मुंबई। देश में सोमवार को सीएए लागू होने के बाद पुलिस ने नवी मुंबई से 8 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इन सभी की उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है। नवी मुंबई के बेलापुर इलाके के शाहबाज गांव में एक फ्लैट में मारे गए छापे में गिरफ्तार सभी 8 बांग्लादेशी बगैर वैध दस्तावेज के पिछले चार साल से यहां रह रहे थे। मामले की छानबीन जारी है।
एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए नवी मुंबई पुलिस की मानव तस्करी विरोधी इकाई ने सोमवार सुबह बेलापुर इलाके के शाहबाज गांव में एक फ्लैट पर छापेमारी की। पुलिस ने शाहबाज के एक आवासीय परिसर में छापा मार कर आठ बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनमें पांच महिलाएं और तीन पुरुष हैं, जिनकी उम्र 20 से 40 साल के बीच है। ये बंग्लादेशी नागरिक पिछले चार साल से बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध रूप से वहां रह रहे थे। इन सभी के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले की जांच की जा रही है।
संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा
बता दें कि सीएए को दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि, इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसके बाद यह कानून लागू नहीं हो सका था। अब सीएए कानून लागू होने के साथ संवेदनशील इलाकों में पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
CAA NEWS
नई दिल्ली । नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद से देशभर से पक्ष विपक्ष में प्रतिक्रिया आ रही है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेता जहां इसका समर्थन कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इसके समय और इसके प्रावधानों पर सवाल उठा रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि मोदी सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया। ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। इस अधिसूचना के साथ प्रधानमंत्री ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं, नागरिकता देने का कानून है। संकल्प से सिद्धि तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी एक और गारंटी पूरी कर दी है।
विश्व हिन्दु परिषद ने भी फैसले का स्वागत किया है। सरकार का धन्यवाद देते हुए विहिप ने कहा है कि इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित शरणार्थियों के लिए भारत की नागरिकता प्राप्त करने का रास्ता अब साफ हो गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे भारत में सम्मान के साथ और समान व्यक्ति के रूप में रहें। विहिप अपने कार्यकर्ताओं और अन्य सामाजिक संगठनों से ऐसे शरणार्थियों को भारत
की नागरिकता के लिए आवेदन करने की औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने का आह्वान करती है। यह उन सभी को शरण, सम्मान और प्रतिष्ठा देने की भारतीय परंपरा के अनुरूप है जो बाहर अपमान सहते हैं और भारत माता की शरण लेते हैं।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सीएए नियमों को साढ़े चार साल बाद लागू किए जाने पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि चुनावों से पहले इसे लागू करना देश में और विशेष रूप से असम और बंगाल में ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा है। साथ ही उन्होंने यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा सीएए का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद अब गृह मंत्री अमित शाह ने इसके नियम भी जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही नागरिकता पाने के लिए अमित शाह ने एक फॉर्म भी जारी किया है। बता दें कि भारत सरकार 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।
इन कागजों की मदद से मिल जाएगी नागरिकता
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये गैर हिंदुओं को सबे पहले खुद को इन तीन देशों में से किसी का निवासी साबित करना होगा। इसके लिए वह वहां के पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, वहां के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, वहां की सरकार की तरफ से जारी किए गए किसी भी तरह के प्रमाण पत्र या लाइसेंस, जमीन के दस्तावेज समेत कुछ भी ऐसे कागज दिखाने पड़ेंगे, जिससे यह साबित हो सके कि वह पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगनिस्तान के प्रताड़ित गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं।
ये कागज दिखाकर मिलेगी नागरिकता
वहीं इस दौरान नागरिकता का आवेदन करने वालों को 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश का अपना वीजा और इमीग्रेशन दिखाना पड़ेगा। इसके साथ ही विदेशी क्षेत्रीय द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र या आवासीय परमिट
भारत में पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) या विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ)की तरफ जारी किए जाने वाले कागज भी बतौर प्रमाण जमा करा सकते हैं। इसके साथ ही जगगणना के समय दी जाने वाली पर्ची भी प्रमाण मानी जाएगी। आवेदक भारत सरकार के द्वारा आधार कार्ड, ड्राइवर लाइसेंस, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, कोर्ट की तरफ से जारी किया गया कोई कागज, जमीनी दस्तावेज, पैन कार्ड, बैंक और पोस्ट ऑफिस के दस्तावेज, बिजली और पानी का बिल, स्कूल और कॉलेज के दस्तावेज और विवाह प्रमाण पत्र समेत कई दस्तावेजों को दिखाकर आप नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।