जोधपुर/जयपुर । राजस्थान की राजनीति में ‘लाल डायरी’ से हलचल पैदा करने वाले बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के जयपुर स्थित सरकारी आवास पर जोधपुर पुलिस पहुंची है। इस बार मामला नाबालिगों से दुष्कर्म से जुड़ा होने से काफी संगीन है।
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव ने मीडिया कांफ्रेंस में बताया कि पीपाड़शहर की दो नाबालिग का गत 2 जुलाई को अपहरण किए जाने के साथ दुष्कर्म हुआ था, जिस पर पॉक्सो एवं दुष्कर्म में केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने नाबालिगों के साथ बीकानेर के दो युवकों को पकड़ा है। उन्होंने बताया कि अब तक की जांच में सामने आया कि संभवत: पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के सरकारी आवास पर बने गार्ड रूम अथवा रैन बसेरा में दुष्कर्म किया गया है।
इस सूचना को वेरिफाई करने के लिए गुरुवार सुबह पीपाड़शहर पुलिस की टीम जयपुर पहुंची और आवास के आस पास तलाशी ली है। आस पास लगे सीसीटीवी फुटेज को देखा जा रहा है। इसमें किसकी संलिप्ता है, इसका पूरा पता लगाया जा रहा है। एसपी ग्रामीण यादव ने बताया कि नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। इस बारे में पॉक्सो एवं दुष्कर्म में केस दर्ज हुआ है।
गुढा ने बुधवार को सरकारी आवास पर ही पत्रकार वार्ता करके चर्चित ‘लाल डायरी’ का कुछ अंश सार्वजनिक किया है। इनमें आरसीए चुनाव से संबंधित बातों का उल्लेख है। गुढ़ा ने दावा किया था कि डायरी में राइटिंग आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ की है। अगर किसी को इस पर कोई शक है तो इसकी किसी भी एजेंसी से जांच करवा लें। डायरी के जारी किए अंश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे और वर्तमान आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत, आरसीए के पदाधिकारी भवानी समोता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीएस सौभाग्य के भी नाम हैं।
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जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार ने सरकारी कर्मचारियो का समर्थन हासिल करने के लिए कई घोषणा की हैं। नए एलानों के मुताबिक राजस्थान के सिरकारी कर्मचारी अब एडवांस सैलरी का लाभ उठा सकते हैं। यह सुविधा देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है राजस्थान। अशोक गहलोत सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने और प्रमोशन के बाद ये महत्वपूर्ण फैसला लिया है.
राजस्थान सरकार ने नई व्यवस्था को पहली जून से लागू कर दी है। राज्य के कर्मचारी इस व्यवस्था के तहत अपनी सैलरी का आधा हिस्सा एडवांस ले सकेंगे.
20 हजार रुपये एडवांस ले सेकेंगे
राजस्थान सरकार ने कहा है कि इसके तहत एक बार में 20 हजार रुपये अधिकतम भुगतान किया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों को यह फायदा देने के लिए वित्त विभाग ने एक नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के साथ डील की है और आने वाले समय में कुछ और बैंकों व वित्तीय संस्थानों के साथ डील की जाएगी.
अगर कर्मचारी किसी भी महीने की 21 तारीख से पहले अपना वेतन वापस लेने का विकल्प चुनते हैं, तो वेतन चालू माह के भुगतान से काट लिया जाएगा. इसके अलावा, कर्मचारियों से उनके द्वारा निकाले जाने वाले एडवांस सैलरी पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा, लेकिन कर्जदाताओं से संबंधित लेन-देन पर शुल्क लगाया जाएगा।
कैसे मिलेगी एडवांस सैलरी
एडवांस सैलरी योजना का लाभ उठाने के लिए राजस्थान सरकार के कर्मचारियों को अपनी एसएसओ आईडी का उपयोग करके आईएफएमएस 3.0 के साथ खुद को रजिस्टर्ड करना होगा। वहीं वित्तीय संस्थाओं के पास सहमति जमा करना होगी। राजस्थान सरकार के कर्मचारी अपने वित्तीय सेवा प्रदाता की वेबसाइटों पर भी जा सकते हैं और ऑनलाइन पोर्टल पर अपना अंडरटेकिंग जमा कर सकते हैं। इसके बाद कर्मचारियों को आईएफएमएस वेबसाइट पर लौटना होगा और वन टाइम पासवर्ड के माध्यम से सहमति देनी होगी.
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार की नई योजना कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के एक कदम के रूप में आई है। वहीं इसे चुनाव के मद्देनजर भी एक खास कदम देखा जा रहा है.