ब्रसेल्स/ लंदन । नाटो क्लब में एक और देश शामिल हो गया। दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सूची में मंगलवार को फिनलैंड औपचारिक रूप से शामिल हो गया। फिनलैंड के नाटो में शामिल होने को रूस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं ब्रिटेन के राष्ट्रपति सुनक ने फिनलैंड को नाटो में शामिल होने पर बधाई दी है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच नाटो के विस्तार के बड़े रणनीतिक मायने निकाला जा रहा है।
फिनलैंड दस्तावेजों को सौंपने के साथ ही नॉर्डिक राष्ट्र आधिकारिक तौर पर दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन का सदस्य बन गया। फिनलैंड की सदस्यता यूरोप के सुरक्षा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। दूसरे विश्वयुद्ध में सोवियत संघ से अपनी हार के बाद इस देश ने तटस्थता अपनाई थी, लेकिन इसके नेताओं ने यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के कुछ महीने बाद ही संकेत दिया था कि वे नाटो गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं।
यह कदम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए रणनीतिक और राजनीतिक रूप से झटका है। वह लंबे अरसे से शिकायत करते आए हैं कि नाटो रूस की ओर विस्तार कर रहा है। वहीं, गठबंधन का कहना है कि इससे मॉस्को को कोई खतरा नहीं है।ॉरूस ने चेतावनी दी कि फऩिलैंड की नाटो की सदस्यता से उत्पन्न सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए उसे प्रतिशोधी उपाय करने के लिए विवश होना पड़ेगा। मॉस्को ने यह भी कहा है कि अगर नाटो अपने 31वें सदस्य राष्ट्र के क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक या उपकरण तैनात करेगा, तो वह फिनलैंड की सीमा के पास अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा। फिनलैंड के विदेश मंत्री द्वारा अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को दस्तावेज़ सौंपे जाने के बाद नाटो की सदस्यता आधिकारिक हो गई।
नाटो की सदस्यता से संबंधित दस्तावेज अमेरिकी विदेश विभाग के पास रहते हैं। ऐतिहासिक प्रक्रिया के पूरा होने से पहले नाटो महासचिव जनरल जेन स्टोलटेनबर्ग ने ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि फिनलैंड की सहमति के बिना फिनलैंड में और नाटो सैनिक नहीं भेजे जाएंगे। संबंधित घटनाक्रम नाटो की 74वीं वर्षगांठ के दिन हुआ। चार अप्रैल 1949 को ही नाटो की स्थापना के लिए वाशिंगटन संधि पर हस्ताक्षर हुए थे।
फिनलैंड के गठबंधन में शामिल होने वाले आग्रह को मंजूरी देने वाला तुर्किए नाटो का अंतिम देश है। उसने गुरु वार को ऐसा किया। 200 साल से किसी तरह के सैन्य गठबंधन से बचते आए पड़ोसी स्वीडन ने भी नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था, लेकिन तुर्किए और हंगरी की आपत्तियों के चलते प्रक्रिया में देरी हो रही है। रूस के साथ फिनलैंड की 1,340 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है।
इस बीच, फिनलैंड की संसद ने कहा कि उसकी वेबसाइट पर एक हमला हुआ, जिससे साइट का उपयोग करना कठिन हो गया। रूस समर्थक हैकर समूह नोनेम057 (16) ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह हमला फऩिलैंड के नाटो में शामिल होने का प्रतिशोध है।
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ब्रसेल्स । उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के प्रमुख जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि फिनलैंड मंगलवार को दुनिया के इस सबसे बड़े सैन्य गठबंधन का 31वां सदस्य बन जायेगा । उन्होंने उम्मीद जताई कि फिनलैंड का पड़ोसी स्वीडन भी आगामी महीनों में नाटो में शामिल हो सकता है।
