अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को तीन दरवाजा स्थित अहमदाबाद की नगर देवी माता भद्रकाली के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने माता की विशेष पूजा और आरती भी की।
गुजरात प्रवास के दूसरे दिन प्रधानमंत्री ने शहर के शाहीबाग से सरसपुर तक रोड शो किया। इस दौरान वे लाल दरवाजा के समीप तीन दरवाजा स्थित नगर देवी भद्रकाली का दर्शन करने पहुंचे। यहां विधिवत पूजा अर्चना के बाद उन्होंने माता की आरती उतारी। प्रधानमंत्री ने कई वर्षों के बाद नगर देवी का पूजन किया है। इसके बाद वे खानपुर से रोड शो के लिए रवाना हुआ। रोड शो अहमदाबाद में कांग्रेस के पास की सीट जमालपुर-खाडिया सीट से होकर गुजरी। पीएम के रोड शो का रूट शाहीबाग, डफनाला, घेवर सर्किल, नमस्ते सर्किल, दिल्ली दरवाजा, लकी रेस्टोरेंट, बिजली घर, भद्रकाली मंदिर, म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन, आस्टोडिया रायपुर दरवाजा, सालंगपुर होकर सरसपुर पहुंचा। यहां पीएम मोदी ने चुनावी सभा को संबोधित किया।
gujarat election
फिल्म अभिनेता परेश रावल गुजरात चुनाव को लेकर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे लेकिन प्रचार के दौरान बंगालियों को लेकर की गई अपनी एक टिप्पणी को लेकर वह विवादों में फंस गए हैं। परेश रावल ने हाल ही में गुजरात चुनाव को लेकर प्रचार के दौरान अपने भाषण में कहा कि गुजरात के लोग महंगाई को बर्दाश्त कर लेंगे लेकिन पड़ोस के बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को नहीं। इसके बाद से ही उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा था, गैस सिलेंडर महंगे हैं लेकिन कीमतें कम हो जाएंगी। लोगों को रोजगार भी मिलेगा लेकिन तब क्या होगा जब रोहिंग्या शरणार्थी और बांग्लादेशी, दिल्ली की तरह आपके पास रहना शुरू कर देंगे। गैस सिलेंडर का आप क्या करेंगे? बंगालियों के लिए मछली पकाएंगे?’
परेश रावल अपने इस बयान के बाद विवादों में घिर गए और उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि इस मामले में परेश रावल ने अब माफी मांग ली है। परेश रावल ने सोशल मीडिया पर एक यूजर के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए अपनी सफाई पेश की है। परेश रावल ने लिखा, ‘बेशक मछली कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि गुजराती मछली पकाते हैं और खाते हैं लेकिन मैं बंगाली भाइयों से स्पष्ट कर दूं कि मेरा मतलब देश में अवैध रुप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं से है। फिर भी अगर मैंने आपकी भावनाओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो मैं माफी मांगता हूं।’
अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शुक्रवार को तीसरी सूची जारी की। इससे पूर्व गुरुवार देर रात दूसरी सूची जारी की गई थी। तीनों सूची से कांग्रेस ने 93 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। शुक्रवार को ही कांग्रेस ने एनसीपी से गठबंधन कर उसके साथ 3 सीटें साझा किया है।
कांग्रेस ने अपनी तीसरी सूची में 7 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। आम आदमी पार्टी से हाल में कांग्रेस में जाकर आरोपों की बौछार करने वाले इन्द्रनील राजगुरु को पार्टी ने राजकोट पूर्व से उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा रापर से बच्चुभाई अरेथिया, वढवाण से तरुण गढवी, धारी से डॉ कीर्ति बोरीसागर, नांदोद (एसटी) से हरेश वसावा, नवसारी से दीपक बारोथ और गणदेवी एसटी से अशोकभाई पटेल को टिकट दिया गया है।
वाघेला भी लड़ सकते हैं चुनाव
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला भी चुनाव लड़ सकते हैं। उनके बेटे महेन्द्र सिंह वाघेला पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। शंकरसिंह की ओर से भी कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़ने का संकेत दिया गया है। सूत्रों के अनुसार महेन्द्र सिंह वाघेला बायड से चुनाव लड़ सकते हैं। बताया गया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में शंकरसिंह वाघेला कांग्रेस में शामिल होंगे। इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री शुक्रवार को देर रात अहमदाबाद आएंगे और शनिवार को चुनावी घोषणा पत्र जारी करेंगे।
अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। शुक्रवार को दोनों दलों के प्रदेश अध्यक्षों की मौजूदगी में इसकी घोषणा की गई। एनसीपी 182 सदस्यीय विधानसभा में 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
