक्खू अपने 18 समर्थक विधायकों के साथ अनट्रेसेबल थे। उन्होंने अपना नंबर भी बंद कर दिया था। बड़े नेताओं के मान मनौव्वल के बाद वे देर शाम पार्टी कार्यालय पहुंचे।
कांग्रेस कार्यालय के बाहर सुक्खू के बाद प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया। समर्थकों ने प्रतिभा सिंह के विधायक बेटे विक्रमादित्य सिंह को कंधे पर उठाकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान विक्रमादित्य सिंह के लिए उनके समर्थकों ने ‘शेर आया, शेर आया’ के नारे लगाए।
ऑब्जर्वर गर्वनर से मिले, स्थानीय नेताओं को नहीं ले गए
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश का एक भी नेता मौजूद नहीं था।
राजभवन में प्रदेश के नेताओं की गैरमौजूदगी पर प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा- कांग्रेस पार्टी ने फिलहाल औपचारिक तौर पर गवर्नर के पास सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से भेजे गए कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं ने गवर्नर से मुलाकात क्यों की? इन्होंने गर्वनर को कौन सी चिट्ठी सौंपी?
प्रतिभा सिंह के मुताबिक, उन्हें नहीं पता कि कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल को क्या लैटर दिया। उनकी जानकारी के मुताबिक अभी बघेल, हुड्डा और शुक्ला विधायकों के साथ बैठक कर उनकी राय लेंगे और उसके बाद पार्टी हाईकमान को जानकारी देंगे। हाईकमान के निर्देश के बाद ही पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।
अलग-अलग होटलों में विधायकों की मीटिंग
इससे पहले बघेल समेत तीनों केंद्रीय नेताओं ने दोपहर करीब 1 बजे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मंडी की सांसद प्रतिभा सिंह से होटल में ही बैठक की। इसके बाद प्रतिभा सिंह सीधे अपने निजी आवास हॉली-लॉज चली गईं। दूसरी ओर कांग्रेस के सभी विधायक शिमला के अलग-अलग होटलों में जुटे हैं। वे अलग-अलग गुटों में मीटिंग कर रहे हैं।
इधर, विधायक दल की मीटिंग में हो रही देरी से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जमा प्रतिभा सिंह के समर्थक नाराज हो गए हैं। उन्होंने कांग्रेस ऑफिस में ही नारेबाजी शुरू कर दी। इनकी मांग है कि प्रतिभा सिंह को तुरंत विधायक दल का नेता घोषित किया जाए।
प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने होटल जाने के दौरान कांग्रेस प्रभारी और ऑब्जर्वर के कारकेड को रोक लिया और जमकर नारेबाजी की। वे प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने होटल जाने के दौरान कांग्रेस प्रभारी और ऑब्जर्वर के कारकेड को रोक लिया और जमकर नारेबाजी की। वे प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे थे।
पहले चंडीगढ़ में बुलाई थी बैठक
इससे पहले गुरुवार को आए रिजल्ट में राज्य की 68 सीटों में से कांग्रेस को 40 सीटें मिली हैं, जो बहुमत यानी 35 से पांच ज्यादा हैं। वहीं भाजपा को 25 सीटे मिली हैं। 3 सीटों पर निर्दलियों ने जीत दर्ज की। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने खरीद-फरोख्त रोकने के लिए गुरुवार को चंडीगढ़ में विधायकों की बैठक बुलाई थी, लेकिन देर शाम तक बैठक की जगह शिमला कर दी गई।
प्रतिभा सिंह के मुख्यमंत्री बनाने पर इसलिए संशय
प्रतिभा सिंह वर्तमान में प्रदेशाध्यक्ष के साथ-साथ मंडी संसदीय हलके से सांसद भी हैं। ऐसे में पार्टी यदि उन्हें मुख्यमंत्री बनाती है तो कांग्रेस मंडी में उप चुनाव का रिस्क नहीं लेना चाहेगी, क्योंकि मंडी जिले की 10 में से 9 सीटें जीत भाजपा ने दमदार प्रदर्शन किया है। भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे जयराम ठाकुर ने यहां 37 हजार से ज्यादा के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की।
उप मुख्यमंत्री की मांग कर सकते हैं होली लॉज समर्थक
सूत्र बताते हैं कि होली लॉज को छोड़ दूसरे गुट से मुख्यमंत्री बनने पर उनके समर्थक विक्रमादित्य सिंह को उप मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी कर सकते हैं। विक्रमादित्य हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। ऐसा हुआ तो राज्य में पहली बार मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री होगा।