उन्होंने कहा कि नाटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक ब्रसेल्स में होगी और फिनलैंड की सदस्यता का समर्थन करने वाला अंतिम देश तुर्किए अपने आधिकारिक दस्तावेज अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को सौंपेगा।
उसके बाद फिनलैंड को भी ऐसा करने के लिए आमंत्रित करेंगे। फिनलैंड का ध्वज शामिल करने के लिए नाटो के मुख्यालय में मंगलवार अपराह्न ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली निनिस्तो और रक्षा मंत्री एंट्टी कैकोनेन के अलावा विदेश मंत्री पक्का हाविस्टो समारोह में भाग लेंगे। हाविस्टो ने कहा, यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है। फिनलैंड के लिए बैठक का सबसे अहम उद्देश्य यूक्रेन के प्रति नाटो के समर्थन पर जोर देना होगा, क्योंकि रूस अपनी आक्रामकता जारी रुखे हुए है। हम यूरोपीय-अटलांटिक क्षेत्र में शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना चाहते हैं।
फिनलैंड और स्वीडन के शामिल किए जाने संबंधी प्रोटोकॉल पर नाटो के सभी 30 देशों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। हालांकि, तुर्किए और हंगरी ने नाटो के विस्तार की कवायद को महीनों तक बाधित किया, लेकिन दोनों अंतत: फिनलैंड पर सहमत हो गए।
तुर्किए ने चरमपंथ से निपटने को लेकर दोनों देशों से गारंटी और आश्वासन मांगा था। हंगरी की मांग भी इससे अलग नहीं है। किसी देश को नाटो में शामिल करने के लिए सभी सदस्य देशों का समर्थन जरूरी होता है।
अंकारा । नाटो का विस्तार हो रहा है। नाटो परिवार में एक और देश शामिल हो गया है। फिनलैंड को नाटो की सदस्यता दिलाने के अभियान में एक और कामयाबी मिली है। तुर्किये ने फिनलैंड की नाटो सदस्यता को सहमति दे दी है। लेकिन स्वीडन की नाटो सदस्यता पर तुर्किये की आपत्ति बरक़रार है। अमेरिका ने फिनलैंड की नाटो सदस्यता पर तुर्किये के रुख का स्वागत करते हुए स्वीडन के नाटो प्रवेश की पुष्टि के लिए तुर्किये से कहा है।
यूक्रेन पर रूस हमले के बाद से स्वीडन और फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने की प्रक्रिया तेज हुई थी। नाटो का सदस्य बनने के लिए सभी सदस्य देशों की सहमति जरूरी है। अब तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने पर अपनी सहमति दे दी है और फिनलैंड का नाटो सदस्यता आवेदन स्वीकार कर लिया है। फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली निनिस्तो ने फिनलैंड की नाटो सदस्यता के आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने के फैसले का स्वागत किया। एर्दोगन ने निनिस्तो के साथ बैठक के बाद कहा कि तुर्किये ने अपनी संसद में नाटो में फिनलैंड की परिग्रहण प्रक्रिया की पुष्टि शुरू करने का फैसला किया है। निनिस्तो ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे फिनलैंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण कहा। फिनलैंड रूस के साथ लंबी सीमा साझा करता है।
रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो समझौते में शामिल होने के लिए पिछले साल आवेदन किया था लेकिन तुर्किये से अप्रत्याशित आपत्तियों का सामना करना पड़ा। स्वीडन और फिनलैंड लंबे समय से नाटो का सदस्य बनने की कोशिश कर रहे हैं। तुर्किये की आपत्ति के चलते स्वीडन का यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। तुर्किये के खिलाफ कुर्दिस्तान वर्किंग पार्टी अलग देश की मांग को लेकर संघर्ष छेड़े हुए है। तुर्किये का आरोप है कि स्वीडन की सरकार कुर्दिस्तान वर्किंग पार्टी का समर्थन करती है। साथ ही तुर्किये की मांग है कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के आलोचकों को स्वीडन की सरकार निर्वासित करे। हालांकि स्वीडन अपनी संप्रभुता और बोलने की आजादी के अधिकार के चलते तुर्किये की इन मांगों को नहीं मान रहा है। यही वजह है कि तुर्किये, स्वीडन के नाटो का सदस्य बनने की राह में रोड़ा बन रहा है।
