यरुशलम । इजराइली बंधकों को हमास के कब्जे से रिहा कराने के लिए कतर की मध्यस्थता वाली वार्ता एक बार फिर से शुरू हो गई है। इजराइल ने वार्ता शुरू होने की पुष्टि की है। वहीं इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विजय होने तक गाजा में युद्ध जारी रखने का संकल्प दोहराया है। नेतन्याहू ने कहा कि इजराइली सेना गाजा से जीत के बाद हटेगी, लेकिन वहां की सुरक्षा व्यवस्था इजराइल के नियंत्रण में रहेगी।
इजराइल में बंधकों की रिहाई के लिए बढ़ रहे जन दबाव और शुक्रवार को गाजा में इजराइली सैनिकों की गोलीबारी में तीन बंधकों की मौत के बाद सरकार पर बंधक रिहाई के लिए प्रयास करने का दबाव बढ़ गया था। इसी के बाद कतर के प्रधानमंत्री मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से इजराइली खुफिया संगठन मोसाद के निदेशक डेविड बर्निया ने मुलाकात की।
इस बार इजराइल की पहल पर वार्ता हो रही है, जबकि नवंबर के युद्धविराम से पहले हमास और मध्यस्थ के रूप में कतर व मिस्त्र ने पहल की थी। वार्ता का ताजा दौर शुरू होने के बाद हमास ने कहा, हमारी पहली शर्त गाजा में आमजनों पर इजराइल के हमले रोकने की है। मध्यस्थों को इस बारे में बता दिया गया है।
हमास के कब्जे में अभी भी लगभग 130 इजराइली बंधक हैं। बंधकों की रिहाई और युद्धविराम के लिए वार्ता के बीच गाजा में इजराइली सेना व हमास के बीच लड़ाई जारी है। इस लड़ाई में अभी तक 19,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि इजरायल के 121 सैनिक मरे हैं। सात अक्टूबर से जारी लड़ाई में 23 लाख की आबादी वाली गाजा पट्टी में 85 प्रतिशत लोगों को बेघर होना पड़ा है। घर नष्ट होने और जान बचाने के लिए लगभग 20 लाख लोग अस्थायी आवासों में रहने के लिए मजबूर हैं।
वेस्ट बैंक में इजराइली सुरक्षा बलों के हमले में रविवार को पांच फिलिस्तीनी मारे गए। इनमें से दो लोग तुलकार्म में मारे गए, जबकि तीन की मौत जेनिन में हुई। इजराइली सेना ने कहा है कि उसने वेस्ट बैंक में हथियारबंद अतिवादियों के खिलाफ कार्रवाई का स्तर बढ़ाया है। इसके चलते हाल के दिनों में जेनिन में दस लोग मारे गए हैं।
HAMAS PALESTINE
यरुशलम । इजराइली सेना ने गाजा पट्टी के अल शिफा अस्पताल पर कार्रवाई के बाद अब उत्तरी भाग में स्थित इंडोनेशियन अस्पताल को घेर लिया है। इजराइली टैंक अस्पताल के नजदीक गश्त कर रहे टैंक रुक रुककर फायरिंग भी कर रहे हैं। इस फायरिंग में 12 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की सूचना है।
मिस्र की सीमा के नजदीक बसे रफाह कस्बे पर इजराइली सेना की बमबारी में 14 लोगों के मारे जाने की सूचना है। बंधकों की रिहाई के बदले सीमित समय के युद्धविराम के लिए जारी वार्ता के बीच गाजा में लड़ाई जारी है।
गाजा के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर जबालिया में हमास लड़ाकों और इजराइली सेना के बीच भीषण लड़ाई जारी है। वहां पर इजराइली विमानों ने बमबारी भी की है। एक लाख की आबादी वाला शिविर का यह इलाका हमास के प्रभाव वाला है। इस बीच, अल शिफा अस्पताल से निकाले गए 31 समय से पहले पैदा हुए नवजात शिशुओं को पड़ोसी देश मिस्र ले जाया गया है। इन नवजात शिशुओं को मोबाइल इन्क्यूबेटर में रखकर मिस्र के अस्पताल तक पहुंचाया गया है। मिस्र के रास्ते 61 फिलिस्तीनी मरीज तुर्किये पहुंचे हैं, उनका वहां के अस्पतालों में इलाज होगा।
इंडोनेशियन अस्पताल में फायरिंग और गोलाबारी के बीच 700 मरीज भर्ती हैं। इस अस्पताल में भी हजारों की संख्या में बेघर हुए क्षेत्रीय लोगों ने शरण ले रखी है। लड़ाई के बीच वहां का संचार संपर्क टूट गया है। वहां की स्थिति के बारे में इजराइली सेना ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। वैसे सेना ने अभी अस्पताल में प्रवेश नहीं किया है।
इजराइली सेना के अनुसार, वह केवल हमास के आतंकियों और उनके ठिकानों को निशाना बना रही है। लड़ाई में हमास के आमजनों को ढाल बनाए जाने से कठिनाई हो रही है और कार्रवाई में आम फलस्तीनी बेवजह मारे जा रहे हैं। इजराइली सेना ने ताजा लड़ाई में हमास के तीन कमांडरों के मारे जाने की जानकारी दी है।