अहमदाबाद में शुक्रवार को एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में एनसीपी के गुजरात के अध्यक्ष जयंत बोस्की ने बताया कहा कि उनकी पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं की सलाह और मार्गदर्शन के अनुसार गठबंधन किया गया है। उनकी पार्टी तीन उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। साथ ही एनसीपी आश्वस्त करती है कि इसके अलावा यदि उनकी पार्टी से कोई उम्मीदवारी करता है तो उसे चुनाव चिह्न नहीं दिया जाएगा। बोस्की ने कहा कि इसके बाद भी यदि कोई कार्यकर्ता निर्दलीय चुनाव लड़ने की कोशिश करेगा तो पार्टी उसे निष्कासित करेगी।
पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा कि देशभर में राष्ट्रीय एकता और संविधान बचाने वाले लोग एक हो रहे हैं, इसी परिदृश्य में गुजरात में भी हम दो राजनीतिक दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे। ठाकोर ने कहा कि राज्य में फासीवाद और अलगाववाद बढाने वाले तत्वों के विरुद्ध मिलकर मुकाबला करेंगे।
नरोडा से निकुल हो सकते हैं एनसीपी उम्मीदवार
एनसीपी नरोडा सीट से निकुल सिंह तोमर को चुनाव मैदान में उतार सकती है। इनका नाम पहले से चलाया जा रहा था और यह सीट एनसीपी को मिलने से उनकी दावेदारी मजबूत हो गई है। निकुल अभी कांग्रेस से नरोडा के पार्षद हैं। एनसीपी ने कुतियाणा और गोंडल सीट न मिलने पर कांधल जाडेजा और रेश्मा पटेल को समर्थन नहीं देने की बात स्पष्ट कर दी है।
अहमदबाद। सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले से चर्चित हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी नई प्रजा विजय पक्ष (पार्टी) को मैदान में उतारने की घोषणा की है। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने गुजरात में हिन्दुत्व एजेंडे के साथ रहने का ऐलान किया है।
मंगलवार काे अहमदाबाद में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डीजी वंजारा ने कहा कि वे राज्य की जनता को भय और भ्रष्टाचार से मुक्त कराएंगे। उन्होंने कहा कि वे आज प्रजा विजय पार्टी के चुनाव के मैदान में आने की घोषणा करते हैं। उनकी यह पार्टी सिर्फ एक पार्टी नहीं है, बल्कि यह गुजरात के लिए राजनीतिक विकल्प है। उन्होंने कहा कि पिछले 27 वर्ष से भाजपा का शासन है। भाजपा हिन्दुत्ववादी पार्टी है और गुजरात के लोगों की सोच और विचारधारा हिन्दुत्ववादी है, इसलिए इसी तरह की कोई दूसरी पार्टी राज्य में विकल्प बन सकती है। वंजारा ने कहा कि गुजरात की जनता भाजपा का विकल्प ढूंढ रही है। उनकी यह नई पार्टी भाजपा का विकल्प बनने को तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रजा विजय पार्टी की विचारधारा हिन्दुत्ववादी है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि यदि कांग्रेस विकल्प होती तो भाजपा का पिछले 27 वर्ष से शासन नहीं होता। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में सुर्खियों में रहे थे डीजी वंजारा
डीजी वंजारा 1987 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। गुजरात पुलिस में उनकी छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है। वे पहले क्राइम ब्रांच में थे और बाद में गुजरात एटीएस यानी एंटी टैररिस्ट स्क्वाड के मुखिया रहे। उसके बाद पाकिस्तान सीमा से सटी बॉर्डर रेंज के आईजी रहे। वे 2002 से 2005 तक अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस थे। वंजारा को 2007 में गुजरात सीआईडी ने फर्जी एनकाउंटर मामले में गिरफ़्तार किया था और उसके बाद वे जेल गए। 2007 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। सोहराबुद्दीन के अलावा वह इशरत जहां मुठभेड़ में भी आरोपित थे। 2004 में अहमदाबाद पुलिस ने इशरत उसके तीन साथियों को कथित मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने दावा किया था कि यह चारों आतंकी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या के इरादे से गुजरात आए थे। अगस्त 2017 में विशेष सीबीआई अदालत ने वंजारा को सोहराबुद्दीन मामले में बरी किया था। इसके बाद सितंबर 2018 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में वंजारा को बड़ी राहत देते हुए निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें उन्हें बरी कर दिया गया था। इसके बाद 2019 मई में वंजारा को इशरत मामले में भी आरोपमुक्त कर दिया गया था।