पणजी। गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा में कांग्रेस विधायक दल के विलय को स्वीकार कर लिया है। तावड़कर ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने कांग्रेस विधायकों के पत्र पर गौर किया और पाया कि उनके पास आवश्यक संख्या बल है।
गोवा में कांग्रेस के 11 में से 8 विधायकों ने बुधवार को विधायक दल का भाजपा में विलय करने का प्रस्ताव पारित किया था।
इस बीच, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच बृहस्पतिवार सुबह राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई से मुलाकात की। हालांकि, मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा कि इस बैठक का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। सावंत ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) से संबंधित कार्यक्रमों पर चर्चा के लिए राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। लेकिन भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगले कुछ दिन में मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है, क्योंकि पार्टी कांग्रेस से आये कम से कम दो विधायकों को कैबिनेट में शामिल कर सकती है, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत शामिल हैं।
उधर, कांग्रेस के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने बुधवार को अपनी पार्टी के आठ विधायकों के भाजपा में शामिल होने को ‘विश्वासघात’ और ‘बेशर्मी की हद पार करना ‘ करार दिया। राव ने ट्वीट किया, “गोवा के लोगों ने इन विधायकों को वोट दिया, क्योंकि वे कांग्रेस के उम्मीदवार थे। उन्होंने मंदिरों, चर्च और दरगाह के सामने शपथ ली थी कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने हलफनामा दिया था कि वे हमेशा कांग्रेस के साथ रहेंगे और संविधान के नाम पर प्रतिज्ञा की थी।”
उन्होंने दिगंबर कामत और माइकल लोबो को टैग करते हुए आगे कहा, “क्या यह दिगंबर कामत व माइकल लोबो और अन्य लोगों द्वारा विश्वासघात और बेशर्मी की पराकाष्ठा नहीं है?” पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, माइकल लोबो, दलीला लोबो, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, राजेश फलदेसाई, एलेक्सो सिकेरा और रुडोल्फ फर्नाडीस उन आठ विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने बुधवार को पाला बदल लिया।
इन विधायकों ने भाजपा में शामिल होने की पहली कोशिश 10 जुलाई 2022 को की थी। हालांकि वे इसमें सफल नहीं हुए थे। उन्होंने हाल ही में दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई से बचने के लिए फिर से कोशिश की थी। दिनेश गुंडू राव ने बागियों के 10 जुलाई को दलबदल के पहले ‘प्रयास’ पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर कांग्रेस को विभाजित करने के लिए इसके विधायकों को पैसे देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था, “बड़ी रकम की पेशकश के बावजूद हमारे छह विधायक डटे हुए हैं। मुझे उन पर गर्व है। भाजपा दो तिहाई बहुमत के लिए कांग्रेस में विभाजन की कोशिश कर रही थी, जिसमें कामयाब हो गई।”
उन्होंने कहा, “हमारे कई विधायकों को पार्टी बदलने के लिए बड़ी रकम की पेशकश की गई थी। मैं भाजपा द्वारा उन्हें दी जाने वाली धनराशि से हैरान हूं।” यहां तक कि गोवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने भी कहा था कि भाजपा के उद्योगपति मित्र, खदान मालिक और कोयला माफिया कांग्रेस विधायकों को दलबदल करने के लिए 30 से 40 करोड़ रुपये की पेशकश कर रहे हैं।
कांग्रेस ने माइकल लोबो को विपक्ष के नेता के पद से हटा दिया था और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस को विभाजित करने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया था।
ताजा दलबदल के बाद गोवा विधानसभा में कांग्रेस के अब तीन विधायक रह गए हैं।
Tag: