पटना। बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक-विधान परिषद सदस्यों ने बुधवार को विधानमंडल में शराब से हुई मौत मामले में मुआवजे को लेकर धरना दिया। भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके बयान के लिए माफी मांगने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की।
सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के नेतृत्व में एमएलए और एमएलसी ने ये धरना दिया। विधानसभा में प्रतीक चिन्ह के रूप में बनाए गए बोधि वृक्ष के नीचे सभी विधायकों ने धरना दिया है। मौके पर प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि 5 दिनों के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने जनता के सवाल उठाए लेकिन विधायकों के साथ जो व्यवहार किया गया वह सही नहीं है। बिहार विधानसभा अध्यक्ष राजद प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे थे।
विजय सिन्हा ने कहा कि छपरा में हुए सत्ता संपोषित नरसंहार में मृतकों को मुआवजा और पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर आज हम सदन से सड़क तक पहुंच चुके हैं। यह सरकार इतनी डर गई है कि हमें रोकने की भी कोशिश की गयी लेकिन याद रहे जनहित के मुद्दों पर हम न रुकने वाले हैं और न झुकने वाले हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष पक्षपात नहीं कर सकते हैं। यह गरिमा वाला पद है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के लाये गए एक भी ध्यानाकर्षण स्वीकार नहीं करना, कार्य स्थगन पर सहमति नहीं बनाई गई है। विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष के बोलने पर लगातार टोका-टोकी करते रहे है। सदन में विपक्ष की बातों को रोकने के लिए इस तरह से अध्यक्ष के व्यवहार सही नहीं।
विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्सी के लिए नियम के विपरीत बहुत कुछ समझौता कर रहे हैं। नीतीश कुमार सिर्फ दिखावे के लिए मुख्यमंत्री है लेकिन तेजस्वी यादव सरकार चला रहे हैं। जिस पुलिस पर जहरीली शराब से गड़बड़ करने का आरोप लग रहा है उसी से जांच कराकर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। जहरीली शराब से जिनकी मौत हुई है वह गरीब और पीड़ित हैं। उनके लिए मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान दुखद है।
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पटना। बिहार विधानमंडल में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को विधानसभा में बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर विपक्षी भाजपा सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा ने इन मौतों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे जिम्मेदार ठहराया और सदन के अंदर और बाहर नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
विपक्ष के हंगामे से नीतीश कुमार ने अपना आपा खो दिया। गुस्से में उन्होंने भाजपा विधायकों की तरफ इशारा किया और कहा, क्या हो गया। ए, चुप हो जाओ। मुख्यमंत्री के इस व्यवहार से भाजपा विधायकों में काफी नाराजगी है। उन्होंने मांग की है कि नीतीश कुमार को माफी मांगनी चाहिए। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित हो गई।
हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही एक बार फिर से शुरू हुई है। भाजपा विधायक नीतीश की माफी की मांग पर अड़े हैं। वेल में आकर भाजपा विधायक हंगामा कर रहे हैं। ताली बजाते हुए मुख्यमंत्री माफी मांगों, नीतीश कुमार होश में आओ के नारे लगाए जा रहे हैं। सदन में हंगामा लगातार जारी है। विधायकों को भाजपा विधायक बोलने नहीं दे रहे।
भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक ने शपथ ली
कुढ़नी से भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक केदार प्रसाद गुप्ता ने शपथ ली। शपथ लेने के बाद आज उन्होंने कहा कि उपचुनाव में जनता ने महागठबंधन को संदेश दे दिया है और अगर यह लोग बूथ कैप्चर नहीं करते तो 20,000 वोट से हार जाते। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का इकबाल बिहार में खत्म हो चुका है। सरकार शराबबंदी कानून पर चर्चा कराने से भाग रही है।
नीतीश मुक्त होगा बिहार: सम्राट चौधरी
भाजपा के विधान परिषद सदस्य सम्राट चौधरी ने नीतीश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 1000 वोट वाले हैं, वो क्या बताएंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा। बिहार की जनता ने तय कर दिया है कि बिहार नीतीश मुक्त रहेगा। उन्होंने कहा कि तीसरे नंबर की पार्टी तय करेगी क्या मुख्यमंत्री कौन रहेगा। कुढ़नी हार चुके हैं बिहार भी हाथ से चला जएगा। नीतीश को विधानसभा को भंग करनी चाहिए। अभी फैसला हो जाएगा। उन्होंने शराब से मौत को लेकर नीतीश कुमार पर केस दर्ज कर जेल में डालने की बात भी की।
सदन में बुधवार को मंगलवार को शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज को लेकर भाजपा ने नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा। सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया कि जहरीली शराब से हो रही मौतों के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि हम शराबबंदी के पक्ष में हैं लेकिन जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर सदन में बहस चाहते हैं। भाकपा माले के विधायकों ने विधानसभा के बाहर जमकर हंगामा प्रदर्शन किया। इनका कहना है कि धान खरीद की तिथि 31 मार्च तक बढ़ाई जाए। इसके साथ शिक्षक नियोजन को लेकर भी लोगों ने सरकार से मांग की।
राजद विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने जहरीली शराब मामले को लेकर नीतीश सरकार को ही घेरा है। सुधाकर सिंह ने कहा कि शराबबंदी कागजों में ही है। हकीकत कुछ और है। उन्होंने कहा कि सत्ता के लोग पार्टी फंडिंग और अपने लाभ के लिए शराबबंदी फेल करा रहे हैं। बिहार में शराबबंदी जैसी कोई चीज नहीं हैं। सब जगह शराब मिल रही है। शराबबंदी पर सुधाकर सिंह ने कहा कि शराब के अलावा कोई भी खाने पीने के चीजों पर प्रतिबंध लगाना मानसिक दिवालियापन है।