इस बीच अमेरिका ने फिनलैंड को नाटो की सदस्यता की राह साफ करने के तुर्किये के फैसले का स्वागत किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि स्वीडन और फिनलैंड दोनों मजबूत, सक्षम भागीदार हैं जो नाटो के मूल्यों को साझा करते हैं और गठबंधन को मजबूत करेंगे और यूरोपीय सुरक्षा में योगदान देंगे। फिनलैंड के बाद तुर्किये से स्वीडन के लिए भी नाटो की सदस्यता का पथ प्रशस्त करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों को जल्द से जल्द नाटो का सदस्य बनना चाहिए।
कटिहार। कटिहार में गिरफ्तार जम्मू कश्मीर के लीडरवन कुपवाड़ा के संदिग्ध व्यक्ति नासिर यूसुफ वाज़ा पिता मो. यूसुफ वाज़ा का तार फिनलैंड और पाकिस्तान से जुड़ा हुआ पाया गया। संदिग्ध होने के आधार पर शाहिद चौक से 15 मार्च की रात उसे गिरफ्तार कर नगर थाना में रखा गया है।
इंटेलिजेंस ब्यूरो एवं मिलिट्री इंटेलिजेंस ब्यूरो के पदाधिकारी द्वारा संदिग्ध व्यक्ति का डॉक्यूमेंट, पासपोर्ट इत्यादि दस्तावेज की जांच की गयी। शुक्रवार सुबह से एनआईए और एटीएस के द्वारा पूछताछ की जा रही है।
पूछताछ के क्रम में नासिर यूसुफ वाज़ा ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसके पिता आतंकवादी थे, जो जम्मू कश्मीर में 1993 वर्ष में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था । उसके बाद नासिर फिनलैंड जाकर रहने लगा और शादी भी फिनलैंड में की। इसके बाद नासिर फिनलैंड सरकार के अधीन कोरियर का काम करता है।
जांच अधिकारियों को नासिर ने बताया कि फिनलैंड से भारत आने के बाद यहां घूमने के लिए निकाला था। वह नेपाल में करीब डेढ़ महीना से रुका हुआ था। वह जोगबनी के रास्ते कटिहार जंक्शन आया था और ट्रेन से कोलकाता जाने वाला था। परंतु ट्रेन छूट जाने की वजह से शहरी क्षेत्र के शहीद चौक स्थित एक निजी होटल में ठहरने आया था। इसी क्रम में नगर थाना पुलिस ने संदिग्ध हालात में उसे हिरासत में लेकर नगर थाना लाया। जांच के क्रम में नासिर के पास से पांच मोबाइल नंबर पाकिस्तान से जुड़ा हुआ होने की बात बताई गई है।
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और एलजी विनय कुमार सक्सेना के बीच शिक्षकों को फिनलैंड ट्रेनिंग भेजने का मसला सुलझ नहीं पाया है। गुरुवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जहां भी हमारी सरकार बनती है वहां हमारी आम आदमी पार्टी पूरी शिद्दत के साथ शिक्षा के क्षेत्र में काम करने लग जाती है। राजधानी दिल्ली में आप सभी ने देखा ही है।
अब पंजाब में भी अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चुनाव से पहले वादा किया था, उसे पूरा करने के लिए पंजाब में भी अच्छे स्कूल बनाए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। पंजाब सरकार ने दिल्ली सरकार की शिक्षा मॉडल के तर्ज पर ही अपने यहां शिक्षकों को ट्रेनिंग पर भेजना शुरू कर दिया है और शिक्षक ट्रेनिंग के लिए भी गए हैं।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद हमने शिक्षकों को दूसरे तीसरे साल में शिक्षकों को भेजा था, लेकिन हमारी पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल में ही शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेज दिया है।
