अररिया। फारबिसगंज थाना क्षेत्र के हरिपुर वार्ड संख्या छह में गुप्त सूचना पर कार्रवाई कर हिरासत में लिए गये नशे के कारोबारी को भीड़ ने पुलिस और हमला कर छुड़ाया। हालांकि भीड़ जमा करने और आरोपी को भगाने के साथ पुलिस के कार्य मे बाधा पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि गुरुवार की देर शाम फारबिसगंज एसडीपीओ शुभांक मिश्रा को गुप्त सूचना मिली कि हरिपुर वार्ड संख्या छह में मो. फिरोज पिता-मो.इरफान कोडीनयुक्त कफ सीरप का अवैध कारोबार करता है और प्रतिबन्धित कोडीनयुक्त कफ सीरप को जमा कर बिक्री कर रहा है। इस सूचना पर फारबिसगंज एसडीपीओ शुभांक मिश्रा अपने अंगरक्षकों और फारबिसगंज थाना के सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार सुमन और टाइगर मोबाइल एवं पुलिस बलों के साथ मौके के लिए कूच किया। मौके पर से ही उन्होंने 160 पीस प्रतिबन्धित कोडीनयुक्त कफ सीरप को बरामद भी कर लिया और आरोपी मो. फिरोज को अपने हिरासत में ले लिया।
इसी क्रम में फिरोज शोरगुल करते हुए परिजन समेत भीड़ को इकट्ठा कर लिया और भीड़ उग्र होकर पुलिस टीम पर हमला कर आरोपी को छुड़ाकर भगा दिया। हालांकि मौके पर से ही पुलिस ने हमला करने,आरोपी को छुड़ाकर भगाने, भीड़ जमा कर उकसाने के आरोप में वार्ड संख्या पांच के रहने वाले शेख रहमान, मो.रुस्तम, मो.सबूल एवं वार्ड संख्या तीन निवासी मंजर आलम को हिरासत में कामयाब रही। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार किया।मामले में पुलिस की ओर से एक दर्जन नामजद और 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।फारबिसगंज थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेन्दु ने सभी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की बात कही।
COUGH SYRUP
बांजुल । गाम्बिया ने भारत में बने सिरप से कई बच्चों की मौत के बाद अब घर-घर इस सिरप की तलाश के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चेतावनी के बाद इस सिरप को वापस लेने को कहा है। ज्ञात रहे कि गाम्बिया में भारत के सीरप पीने से 60 से अधिक बच्चों की किडनी क्षतिग्रस्त होने से मौत हो गई है।
स्वास्थ्य निदेशक डॉ. मुस्तफा बिट्टए ने पुष्टि की कि बच्चों की मौत किडनी में घातक चोट के कारण हुई जिससे देश के 24 लाख लोगों समेत पूरे विश्व में लोग शोकजदा हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इन मौतों को लेकर चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ ने गाम्बिया में चिह्नित की गईं उन चार दूषित दवाओं के लिए अलर्ट जारी किया है, जिनके कारण गुर्दे को गंभीर क्षति से 66 बच्चों की मौत होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत परिवारों के लिए एक हृदय विदारक घटना है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ये चार दवाएं भारत में उत्पादित कफ सिरप हैं। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने बयान जारी करके साफ कर दिया कि दूषित उत्पादों का अब तक केवल गाम्बिया में पता चला है, इसलिए उन्हें अन्य देशों में वितरित किया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ भारत में कंपनी और नियामक प्राधिकरणों के साथ जांच कर रहा है।
गांबिया की मेडिकल अनुसंधान परिषद ने भी चेतावनी जारी की है। परिषद ने अपने बयान में कहा है कि पिछले हफ्ते हमने किडनी में घाव से ग्रस्त एक बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका है। हम यह पुष्टि करने में सक्षम हैं कि अस्पताल में भर्ती कराये जाने से पहले उसने उनमें से एक दवा ली थी, जिसके वजह से ऐसा होने की आशंका है। इस दवा को गाम्बिया में खरीदा गया था।
परिषद ने कहा कि पहचानी गई दवाओं में पर्याप्त मात्रा में विषैला तत्व पाया गया है जो किडनी को घातक रूप से क्षति पहुंचाता है। दूषित दवा को लेकर भारत सरकार और हरियाणा सरकार मिलकर जांच कर रही है। नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि जांच में 23 नमूनों में से अब तक चार को दूषित पाया गया है और भारत सरकार रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही है।