कोलकाता। वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों पूर्वी भारत की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाए जाने और मेट्रो की सात परियोजनाओं के शुभारंभ के लिए जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हावड़ा स्टेशन पहुंचीं, तब अजीबोगरीब स्थिति बन गई। उन्हें देखकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जय श्रीराम के नारे लगाने लगे, जिसकी वजह से वह असहज नजर आईं। हालांकि उन्होंने कुछ कहा नहीं लेकिन उनके चेहरे से साफ झलक रहा था कि वह बेहद गुस्से में थीं।
इसके बाद जब वह हावड़ा स्टेशन पर पहुंचीं तो उनके स्वागत के लिए वहां पहले से मौजूद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, राज्यपाल सीवी आनंद बोस, सांसद सह मंत्री सुभाष सरकार, निशिथ प्रमाणिक, जॉन बार्ला के साथ नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी खड़े हो गए। मंच पर ही ममता बनर्जी के लिए बीच में कुर्सी रखी गई थी लेकिन वह उस पर नहीं बैठीं। वह सीधे मंच के नीचे शेड में जा पहुंचीं, जहां उनकी पार्टी के सांसद, मंत्री और विधायक बैठे हुए थे। वहीं से ममता बनर्जी ने अपना संबोधन भी किया।
दावा किया जा रहा है कि विरोध जताने के लिए ममता बनर्जी ने मंच का बहिष्कार किया। इसकी दो वजहें हो सकती हैं। एक जय श्रीराम के नारेबाजी और दूसरी मंच पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने ममता को नंदीग्राम में 2021 के बहुचर्चित चुनाव में हराकर लगातार उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। लंबे समय से दोनों एक-दूसरे के साथ मंच साझा करने से परहेज कर रहे हैं।
इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव के समय भी ममता बनर्जी जब उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा गई थीं, वहां भी उन्हें देखकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जय श्रीराम के नारे लगाए थे।
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- अभ्यास में द्विपक्षीय संबंधों और आपसी सहयोग आगे बढ़ाने के कई महत्वपूर्ण सबक सीखे
नई दिल्ली। भारत और सिंगापुर की वायु सेनाओं ने सिम्युलेटेड जटिल परिदृश्यों में संचालन करते हुए द्विपक्षीय संबंधों और आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने के कई महत्वपूर्ण सबक सीखे। दोनों वायु सेनाओं के बीच वार्षिक संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण (जेएमटी) का 11वां संस्करण वायु सेना स्टेशन, कलाईकुंडा में खत्म हो गया। इस दौरान पूर्वी भारत से पश्चिम तक सिंगापुर के विमानों ने कई फ़ॉर्मेशन में भारत के लड़ाकू विमानों के साथ उड़ान भरी।
संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण (जेएमटी) का पिछला संस्करण पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा वायु सैनिक अड्डे पर 31 अक्टूबर से 12 दिसंबर 2019 तक हुआ था। कोरोना महामारी के कारण भारतीय वायु सेना और रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर एयर फोर्स (आरएसएएफ) के बीच दो वर्षों से संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण नहीं हो सका था। दोनों वायु सेनाओं ने दो साल के बाद इस प्रशिक्षण को फिर से शुरू किया है। जेएमटी अभ्यास का द्विपक्षीय चरण 09 से 18 नवंबर तक चला, जिसमें दोनों वायु सेनाएं उन्नत वायु युद्ध सिमुलेशन में संलग्न हुईं। इस अभ्यास ने दो वायु सेनाओं के बीच पेशेवर बंधन को मजबूत करते हुए भाग लेने वाले दल को मूल्यवान परिचालन ज्ञान, अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का अवसर प्रदान किया।
दो साल बाद शुरू हुए प्रशिक्षण में सिंगापुर की रॉयल वायु सेना एफ-16 विमान के साथ भाग लेने भारत आई। रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर एयरफोर्स ने प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान विभिन्न हवाई मिशनों में हिस्सा लेकर भारत के साथ हवाई युद्ध लड़ने के तौर-तरीके सीखे। भारतीय वायु सेना ने सुखोई-30 एमकेआई, जगुआर, मिग-29 और एलसीए तेजस विमानों के साथ इस अभ्यास में हिस्सा लिया। जेएमटी ने दोनों वायु सेनाओं के सदस्यों को अपने संचालन कौशल और प्रशिक्षण को बढ़ाने का मौका दिया। इसमें वायु युद्ध और मिशन केंद्रित प्रशिक्षण भी शामिल थे। यह अभ्यास रक्षा सहयोग के क्षेत्र में भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत और लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को रेखांकित करता है।