ब्रसेल्स । उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के प्रमुख जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि फिनलैंड मंगलवार को दुनिया के इस सबसे बड़े सैन्य गठबंधन का 31वां सदस्य बन जायेगा । उन्होंने उम्मीद जताई कि फिनलैंड का पड़ोसी स्वीडन भी आगामी महीनों में नाटो में शामिल हो सकता है।
उन्होंने कहा कि नाटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक ब्रसेल्स में होगी और फिनलैंड की सदस्यता का समर्थन करने वाला अंतिम देश तुर्किए अपने आधिकारिक दस्तावेज अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को सौंपेगा।
उसके बाद फिनलैंड को भी ऐसा करने के लिए आमंत्रित करेंगे। फिनलैंड का ध्वज शामिल करने के लिए नाटो के मुख्यालय में मंगलवार अपराह्न ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली निनिस्तो और रक्षा मंत्री एंट्टी कैकोनेन के अलावा विदेश मंत्री पक्का हाविस्टो समारोह में भाग लेंगे। हाविस्टो ने कहा, यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है। फिनलैंड के लिए बैठक का सबसे अहम उद्देश्य यूक्रेन के प्रति नाटो के समर्थन पर जोर देना होगा, क्योंकि रूस अपनी आक्रामकता जारी रुखे हुए है। हम यूरोपीय-अटलांटिक क्षेत्र में शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना चाहते हैं।
फिनलैंड और स्वीडन के शामिल किए जाने संबंधी प्रोटोकॉल पर नाटो के सभी 30 देशों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। हालांकि, तुर्किए और हंगरी ने नाटो के विस्तार की कवायद को महीनों तक बाधित किया, लेकिन दोनों अंतत: फिनलैंड पर सहमत हो गए।
तुर्किए ने चरमपंथ से निपटने को लेकर दोनों देशों से गारंटी और आश्वासन मांगा था। हंगरी की मांग भी इससे अलग नहीं है। किसी देश को नाटो में शामिल करने के लिए सभी सदस्य देशों का समर्थन जरूरी होता है।
finland in nato
अंकारा । फिनलैंड को नाटो की सदस्यता मिलने की सभी बाधाएं दूर हो गयी हैं। तुर्किए की संसद ने फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने के लिए सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। अभी स्वीडन की नाटो सदस्यता की राह में तुर्किए और हंगरी की बाधा बनी हुई है।
नाटो की सदस्यता के लिए पूरी प्रक्रिया के साथ सभी सदस्य देशों की मंजूरी भी जरूरी होती है। फिनलैंड व स्वीडन ने नाटो सदस्यता के लिए आवेदन किया था। अब तक तुर्किए की संसद से दोनों देशों की सदस्यता को मंजूरी न मिलने के कारण इनकी नाटो सदस्यता अटकी हुई थी। अब तुर्किए की संसद ने एकमत से फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने की मंजूरी दे दी है। नाटो के अन्य सदस्य देश पहले ही फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने की मंजूरी दे चुके हैं।
स्वीडन और फिनलैंड ने साल 2022 में नाटो का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया था। इसके बाद अधिकतर देशों ने स्वीडन और फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने की मंजूरी दे दी थी लेकिन हंगरी और तुर्किए इसके लिए तैयार नहीं थे। तुर्किए का आरोप था कि कुर्दिश आतंकी संगठन फिनलैंड और स्वीडन से तुर्किए के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। हालांकि दोनों देशों ने तुर्किए के आरोपों से इनकार किया था। वहीं हंगरी का आरोप है कि स्वीडन और फिनलैंड में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है और दोनों देश इसके बारे में झूठ बोलते हैं। बाद में तुर्किए और हंगरी ने फिनलैंड के प्रति अपने रुख को नरम कर लिया था और फिनलैंड को नाटो में शामिल करने की मंजूरी दे दी। दोनों देश अभी भी स्वीडन की सदस्यता का विरोध कर रहे हैं। हंगरी का कहना है कि स्वीडन को सदस्यता पाने के लिए कई बड़े कदम उठाने होंगे।
नाटो की सदस्यता की राह खुलने पर फिनलैंड ने खुशी जाहिर की है। फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली निनिस्तो ने कहा कि हमारा देश नाटो में शामिल होने के लिए तैयार है। सभी 30 देशों ने उनकी सदस्यता को मंजूरी दे दी है और वह सभी सदस्य देशों को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं। निनिस्तो ने कहा कि फिनलैंड एक मजबूत और सक्षम सहयोगी बनेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्वीडन भी जल्द नाटो का सदस्य बनेगा। नाटो के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने भी फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाए जाने का स्वागत किया और कहा कि इससे नाटो और मजबूत होगा।