कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मोबाइल गेमिंग एप्लीकेशन ई-नगेट्स के जरिए क्रिप्टो करेंसी की खरीद-फरोख्त और करोड़ों की ठगी की आंच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के अधिवक्ता तक जा पहुंची है। बुधवार सुबह ईडी के सात अधिकारियों की टीम 11 बी बर्धमान रोड स्थित अधिवक्ता संजय बसु के घर छापेमारी करने पहुंची है।
सूत्रों ने बताया है कि एडिशनल रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में तलाशी अभियान चल रहा है। सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान ईडी अधिकारियों के साथ मौजूद हैं। सूत्रों ने बताया है कि ई-नगेट्स मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए क्रिप्टो करेंसी की खरीद-फरोख्त हुई है, उसमें संजय बसु की भूमिका बड़ी है। उनके अकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया है जिसे लेकर तलाशी अभियान चल रहा है। फिलहाल यह नहीं बताया गया है कि वहां से क्या कुछ मिला है। सूत्रों ने दावा किया है कि बसु घर पर हैं और ईडी अधिकारी उनसे भी पूछताछ कर रहे हैं।
पिछले साल गार्डन रीच के कारोबारी और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के बेहद खास आमिर खान के घर छापेमारी के दौरान ईडी ने 17 करोड़ रुपये बरामद किया था। इस मामले में उसके बेटे को गिरफ्तार कर पूछताछ हुई थी जिसमें कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई थीं। इसी सिलसिले में मंगलवार सुबह शंभूनाथ पंडित अस्पताल के ठीक सामने के बस्ती क्षेत्र में छापेमारी की गई थी। यहीं रहने वाले अधिकतर लोगों के खातों का इस्तेमाल क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन के लिए किया गया है।
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कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता में गेमिंग ऐप के जरिए की जा रही ठगी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने ई-नगेट ऑनलाइन गेमिंग ऐप से जुड़े क्रिप्टो करेंसी के मामले में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान 150.22 बिटकाॅइन जब्त किया है, जिसकी कीमत 22.82 करोड़ रुपये है। यह जानकारी ईडी ने एक विज्ञप्ति में दी।
ई-नगेट ऑनलाइन ठगी मामले में आरोपित आमिर के एक अन्य सहयोगी विक्रम सिंह गांधी को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग ऐप मामले में विक्रम का भी बड़ा हाथ है। पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के मास्टरमाइंड आमिर के करीबी रुमेन अग्रवाल से पूछताछ कर आरोपित विक्रम के बारे में सारी जानकारी जुटाई थी। सूत्रों के मुताबिक आमिर ने विक्रम को कई करोड़ रुपये नकद दिए थे। विक्रम ने वह पैसा आरोपित रुमेन को दे दिया। रुमेन ने उस पैसे को वापस क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया। विक्रम के जरिए मिली जानकारी के आधार पर ईडी ने यह अभियान चलाया। ईडी को जांच में पता चला है कि कालेधन को सफेद करने के लिए 300 बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया।
उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी, 2021 को आमिर और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एक निजी बैंक के प्रबंधन की ओर से कोलकाता के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष धोखाधड़ी की शिकायत की गयी थी। इसके बाद पार्क स्ट्रीट थाने ने धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज हुई। उसी प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने पीएमएलए के तहत मामले की जांच शुरू की।