मुंबई। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4 अगस्त को समाप्त हफ्ते में 2.41 अरब डॉलर घटकर 601.45 अरब डॉलर पर आ गया है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 28 जुलाई को समाप्त सप्ताह में यह 3.2 अरब डॉलर गिरकर 603.87 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। यह लगातार तीसरा हफ्ता है जब भंडार में गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, भंडार में विदेशी मुद्रा संपत्तियों में 1.94 अरब डॉलर की कमी आई और यह 533.4 अरब डॉलर रह गई। अक्तूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार सार्वकालिक स्तर 645 अरब डॉलर रहा था।
औद्योगिक उत्पादन : तीन महीने के निचले स्तर पर
देश में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि जून में तीन माह के निचले स्तर 3.7 फीसदी पर रही। विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि धीमी पड़ी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक, पिछले साल जुलाई में इसकी वृद्धि दर 12.6 फीसदी रही थी। इस साल मई में वृद्धि दर 5.3 फीसदी रही थी। विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन जून, 2023 में 3.1 फीसदी बढ़ा। बिजली उत्पादन में 4.2 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में अप्रैल-जून में 4.5% वृद्धि हुई, जो 2022 की समान अवधि के दौरान 12.9 फीसदी थी।
FOREIGN RESERVE DROPS
नई दिल्ली, । आर्थिक र्मोचे पर सरकार को झटका लगने वाली खबर आई है। देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में फिर गिरावट दर्ज हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।
आरबीआई के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में गिरावट की वजह स्वर्ण भंडार में आई कमी है। आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया। हालांकि, 28 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो एक साल के दौरान किसी एक सप्ताह में सबसे अधिक तेजी थी।
आंकड़ों के मुताबिक चार नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) भी 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई है। इसी तरह देश का स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।
उल्लेखनीय है कि एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार बढ़कर 645 अरब डॉलर के अबतक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। जानकारों का कहना है कि देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य कारण वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का मुद्रा भंडार से मदद लेना रहा है।