यरुशलम/तेल अवीव । फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के इजरायल पर आक्रमण के बाद गाजा पट्टी पर उमड़े युद्ध के बादल कहर बरपा रहे हैं। इजराइल की सेना ने गाजा पर अब तक सबसे तेज बमबारी की है। इजराइल ने पिछले 48 घंटे में हमास के 720 से अधिक ठिकानों पर, मोर्टार, रॉकेट और मिसाइल दागे हैं। इन हमलों में 704 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इनमें हमास के आतंकवादी भी शामिल हैं। इस युद्ध के बीच हमास ने इजराइल के सामने नया प्रस्ताव रखा है। इसमें कहा गया है कि अगर हमला बंद कर दिया जाए तो वह बंधकों को रिहा कर देगा। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि युद्ध के 19वें दिन अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं। इस बीच इजराइल के सुरक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा है कि उसने पिछले 24 घंटों में 400 से अधिक लक्ष्यों पर हमला किया है। इससे एक दिन पहले उसने 320 से अधिक ठिकानों को तबाह किया। हाल के दिनों में गाजा पर यह सबसे तीव्र हवाई हमले हैं। हमास नियंत्रित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस युद्ध में एक दिन में मरने वालों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है। इजराइल ने दर्जनों हमले किए हैं। उसने घरों के अलावा एक शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया है। इन हमलों में कम से कम 704 लोग मारे गए।
गाजा के हालात पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा है कि सात अक्टूबर को हमास के इजराइल पर किए गए हमले में 1,400 लोग मारे गए थे। यह भयानक आक्रमण था, लेकिन इसके लिए गाजा पट्टी के नागरिकों को सामूहिक सजा देना अनुचित है। इस बीच आईडीएफ ने हमास का एक ऑडियो जारी किया गया है। इसमें एक परिवार को यहूदियों की हत्या का दावा करने के लिए उकसाया जा रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजराइल पर जमीनी आक्रमण में देरी करने के लिए राजनयिक दबाव बढ़ गया है। मगर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ कर दिया है कि इजराइल इसका फैसला खुद कर सकता है।
आईडीएफ ने कहा है कि इजराइल की सेना ने जेनिन में हवाई हमला कर सैनिकों पर हमला करने वाले सैकड़ों हथियारबंद आतंकवादियों को ढेर कर दिया है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इजराइल के हमलों से हमास घबरा गया है। हमास के प्रमुख नेता खालिद मेशाल ने मंगलवार को कहा है कि अगर इजराइल गाजा पट्टी में आतंकवादी समूह से जुड़े ठिकानों पर हमला करना बंद कर दे तो सात अक्टूबर को बंधक बनाए गए सभी नागरिकों को हमास मुक्त कर देगा।
BOMBING ON GAZA
तेल अवीव/यरुशलम । फिलिस्तीन के कुख्यात आतंकवादी संगठन हमास के इस महाने की सात तारीख को इजरायल पर किए गए दिल दहला देने वाले हमले से गाजा पट्टी में मरघट जैसा सन्नाटा है। इजरायल की सेना ने कहा है कि तब से इस लड़ाई में उसके देश ने 189 सैनिकों सहित 1,200 से अधिक नागरिकों को खो दिया। इजरायल में घुसे करीब 1,500 हमास आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है। गाजा में भी हमास के सैकड़ों आतंकी मारे गए हैं। गाजा के अधिकारियों के अनुसार, उनके 1,417 लोग मारे गए और 6,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स में इजरायल के सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गाजा में अब तक 3,500 से ज्यादा आतंकी ठिकानों पर बम बरसाए गए हैं। इस बमबारी में हमास के एक शीर्ष आतंकवादी और गुर्गों को निशाना बनाया गया। इजरायल के रक्षामंत्री योयेव गैलेंट ने कहा कि हमास गाजा का आईएस है। वह ईरान के पैसों पर फलता-फूलता है। इजरायल उसके एक भी गुर्गे को जिंदा नहीं छोड़ेगा। पिछले शनिवार को हमलावर हमास आतंकवादियों ने नरसंहार के दौरान आईएस के झंडे लहराए थे।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हमास का हर लड़ाका अब ‘मुर्दा’ है। यह आतंकवादी आकाश से पाताल तक कहीं भी छुप जाएं, इनकी मौत होकर रहेगी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गाजा पट्टी पर कभी भी जमीनी लड़ाई छिड़ सकती है। इसके लिए इजरायल की सेना पूरी तरह तैयार है। लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेच ने गुरुवार को स्पष्ट भी किया कि बल ‘जमीनी अभियान की तैयारी कर रहे हैं।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी जॉन किर्बी ने कहा कि आज (शुक्रवार) अमेरिकी सरकार इजरायल से अपने नागरिकों को निकालने के लिए चार्टर उड़ानों की व्यवस्था करेगी। इसके अलावा यह विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं कि क्या अमेरिकी नागरिकों को जमीन और समुद्र के रास्ते भी सुरक्षित स्वदेश लाया जा सकता है। किर्बी ने कहा है कि हमास के हमले में मारे गए अमेरिकी नागरिकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है। अभी भी हमारे 14 नागरिक आतंकियों के कब्जे में है।
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चार दशक में पहली बार सब्त (शनिवार) के दिन इजरायल की एलअल एयरलाइन उड़ानों का संचालन करेगी। कहा गया है कि अमेरिका और एशियाई देशों से रिजर्व सैनिकों की वापसी के लिए यह परंपरा तोड़ी गई है। एलअल ने रब्बियों से विशेष मंजूरी के बाद न्यूयॉर्क और बैंकॉक से दो उड़ानों के संचालन करने का फैसला किया है।