बीरभूम। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में शातिराना तरीके से कोयला तस्करी का खुलासा हुआ है। शुक्रवार तड़के पुलिस ने यहां छह बैलगाड़ियों से 12 टन कोयले की बरामदगी की है। पुख्ता सूचना मिलने के बाद जिला पुलिस ने रंगुनी गांव की सड़क के पास इन बैलगाड़ियों को घेर लिया था लेकिन पुलिस के आने की भनक लगते ही गाड़ी हांक रहे तस्कर फरार हो गए। पुलिस ने इन बैलगाड़ियों को जब्त कर इनके मालिकों की तलाश शुरू कर दी है।
एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बैलगाड़ियों को भैंसे खीच रहे थे। इनके जरिए कोयले की तस्करी की पुख्ता सूचना पहले ही मिल गई थी। गणतंत्र दिवस की रात ही इनमें कोयले भरे गए थे। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर दी थी। सदाईपुर थाना के रंगूनी गांव के पास इन्हें घेर लिया गया था लेकिन गाड़ी हांक रहे गाड़ीवान फरार होने में सफल रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस से बचने के लिए तस्करों ने कभी नेशनल हाईवे का रास्ता चुना तो कभी गांव की सूनी सड़कों को इसीलिए उन्हें ट्रेस करने में थोड़ी दिक्कत हुई। जांच में पता चला है कि कोयले को दुबराजपुर से लादा गया था, जिसे सिउड़ी की ओर ले जाया जा रहा था।
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित कोयला तस्करी मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने बीरभूम जिले के सिउड़ी सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में 177 बेनामी खातों का पता लगाया है। केंद्रीय एजेंसी की ओर से शुक्रवार को बताया गया है कि गुरुवार को इन सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है। बैंक के मैनेजर से बात की गई है। उन्हें बताया गया है कि उन्होंने किस तरह से गैरकानूनी तरीके से ब्लैक मनी को व्हाइट करने और बेनामी खाता खोलने में मदद की है। उन्हें जांच में सहयोग करने को कहा गया है।
पता चला है कि इनमें से अधिकतर खातों का संबंध कोयला और मवेशी तस्करी से जुड़े लोगों का है। अणुव्रत मंडल के करीबियों के खाते भी इनमें शामिल हैं। इन खातों के जरिए 10 करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ है जो अपने आप में संदिग्ध है। खास बात यह है कि इस सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन नूरुल इस्लाम रहे हैं जो सिउड़ी दो नंबर ब्लॉक के तृणमूल अध्यक्ष थे और अणुव्रत मंडल के बेहद खास हैं। सीबीआई के हाथ पहले 50 बेनामी एकाउंट के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद ही गुरुवार को सीबीआई के अधिकारी बैंक पहुंचे थे जहां जांच के दौरान 177 ऐसे खातों की जानकारी मिली है। इन सभी खातों में जो लेनदेन हुआ है वह केवल एक व्यक्ति के हस्ताक्षर से हुआ है। वह हस्ताक्षर किसका है इसकी जांच शुरू कर दी गई है।
बैंक मैनेजर और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ शुरू की गई है। यह भी पता चला है कि किसानों से राज्य सरकार अथवा केंद्र की ओर से तय मूल्य से कम में धान खरीदने वाले भी इस खाते का इस्तेमाल करते थे। इसके लिए चेक को ब्लैक से व्हाईट करने में भी खाते का इस्तेमाल होता रहा है। अगर किसी भी तरह से इन खातों का संबंध अणुव्रत मंडल से रहता है तो उनकी मुश्किलें और अधिक बढ़ेंगी।
कोलकाता। बीरभूम नरसंहार के मास्टरमाइंड लालन शेख की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच राज्य सीआईडी करती रहेगी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने इस संबंध में दाखिल जनहित याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि न्यायाधीश की निगरानी में जांच कि जो मांग की गई है, उसकी भी कोई जरूरत नहीं है।
सोमवार को मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी लेकिन फैसला संरक्षित रखा गया था। बुधवार को यह फैसला सुनाया गया है। याचिकाकर्ता ने कहा था कि सीआईडी इस मामले में जांच के बहाने बीरभूम नरसंहार की जांच कर रही सीबीआई अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। घटना की सीबीआई से ही जांच कराने की मांग की गई थी जिसे लेकर बुधवार को कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। धीरज त्रिवेदी नाम के एक अधिवक्ता ने यह याचिका लगाई थी, जिसे रद्द कर दिया गया है।