सिसोदिया ने बताया कि पंजाब से निकल कर बच्चे शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं, लेकिन टीचरों की ट्रेनिंग के बाद यहां के बाचों को विदेश नहीं जान पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाद हमने टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम पंजाब में भी शुरू कर दिया है। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि पंजाब से 36 टीचरों का एक बैच दो एजुकेशन ऑफिसर सिंगापुर ट्रेनिंग के लिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब के शिक्षक ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जा रहे हैं। हम भी अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना चाहते हैं, लेकिन एलजी विनय कुमार सक्सेना अक्टूबर से फाइल को कभी इधर तो कभी उधर कर रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि अभी त्याग राज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सीएम केजरीवाल ने 1000 से ज्यादा शिक्षकों से बात की।
यह वह शिक्षक थे, जिन्हें हमारी सरकार ने सिंगापुर, कैंब्रिज, फिनलैंड भेजा था। अब भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन किया और पावर ऐसे एलजी को दी जो हमारे हर कार्य में अपनी टांग अड़ा देते हैं। यहीं वजह है कि हम अपने शिक्षकों को विदेश नहीं भेज पा रहे हैं।
स्टाकहोम । स्वीडन को बहुत जल्द ही नाटो समूह में दाखिला मिल सकता है । नाटो सैन्य गठबंधन के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने इस संबंध में सोमवार को कहा कि तुर्की की मंजूरी मिलने के बाद स्वीडन को नाटो में जल्द एंट्री मिल जाएगी ।
स्टोलटेनबर्ग ने एक साक्षात्कार में बताया कि तुर्की की मंजूरी के बाद स्वीडन का नाटो में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। मई में, स्वीडन और फिनलैंड ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद सैन्य गुटनिरपेक्षता की अपनी दीर्घकालिक नीतियों को छोड़ दिया और नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। इस कदम के लिए गठबंधन के सदस्यों की एकमत स्वीकृति की आवश्यकता है। लेकिन तब तुर्की ने स्वीडन का विरोध किया था।
गौरतलब है कि तुर्की नाटो का हिस्सा है तथा गठबंधन में किसी नए देश को शामिल करने के लिए नाटो के सभी सदस्य देशों की अनुमति आवश्यक होती है। दरअसल तुर्की ने दो नॉर्डिक देशों पर आतंकवादी संगठन माने जाने वाले समूहों पर नकेल कसने और आतंकवाद से संबंधित अपराधों के संदिग्ध लोगों को प्रत्यर्पित करने के लिए दबाव डालते हुए प्रक्रिया को रोक रखा है।
पिछले महीने, तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लु ने कहा कि अंकारा का समर्थन हासिल करने के लिए स्वीडन ने जो वादे किए थे स्वीडन ने उन में से अभी तक आधे भी पूरे नहीं किए हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब स्वीडन की एक अदालत ने कथित तौर पर 2016 के असफल तख्तापलट से जुड़े व्यक्ति को प्रत्यर्पित किए जाने के विरूद्ध फैसला दिया है।तुर्की सरकार ने गुलेन पर 2016 के तख्तापलट की कोशिश का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया है, जिसे स्वीडन नकारता है। हालांकि, स्वीडन की शीर्ष अदालत ने पत्रकार बुलेंट केन्स के प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया है, जिन पर तुर्की ने तख्तापलट की साजिश रचने वालों में शामिल होने का आरोप लगाया था।28 नाटो देशों की संसदों ने पहले ही स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता की पुष्टि कर दी है।
स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने कहा है कि स्वीडन ने अपने वादे पूरे किए हैं इसकी पुष्टि तुर्की भी कर रहा है। अब इस बारे में तुर्की को फैसला करना है। क्रिस्टरसन ने स्की रिसॉर्ट सालेन में तीन दिवसीय पीपुल्स एंड डिफेंस कॉन्फ्रेंस के पहले दिन रविवार को कहा कि हमारी फिनलैंड और तुर्की के साथ प्रत्यर्पण की उचित व्यवस्था है। इस कार्यक्रम में स्टोलटेनबर्ग और स्वीडिश विदेश नीति और सुरक्षा विशेषज्ञों ने भाग लिया।