नई दिल्ली । हवाई किराए पर सरकार की ओर से फेयर कैप की बाध्यता खत्म करते ही कीमतों में बड़ी गिरावट दिखने लगी है। पिछले महीने तक आसमान छू रहे हवाई सफर के किराए अब जमीन पर आ गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने पिछले सप्ताह ही फेयर कैप की बाध्यता खत्म की थी। फेयर कैप का मतलब था कि कंपनियां तय सीमा से कम किराया नहीं रख सकतीं और न ही ऊपरी सीमा से ज्यादा बढ़ा सकती थीं। लेकिन इसकी बाध्यता खत्म होने के बाद बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए कंपनियां अपने ग्राहकों को लुभाने की पूरी तैयारी कर रही हैं। यही कारण है कि अकासा एयर, इंडिगो, एयर एशिया, गो फर्स्ट और विस्तारा जैसी कंपनियों ने अपने किराए में बड़ी कटौती की है।
सिर्फ एक महीने पहले शुरू हुई एयरलाइन अकासा एयर ने अपने सभी रूट पर किराए में भारी कटौती की है। विमानन कंपनियां पिछले महीने तक जहां दिल्ली से लखनऊ का हवाई किराया 3,500-4,000 रुपये वसूल रही थीं, वहीं अब यह घटकर 1,900 से 2,200 रुपये पर आ गया है। इस रूट पर सबसे सस्ता किराया एयर एशिया और इंडिगो का है। इसी तरह, कोच्चि और बैंगलूरू के बीच हवाई किराया घटकर 1,100 से 1,300 रुपये पर आ गया है। इस रूट पर गो-फर्स्ट, इंडिगो और एयर एशिया सबसे कम किराया वसूल रही हैं। मुंबई-जयपुर रूट पर कुछ दिन पहले तक हवाई किराया 5,000 से 5,500 रुपये था, जो अब घटकर 3,900 रुपये पर आ गया है।
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले महीने से कॉरपोरेट ट्रेवल में तेजी आई है, जिससे घरेलू कंपनियों को अपने किराए में कटौती का भरोसा जगा है। कंपनियों को अपने कारोबार में तेजी की उम्मीद बंधी है, जिसका लाभ वे किराये में कटौती करके ग्राहकों को भी दे रही हैं। सरकार ने कारोनाकाल में मई, 2020 के दौरान घरेलू हवाई किराए पर प्राइज बैंड तय कर दिया था, ताकि कीमतों में अनावश्यक वृद्धि न की जा सके।
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नई दिल्ली । क्या आपने कभी मुंबई से अहमदाबाद के लिए महज 1,400 रुपये या मुंबई और बेंगलुरु के बीच करीब 2,000 रुपये या उससे भी कम में उड़ान भरने के बारे में सोचा है? यह अब संभव हो गया है क्योंकि विमानन क्षेत्र में गलाकाट प्रतिस्पर्धा ने उड़ान भरने वालों को आकर्षित करने के लिए एयरलाइनों के बीच मूल्य युद्ध को जन्म दिया है।
हवाई किराए पर एक नजदीकी नजर से पता चला है कि मुंबई से अहमदाबाद के टिकट की कीमत गो फर्स्ट पर 1,399 रुपये और नई प्रवेशी अकासा एयर पर 9 सितंबर को यात्रा के लिए 1,497 रुपये है। सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो उसी मार्ग पर टिकट की 1,609 रुपये में पेशकश कर रही है।
ऐसा ही हाल मुंबई-बेंगलुरु रूट पर भी है, जिसमें 2,000 रुपये से 2,200 रुपये तक के टिकट उपलब्ध हैं। अकासा एयर जहां 9 सितंबर को यात्रा के लिए 1,997 रुपये में टिकट दे रही है, वहीं इंडिगो पर 2,208 रुपये में टिकट उपलब्ध है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा 31 अगस्त से हवाई किराए की सीमा को हटाने के बाद भारतीय एयरलाइनों के बीच मूल्य युद्ध की आशंका थी।
उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि एयरलाइनों के बीच उच्च प्रतिस्पर्धा से उड़ान भरने वालों के लिए लाभ हो सकता है और कई एयरलाइंस मांग के अनुसार छूट की पेशकश कर सकती हैं। दिलचस्प बात यह है कि कीमतों में ज्यादातर उन मार्गों पर गिरावट आई है, जिन पर हाल ही में लॉन्च हुई अकासा एयर ने अपना परिचालन शुरू किया है।
एक विशेषज्ञ ने कहा कि उड्डयन मंत्रालय के इस कदम से एयरलाइंस को हवाई किराए तय करने में लचीलापन मिला है क्योंकि वे अब अपनी नीतियों के अनुसार शुल्क ले सकते हैं। अकासा एयर के प्रवेश ने विमानन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ा दी है। उड़ान भरने वालों को आकर्षित करने के लिए, कुछ एयरलाइनों ने पहले ही कम दरों पर टिकट देना शुरू कर दिया है।
इससे पहले, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा था कि अनुसूचित घरेलू परिचालन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद, अर्थात हवाई यात्रा के लिए यात्री की मांग, हवाई किराए के संबंध में समय-समय पर अधिसूचित किराया बैंड को प्रभावी रूप से हटाने का 31 अगस्त से निर्णय लिया गया है।
मंत्रालय ने कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए शुरूआती दो महीने के राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के बाद मई, 2020 में सेवाओं को फिर से शुरू करने के बाद हवाई किराए पर निचली और ऊपरी सीमा लगा दी थी। इसके बाद, देश में हवाई यातायात में सुधार के अनुसार चरणबद्ध तरीके से सीमाओं में ढील दी गई।
नई दिल्ली । यदि आप भी हवाई यात्रा से सफर करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। 31 अगस्त के बाद हवाई टिकट के नियमों में ऐसा बदलाव होने जा रहा है, जिससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। दरअसल, सरकार की ओर से लागू प्राइस कैप की वजह से कई एयरलाइन कंपनियां ग्राहकों को ऐसे लुभावने ऑफर नहीं दे पा रही थी। लेकिन 31 अगस्त के बाद से सरकार की ओर से लगाया गया प्राइस कैप का नियम हटा दिया जाएगा, जिसके बाद हवाई यात्रा के टिकटों पर असर देखने को मिल सकता है।
बता दें कि कोरोना काल में सरकार की ओर से हवाई यात्रा पर अपर और लोअर लिमिट को लगाया था। सरकार ने किराए की लिमिट तय की थी, जिसे सभी एयरलाइन कंपनियों को पालन करना था। इस लिमिट के मुताबिक ही एयरलाइन कंपनियां अपने टिकट के दाम तय करती थी। लेकिन ये नियम अब 31 अगस्त से खत्म होने जा रहा है।
31 अगस्त के बाद से हवाई टिकटों पर लगने वाला प्राइस कैप खत्म कर दिया जाएगा और एयरलाइन कंपनियां अपने हिसाब से टिकटों का किराया घटा और बढ़ा सकती हैं। केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में इसकी जानकारी दी थी कि 27 महीने के अंतराल के बाद प्राइस कैप को 31 अगस्त से हटा लिया जाएगा। बता दें कि हवाई यात्रायों के लिए यात्रियों की मांग और घरेलू उड़ानों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्राइस कैप को हटाने का फैसला लिया गया है।