लंदन । पिछले साल ब्रिटेन द्वारा जारी किए गए कौशल प्राप्त श्रमिक (स्किल्ड लेबर) वीजा और स्टूडेंट वीजा पाने वालों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं । लंदन में गुरुवार को जारी आधिकारिक आव्रजन आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों से प्रदर्शित होता है कि ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में कर्मियों की कमी को पूरा करने के लिए कुशल कामगारों में भारतीय नागरिकों की संख्या सर्वाधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, वे (भारतीय) स्नातक बाद के अध्ययन के लिए नई नीति के तहत सर्वाधिक वीजा हासिल करने वाले छात्र हैं। इस तरह के वीजा प्राप्त करने वालों में 41 प्रतिशत भारतीय छात्र हैं।
गृह कार्यालय के अनुसार, श्रमिक श्रेणी में वीजा हासिल करने वालों की सूची में भारतीय नागरिक (33 प्रतिशत) शीर्ष स्थान पर हैं। वे कौशल प्राप्त श्रमिक और कौशल प्राप्त श्रमिक-स्वास्थ्य एवं देखभाल वीजा हासिल करने वालों में भी शीर्ष स्थान पर हैं। इसके अनुसार, मार्च 2023 को समाप्त हुए वर्ष में पूर्व छात्रों को स्नातक बाद के अध्ययन के तहत कुल 92,951 वीजा जारी किए गए।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, कौशल प्राप्त श्रमिक वीजा पाने वाले भारतीयों की संख्या 2021-22 के 13,390 से बढ़ कर 2022-23 में 21,837 हो गई, जो 63 प्रतिशत की वृद्धि को प्रदर्शित करता है। स्वास्थ्य देखभाल वीजा श्रेणी में, उक्त अवधि में भारतीयों की संख्या में 105 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उनकी संख्या 14,485 से बढ़ कर 29,726 हो गई।
BRITISH VISA
लंदन/बाली। ब्रिटेन के प्रधामंत्री ऋषि सुनक ने भारतीय विद्यार्थियों और युवाओं के लिए बड़ा फैसला किया है। सुनक ने भारतीय विद्यार्थियों को यूके में पढ़ने और युवाओं को काम करने के लिए हर साल तीन हजार वीजा देने का ऐलान किया है। ब्रिटिश सरकार का कहना है कि इस तरह की योजना से लाभान्वित होने वाला भारत पहला देश है।
ब्रिटेन के प्रधाममंत्री ने कहा है- ‘आज यूके-भारत प्रोफेशनल्स स्कीम की पुष्टि की गई है। 18-30 साल तक के भारतीय डिग्री धारक युवाओं को यूके में आने और दो साल तक काम करने के लिए तीन हजार वीजा की पेशकश की गई है।’
उल्लेखनीय है कि सुनक सरकार ने ये फैसला बाली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद लिया है। मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया के बाली में हैं। मंगलवार को ऋषि सुनक ने मोदी से मुलाकात की थी। भारतीय मूल के सुनक की प्रधानमंत्री बनने के बाद ये मोदी से पहली मुलाकात थी।
डाउनिंग स्ट्रीट ने एक बयान में कहा- ‘भारत के साथ इस योजना का शुभारंभ हुआ है। ये हमारे द्विपक्षीय संबंधों और हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए, भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए यूके की व्यापक प्रतिबद्धता दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।’
बयान में कहा गया कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में किसी अन्य देश के मुकाबले यूके का भारत से ज्यादा संबंध है। यूके में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से लगभग एक चौथाई भारत से हैं। यूके में भारतीय निवेश यहां 95,000 नौकरियों का समर्थन करता है।