गाजियाबाद । केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (रि.) डॉ. वीके सिंह ने शनिवार को कहा कि देश का नाम रोशन करने के लिए युवाओं को क्रिएटिव क्षेत्रों से जुड़ना चाहिए।
वीके सिंह आरकेजीआईटी कॉलेज में नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित ”युवा उत्सव कार्यक्रम” को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य विषय पंच प्रण एवं इंडिया @2047 के अंतर्गत गाजियाबाद के युवा कलाकारों के लिए पेंटिग, युवा कविता पाठ एवं मोबाइल फोटोग्राफी कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने युवाओं से अपील की कि सभी युवा क्रिएटिव क्षेत्रों से जुड़ें, खेलों से जुड़ें ताकि आपका शरीर स्वस्थ रहें एवं आपकी प्रतिभाएं सामने आएं। इसके साथ ही खेलों एवं नए रचनात्मक कार्यों के प्रति युवाओं का रुझान बढ़े ताकि अनेक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का विश्व में परचम लहरें।
इस ”युवा उत्सव” के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों, गाजियाबाद के विद्यालयों, स्टेडियम और खेल मैदानों से जुड़े हुए युवा खिलाड़ियों को भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खेल प्रोत्साहन किट देकर सभी का मनोबल बढ़ाया और खेलों एवं अन्य क्षेत्रों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ाने के लिए सभी को जागरूक भी किया। कार्यक्रम में एमएलसी दिनेश गोयल, मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य मलिक, नेहरू युवा केंद्र के उप निदेशक देवेंद्र कुमार उपस्थित रहे।
Creativity
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि बच्चों को कुछ पाने के लिए शॉर्टकट रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। कुछ बच्चे परीक्षा में चीटिंग करने पर अधिक ध्यान देते हैं। ऐसे बच्चों अगर अपना ध्यान सृजनात्मकत और सकारात्मक क्षेत्र में लगाएं तो बेहतर परिणाम मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ के छठे संस्करण में बच्चों और उनके माता-पिता से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर साल देशभर से बच्चे उन्हें अपने अनुभव और सवालों के लिए लिखते हैं। यह काफी उत्साहजनक अनुभव रहता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को ध्यान और लगन के साथ परीक्षा देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह उसी प्रकार है जैसे एक क्रिकेट खिलाड़ी अपने केवल खेल पर ध्यान देता है न कि आसपास के शोर-शराबे पर।प्रधानमंत्री ने इस दौरान बच्चों से समय प्रबंधन के महत्व पर अपनी मां से इस बारे में सीखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एक मां पर कई तरह के काम का दबाव होता है और उसे कैसे मैनेज करती है इसको उन्हें ध्यान से देखना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने बच्चों के माता-पिता से कहा कि वह अपने बच्चों से उनकी क्षमता के अनुरूप ही अपेक्षाएं रखें। अगर सामाजिक दबाव के चलते बच्चों से अपेक्षाएं रखी जाएंगी तो समस्या पैदा होगी। उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। वहीं बच्चों को अपनी क्षमताओं को कम कर नहीं आंकना चाहिए।प्रधानमंत्री ने इससे पहले ‘परीक्षा पे चर्चा’ पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक ‘परीक्षा पे चर्चा’ के इस संस्करण में शामिल होने के लिए 38 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराकर रिकॉर्ड बनाया है। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 15 लाख अधिक है।