नई दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में पहले दो तटस्थ अंपायरों में से एक पिलू रिपोर्टर का बीमारी के कारण रविवार को मुंबई में निधन हो गया। 84 वर्षीय रिपोर्टर सेरेब्रल कन्फ्यूजन बीमारी से पीड़ित थे और उनके घर पर उनकी पत्नी और दो बेटियां उनकी देखभाल कर रही थीं।
1992 विश्व कप, जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेला गया था, 14 टेस्ट मैचों और 22 एकदिवसीय मैचों के अलावा उन टूर्नामेंटों में से एक था जिसमें रिपोर्टर ने अंपायरिंग की थी। रिपोर्टर, 1992 विश्व कप में एकमात्र भारतीय अंपायर थे।
1986 में लाहौर में पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया टेस्ट मैच रिपोर्टर के लिए एक बड़ा अवसर था – यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘तटस्थ’ अंपायर के लिए पहला उदाहरण था। उन्होंने साथी भारतीय वीके रामास्वामी के साथ उस मैच में अंपायरिंग की थी।
रिपोर्टर ने पहली बार 1984 में इंग्लैंड के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में अंपायरिंग की थी। वह हमेशा मुखर रहते थे और क्रिकेट में मैल्कम मार्शल, विव रिचर्ड्स और इमरान खान जैसे बड़े नामों का सामना करने में कभी भी अभिभूत महसूस नहीं करते थे।
1987 में मिड-डे को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ”अंपायरिंग काफी हद तक ट्रैफिक को नियंत्रित करने जैसा ही काम है। यातायात भी चलना चाहिए और खेल भी।”
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नयी दिल्ली । पाकिस्तान के पूर्व अंपायर असद रऊफ का लाहौर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 66 साल के थे। रऊफ ने वर्ष 2000 में अंपायर के रूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने 64 टेस्ट मैच में अंपायरिंग की जिनमे वह 49 मैचों में मैदानी अंपायर जबकि 15 मैचों में टीवी अंपायर रहे। इसके अलावा उन्होंने 139 वनडे और 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी अंपायरिंग की। वह 2000 के दशक में पाकिस्तान के प्रमुख अंपायरों में से एक थे।
रिपोर्टों के अनुसार रऊफ को बुधवार को लाहौर में अपनी दुकान से लौटने के तुरंत बाद दिल का दौरा पड़ा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रमीज राजा ने ट्वीट करके कहा, असद रऊफ के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुखी हूं। वह न केवल एक अच्छे अंपायर थे बल्कि उनमें हास्य का पुट भी भरा था। वह हमेशा मेरे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देते थे और जब भी मुझे उनकी याद आएगी तो वह ऐसा करेंगे। उनके परिवार के प्रति मेरी सहानुभूति है।
रऊफ ने पाकिस्तान के नेशनल बैंक और रेलवे की तरफ से 71 प्रथम श्रेणी मैच खेले और बाद में वह अंपायर बन गए। उन्हें अप्रैल 2006 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के एलीट पैनल में शामिल किया गया था। अलीम दार के साथ वह पाकिस्तान के प्रमुख अंपायरों में शामिल रहे। हालांकि 2013 में उनका करियर तब समाप्त हो गया जब मुंबई पुलिस ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में उन्हें एक आरोपी बनाया। तब रऊफ इस टूर्नामेंट में अंपायरिंग कर रहे थे।
वह तब आईपीएल को बीच में ही छोड़कर भारत से चले गए थे और बाद में चैंपियंस ट्रॉफी से भी हट गए थे। उन्हें इसके बाद आईसीसी एलीट पैनल से बाहर कर दिया गया था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने वर्ष 2016 में उन पर भ्रष्टाचार और दुर्व्यवहार के लिए पांच साल का प्रतिबंध लगाया था।