जानकारी के अनुसार, गाजा के उत्तर-पूर्वी हिस्से के बीत लाहिया कस्बे पर इजराइली सेना ने टैंकों से गोलाबारी की है, इसमें बड़ी संख्या में आमजनों के मारे जाने की खबर है।
सात अक्टूबर से गाजा में जारी इजरायली हमलों में अभी तक 13 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जिनमें से दो तिहाई से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। हमास के जवाबी हमलों में 65 इजरायली सैनिक मारे गए हैं।
इजराइली सेना ने हमास से जारी लड़ाई के चलते आमजनों से उत्तरी गाजा खाली कर देने के लिए कहा है। इलाके से आठ लाख से ज्यादा लोग दक्षिणी गाजा जा चुके हैं, लेकिन अभी भी कई लाख लोग उत्तरी इलाके में हैं। इन्हीं में से दसियों हजार ने अपने घर छोड़कर विभिन्न अस्पतालों में शरण ले रखी है। वहां पर उन्हें इजरायली हमलों से बचे रहने की उम्मीद नजर आ रही है, लेकिन छह हफ्तों से जारी लड़ाई के बाद अब इन अस्पतालों का भी बुरा हाल है। पानी, बिजली और दवाइयों के अभाव से जूझ रहे इन अस्पतालों तक लड़ाई पहुंच गई है। अब मरीजों का अस्पताल में बने रहना मुश्किल हो रहा है।
न्यूयॉर्क/तेलअवीव/यरुशलम । इजरायल-हमास के बीच युद्धविराम की मांग वाला रूस का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सोमवार रात खारिज हो गया। इस प्रस्ताव में गाजा में आम नागरिकों के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा करते हुए युद्ध विराम की मांग की गई थी। लेकिन इसमें हमास के बर्बर हमले का जिक्र नहीं था। ऐसे में पश्चिमी देशों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पास होने के लिए नौ वोटों की जरूरत थी। प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ चार देशों ने मतदान किया। उधर, इजरायल के सुरक्षाबलों ने पूरी रात फिलिस्तीन के कुख्यात आतंकवादी संगठन हमास के अलावा आतंकी समूह हिजबुल्ला के सैकड़ों ठिकानों पर बमबारी की। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
अब हिजबुल्ला से चुनौतीः मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पिछली सात तारीख को इजरायल पर किए गए हमास के आक्रमण के बाद छिड़ी जंग में आतंकवादी समूह हिजबुल्ला भी कूद गया है। इससे इजरायल को नई चुनौती से जूझना पड़ रहा है। हमास के इजरायल पर किए गए हवाई हमलों के बाद दोनों ओर से संघर्ष जारी है। गाजा पट्टी से हमास के आतंकी इजरायल पर रॉकेट दाग रहे हैं। इजरायल की वायुसेना ने समूचे गाजा पट्टी में रातभर बम बरसाए हैं। इस जंग में अब तक 4000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। साथ ही इजरायल ने अब लेबनान की ओर से रुक-रुक कर हमला कर रहे हिजबुल्ला पर हमले तेज कर दिए हैं। इजरायल की सेना ने कहा है कि वह हिजबुल्ला के आतंकी ठिकानों को तबाह कर देगी। उसने अब तक हिजबुल्ला के सैकड़ों ठिकानों को निशाना बनाया है।
बाइडन कर सकते हैं इजरायल का दौराः मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल के प्रति अमेरिकी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन इजरायल की यात्रा पर विचार कर रहे हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें इजरायल आने का निमंत्रण भेजा है। इस बीच इजरायली सेना ने माना है कि हमास ने 199 लोगों को बंधक बनाया है। तेल अवीव में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात के बाद इजरायल के रक्षामंत्री योव गैलेंट ने कहा है कि यह युद्ध लंबा खिंचेगा।
यह युद्ध नाजी नरसंहार से भी बर्बरः मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इजरायल-हमास संघर्ष को द्वितीय विश्व युद्ध के नाजी नरसंहार के बाद बर्बर यहूदी नरसंहार माना जा रहा है। ब्रिटेन की संयुक्त राष्ट्र राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा है कि इजरायल के इतिहास में सबसे बड़े आतंकी हमले को नजरअंदाज करना इस परिषद के लिए अनुचित होगा। रूसी प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी ब्राजीलियाई प्रस्ताव पर बातचीत जारी रहेगी। प्रस्ताव पर मतदान से पहले रूसी राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि यह बढ़ते मौजूदा संकट को लेकर एक जवाब है।