मुंबई । अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और फेडरल रिजर्व के सख्त रूख अपनाने की आशंकाओं के चलते घरेलू मुद्रा को शेयर बाजारों में सकारात्मक शुरुआत का लाभ नहीं मिल पाया और रुपया बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सीमित दायरे में कारोबार कर रहा था।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.53 पर खुला और शुरुआती सौदों में यह 79.47 तक गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले पांच पैसे की बढ़त दर्शाता है।
रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 35 पैसे की गिरावट के साथ 79.52 पर बंद हुआ था।
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत चढ़कर 109.72 पर आ गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.11 प्रतिशत गिरकर 94 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 1,397.51 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
CURRENCY RATES
मुंबई । अमेरिका में सेवा क्षेत्र के मजबूत आंकड़ों के बाद फेड रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना प्रबल होने से डॉलर के चौबीस वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के दबाव में आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 13 पैसे लुढ़ककर 79.95 रुपये प्रति डॉलर रह गया।
पिछले कारोबारी दिवस रुपया चार पैसे फिसलकर 79.82 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।
शुरुआती कारोबार में रुपया 11 पैसे की गिरावट लेकर 79.93 रुपये पर खुला और सत्र के दौरान लिवाली होने से यह 79.95 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक लुढ़क गया और इसी स्तर पर बंद भी हुआ। हालांकि बिकवाली से समर्थन पाकर यह 79.84 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर पर भी रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका में अगस्त में सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन से केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इस महीने प्रस्तावित ओपेन मार्केट कमेटी की बैठक में ब्याज दरों में एक बार फिर से 0.75 प्रतिशत की वृद्धि करने की संभावना प्रबल हो गई है। इससे डॉलर 24 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसका दबाव दुनिया की अन्य मुद्राओं पर देखा जा रहा है।