नई दिल्ली। जी 20 समिट के पहले दिन ही साझा घोषणा पत्र पर सहमति बन गई है। शनिवार को दूसरे सेशन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने बतौर अध्यक्ष यह जानकारी दी। उन्होंने सभी सदस्य देशों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पाारित कर दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि सभी देशों ने नई दिल्ली के घोषणा पत्र को मंजूर किया है। वहीं, निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें चुनौतिपूर्ण समय में अध्यक्षता मिली।
घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग का 4 बार जिक्र हुआ है। समिट के पहले सेशन में भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी 20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा था। बतौर अध्यक्ष सभी देशों की सहमति से प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी जाकर पीएम मोदी के गले लग गए। भारत के प्रस्ताव का चीन और यूरोपियन यूनियन ने भी समर्थन किया। यूनियन को मेंबरशिप मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा।
भारत की अध्यक्षता में जारी 37 पेज के घोषणा पत्र की अहम बातें…
सभी देश सस्टेनेबल डेवलेंपमेंट गोल पर काम करेंगे। भारत की पहल पर वन फ्यूचर एलायंस बनाया जाएगा।
बायो फ्यूल एलायंस बनाया जाएगा। इसके फाउंडिंग मेंबर भारत, अमेरिका और ब्राजील होंगे।
एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य पर जोर दिया जाएगा।
मल्टीलेट्रल डेवलेपमेंट बैंको को मजबूती दी जाएगी। उन्हें बेहतर, बड़ा और ज्यादा कारगर बनाया जाएगा।
ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर जोर दिया जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक ग्लोबल पॉलिसी बनाने को लेकर बातचीत की जाएगी।
कर्ज को लेकर बेहतर व्यवस्था बनाने को लेकर भारत ने कॉमन फ्रेमवर्क बनवाने की बात पर जोर दिया है।
दुनिया में तेजी से विकास करने वाले शहरों को फंड किया जाएगा।
ग्रीन और लॉ कार्बन एनर्जी टेक्नोलॉजी पर काम किया जाएगा।
पहले सेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही अफ्रीकन यूनियन को जी 20 मेंबर बनाने का प्रस्ताव पास किया, यूनियन लीडर अजाली असोमानी उनके गले लग गए।
पहले सेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही अफ्रीकन यूनियन को जी 20 मेंबर बनाने का प्रस्ताव पास किया, यूनियन लीडर अजाली असोमानी उनके गले लग गए।
मोदी बोले- दुनिया में भरोसे का संकट पैदा हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में मोरक्को भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा दुख की घड़ी में हम मोरक्को के लोगों के साथ हैं और उनकी हरसंभव मदद करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद विश्व में विश्वास का संकट पैदा हो गया है। युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। जब हम कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा से विश्वास के इस संकट को भी दूर सकते हैं। ये सभी के साथ मिलकर चलने का समय है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन भाषण में कहा- संकट के इस समय में दुनिया हमसे नए समाधान मांग रही है। इसलिए हमें अपना हर दायित्व निभाते हुए आगे बढ़ना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन भाषण में कहा- संकट के इस समय में दुनिया हमसे नए समाधान मांग रही है। इसलिए हमें अपना हर दायित्व निभाते हुए आगे बढ़ना है। प्रधानमंत्री ने कहा- आज हम जिस जगह इकट्ठा हुए हैं, यहां कुछ किमी दूर ढाई हजार साल पुराना स्तंभ है। इस पर प्राकृत भाषा में लिखा है कि मानवता का कल्याण सदैव सुनिश्चित किया जाए। ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने यह संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला है।
पीएम मोदी ने इस सत्र की शुरुआत में मंत्रियों और अफसरों का अभिनंदन भी किया। इससे पहले पीएम मोदी ने जी20 सम्मेलन के पहले सत्र में कहा था कि 21वीं सदी दुनिया को नयी दिशा देने का समय है। खास बात ये है कि पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया।
अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रस्ताव इस प्रभावशाली समूह के सभी सदस्य देशों ने शनिवार को स्वीकार कर लिया। इसी के साथ ‘ग्लोबल साउथ’ का यह प्रमुख समूह दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया।
“दुनिया में विश्वास का संकट पैदा हो गया है”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले सत्र के दौरान कहा कि यूक्रेन युद्ध ने दुनिया में विश्वास की कमी को गहरा कर दिया है और भारत पूरी दुनिया से इसे एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने की अपील करता है। पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 के बाद दुनिया में विश्वास की कमी का बड़ा संकट पैदा हो गया है। युद्ध ने भरोसे की इस कमी को और गहरा कर दिया है. यदि हम कोविड-19 को हरा सकते हैं, तो हम विश्वास में कमी के इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि वैश्विक भलाई के लिए हम सब साथ मिलकर चलें। भारत जी20 के अध्यक्ष के रूप में पूरी दुनिया से विश्वास की कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने की अपील करता है।
अफ्रीकन यूनियन जी20 का बना स्थायी सदस्य
जी20 की बैठक के पहले सत्र में नाइजीरिया के प्रेसीडेंट ने जी20 में स्थायी सदस्य बनने पर अफ़्रीकन यूनियन को बधाई दी। सोशल मीडिया साईट एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रेसीडेंसी नाइजीरिया ने लिखा, “जी20 का स्थायी सदस्य बनने पर अफ़्रीकन यूनियन को बधाई। एक महाद्वीप के रूप में, हम जी20 मंच का उपयोग करके वैश्विक मंच पर अपनी आकांक्षाओं को और आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। “
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