उत्तर 24 परगना। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के देगंगा में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम ने एक कारोबारी के घर छापेमारी कर 100 करोड़ से अधिक की पुरातात्विक महत्व की सामग्री बरामद की है। कारोबारी का नाम असदुज्जमां है। पुरातत्व विभाग में एडमिनिस्ट्रेशन जनरल एंड वेलफेयर ट्रस्टी विप्लव रॉय ने एक अन्य महिला अधिकारी के साथ मिलकर शुक्रवार शाम असदुज्जमां के घर छापेमारी की थी।
शनिवार को एएसआई की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि विप्लव रॉय और महिला अधिकारी को पति-पत्नी बनाकर छापेमारी की योजना बनाई गई थी। दोनों को चंद्रकेतुगढ़ में पता चला था कि असदुज्जमां के घर बड़ी मात्रा में पुरातात्विक महत्व के सामान रखे हुए हैं। दोनों जब असदुज्जमां के घर पहुंचे तो अपना परिचय दिल्ली निवासी बताया और यह भी बताया कि वह गंगासागर आए हैं। उन्हें पुरातत्व से जुड़ी सामग्रियों के संग्रह का शौक है। वह देखना चाहते हैं कि असदुज्जमां के पास क्या-क्या है। पहले तो वह तैयार नहीं हुआ लेकिन बाद में जब दोनों अधिकारियों ने उसका विश्वास जीत लिया तब वह दोनों को अपने गोदाम में ले गया। वहां मौजूद पुरातत्व सामग्रियों को देखकर अधिकारियों की आंखें फटी रह गईं।
योजना के मुताबिक तुरंत पुलिस अधीक्षक को सूचना दी गई जिसके बाद देगंगा थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची। गोदाम से 15 हजार से अधिक मौर्य और कुषाण काल के सामान बरामद हुए हैं। पूछताछ में यह भी पता चला है कि इन चीजों की तस्करी विदेशों में करता रहा है। कई करोड़ का कारोबार वह पहले ही कर चुका है। 10 से 15 सामान ऐसे मिले हैं, जिनके वैध कागजात असदुज्जमां के पास थे जबकि अधिकतर अवैध हैं। इन्हें जब्त कर लिया गया है। उससे पूछताछ हो रही है।
Deganga
उत्तर 24 परगना। तृणमूल पंचायत प्रधान के भाई व तृणमूल कार्यकर्ता की जानलेवा हमले के बाद रविवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई है। मृत तृणमूल कार्यकर्ता का नाम मिजान रिजा चौधरी है। सोमवार को मिजान की मौत की खबर फैलने के बाद से ही पंचायत प्रधान के घर बड़ी संख्या में तृणमूल कार्यकर्ता, नेताओं व ग्रामीण इकट्ठा होने लगे हैं। वही देगंगा थाना की पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। खबर लिखे जाने तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है।
पुलिस व स्थानीय सूत्रों के मुताबिक 18 नवंबर की रात चांपातल्ला ग्राम पंचायत प्रधान हुमायूं रिजा चौधरी के भाई मिजान चौधरी अपने घर लौट रहे थे। तभी उन्हें कुछ लोगों ने बीच सड़क में रोक लिया। मिजान रिजा चौधरी और उन लोगों के बीच किसी बात को लेकर विवाद छिड़ गया। बात इतनी बढ़ गई कि उन लोगों ने मिजान पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। गंभीर स्थिति में मिजान को ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया ले जाया गया। जहां से उन्हें हारोआ ग्रामीण अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां भी उनकी स्थिति में प्रगति होते ना देख चिकित्सकों ने उन्हें बारासत जिला अस्पताल ले जाने को कहा। बारासात जिला अस्पताल में उनकी हालत और गंभीर हो गई, जिसके बाद परिजन मिजान को कोलकाता के मुकुंदपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां ऑपरेशन के बाद रविवार देर रात मिजान रिजा चौधरी की मौत हो गई। इस मामले में स्थानीय गोसाईपुर क्षेत्र निवासी शुकुर अली उर्फ अमजद अली का नाम सामने आ रहा है। आरोप है कि पंचायत प्रधान के भाई से शुकुर अली की किसी बात को लेकर अनबन हुई थी। जिसके कारण शुकुर अली ने इस घटना को अंजाम दिया।
इलाके में शांति व्यवस्था भंग न हो इसके लिए रविवार रात से ही गोसाईपुर बाजार में पुलिस पिकेट लगा दी गई है। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक मिजान चौधरी की हत्या की गई है। आरोपित शुकुर अली घटना के बाद से ही फरार है। देगंगा थाने की पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
सोमवार सुबह देगंगा एसडीपीओ सौम्यजीत बरुआ भारी फोर्स के साथ पंचायत मुखिया के घर गए। परिवार के सदस्यों से बात की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है। इस घटना में उत्तर 24 परगना के जिला परिषद अधिकारी तृणमूल नेता एकेएम फराद ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है। हम सभी दुखी हैं। पुलिस जांच कर रही है। इस घटना पर भाजपा के बारासात जिलाध्यक्ष तापस मित्रा ने कहा कि उनकी पार्टी में अक्सर वसूली को लेकर समस्याएं होती रहती हैं। चुनाव के आते ही इस प्रकार के मामले और भी बढ़ेंगे।
इस घटना के बाद से ही उत्तर 24 परगना जिला के देगंगा थाना अंतर्गत चांपातल्ला गोसाईपुर बाजार में तनाव की स्थिति बनी हुई है।