नई दिल्ली । विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत से लगभग 9 घंटे तक पूछताछ की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने वैभव गहलोत को 16 नवंबर को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया है।
इससे पहले वैभव गहलोत राजधानी नई दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पेश हुए। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने वैभव गहलोत को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत पूछताछ के लिए बुलाया था। जानकारी के मुताबिक वैभव गहलोत से ईडी ने पहले 4 घंटे की पूछताछ की। इसके बाद लंच लंच ब्रेक दिया गया। दूसरे राउंड की पूछताछ करीब 5 घंटे चली।
ईडी के सामने पेश होने के बाद कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने कहा कि मैंने उनसे कहा कि मेरी कंपनी और मेरा फेमा से कोई लेना-देना नहीं है। वैभव ने बताया कि मैंने इन आरोपों के संबंध में 10-12 साल पहले भी जवाब दिया है, लेकिन मुझे 16 नवंबर को दोबारा बुलाया गया है।
ईडी ने 25 अक्टूबर को वैभव गहलोत को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था। वैभव ने पेश होने के लिए 30 अक्टूबर तक का समय मांगा था। वैभव वकीलों की राय लेने के बाद खुद की कंपनियों से जुड़े दस्तावेज के साथ ईडी के सामने पेश हुए। दरअसल वैभव गहलोत से ईडी की पूछताछ का मुख्य फोकस शैल कंपनियों में पैसा लगाने, मॉरीशस रूट के जरिए पैसा विदेश पहुंचाने और मनी लॉन्ड्रिंग पर आधारित है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले ईडी की टीम ने ट्राइटन होटल्स नामक मुंबई स्थित फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की थी। उस दौरान फेमा के तहत जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली सहित ई जगहों पर 29 से 31 अगस्त तक तलाशी भी ली गई थी। रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक रतन कांत शर्मा हैं, जो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर भी हैं
FEMA CASE
मुंबई। रिलायंस एडीए ग्रुप (Reliane ADAG) के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) की पत्नी टीना अंबानी (Tina Ambani) विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के कथित उल्लंघन की जांच के सिलसिले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुईं। टीना अंबानी से पहले उनके पति अनिल अंबानी से भी ईडी दफ्तर में पूछताछ हुई थी। अनिल अंबानी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में अपना बयान दर्ज कराया था।
सूत्रों के मुताबिक, अनिल अंबानी का बयान फेमा के विभिन्न क्षेत्रों के तहत दर्ज एक अन्य मामले में दर्ज किया गया था। ईडी विदेश में अघोषित संसाधनों से जुड़े स्वामित्व और अनिल अंबानी और उनकी पत्नी द्वारा संबंधित संपत्तियों के इर्द-गिर्द जांच कर रही हैै।
अंबानी इससे पहले 2020 में यस बैंक ऋण रिश्वत मामले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए थे। इस मामले में बैंक के सह.संस्थापक राणा कपूर को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, अंबानी को पिछले साल अगस्त में आयकर विभाग से कारण बताओ नोटिस मिला था, जिसमें दो स्विस बैंक खातों में रखे गए 814 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति पर 420 करोड़ रुपये की कर चोरी का दावा किया गया था।
बहरहाल, बॉम्बे हाई कोर्ट ने मार्च में अनिल अंबानी को राहत देते हुए आयकर नोटिस और सजा ब्याज पर अंतरिम रोक लगा दी थी।