पिछले हफ्ते बीरभूम के रामपुरहाट में सीबीआई के अस्थाई शिविर में लालन शेख का शौचालय में फंदे से लटका हुआ शव बरामद किया गया था, जिसे लेकर केंद्रीय एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए हैं। इस संबंध में सात सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है जिनमें से दो ऐसे अधिकारी भी हैं जो बीरभूम नरसंहार की जांच से तो नहीं जुड़े हैं लेकिन बीरभूम जिले के बाहुबली तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल की गिरफ्तारी में शामिल रहे हैं।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के बीरभूम जिलाध्यक्ष अणुव्रत मंडल को हिरासत में लेने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके खिलाफ लंबित और पुराने मामलों की खाक छानने में जुट गई है।
राज्य में करोड़ों रुपये के पशु तस्करी के संबंध में पूछताछ के लिए ईडी को अणुव्रत को दिल्ली ले जाने से पुराने मामले रोक सकते हैं। सोमवार (19 दिसंबर) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अणुव्रत मंडल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिया था जिसके बाद ईडी उन्हें दिल्ली ले जाने की तैयारी में थी। लेकिन इसी बीच बंगाल पुलिस ने पुराने मामले में मंडल को अपनी हिरासत में ले लिया जिसके बाद ईडी के इस प्रयास को झटका लगा है। जिस मामले में अणुव्रत मंडल को बंगाल पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया वह एक साल पुराना मामला है और हिरासत में लेने से दो दिन पहले ही इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
ईडी सूत्रों ने कहा कि मौजूदा मामले में पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद न्यायिक हिरासत केंद्रीय एजेंसी के लिए नए सिरे से रिमांड याचिका दायर करने के रास्ते खोलने लगेगी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि मंडल के खिलाफ और अधिक पुराने मामलों के एक्टिव होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील कौशिक गुप्ता ने कहा कि कई पुराने मामलों में ऐसी कार्रवाई निश्चित रूप से एक संभावना है जो ईडी को आरोपितों को नई दिल्ली ले जाने से रोक सकती है। उन्होंने कहा कि मैं फिर से कह रहा हूं कि ऐसी तकनीकें प्रक्रिया को एक अवधि के लिए स्थगित कर सकती हैं, लेकिन हमारे देश में न्यायिक प्रणाली की कई परतों को देखते हुए इसे हमेशा के लिए रोक नहीं सकती हैं। जिस तरह अणुव्रत कई कानूनी रास्तों का दोहन कर रहा है, मुझे यकीन है कि वकील ईडी के लिए भी रास्ते तलाश रहे हैं।
कोलकाता। बीरभूम जिले के बगटुई में आगजनी कर 10 लोगों को जिंदा जलाने की घटना में सीबीआई ने मुख्य आरोपित जहांगीर शेख को गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय एजेंसी ने बुधवार को जारी बयान में बताया है कि वह झारखंड सीमा के पास छिपा हुआ था, जहां से उसे मंगलवार शाम गिरफ्तार किया गया।
बताया गया है कि आरोपित मारे गए तृणमूल नेता भादू शेख का भाई है। बमबारी की वजह से बादू शेख की मौत के तुरंत बाद जहांगीर ने ही गांव में सड़क के उस पार मौजूद घरों में आगजनी की योजना बनाई थी और लोगों को एकत्रित कर आग लगवाई थी। वारदात के बाद से वह लगातार फरार चल रहा था। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में भी जहांगीर का नाम दिया था। अब आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
इसके पहले गत शनिवार को इसी मामले में एक और आरोपित लालन शेख को झारखंड के पाकुड़ जिले से गिरफ्तार किया गया था। इसी साल 21 मार्च की शाम बरसाल ग्राम पंचायत के उप प्रमुख भादू शख की बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद सड़क के उस पार मौजूद कई घरों में 70 से 80 लोगों ने आग लगा दी थी, जिसमें दो बच्चों सहित 10 लोग जिंदा जल गए थे।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित मवेशी तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने राज्य के पांच आईपीएस अधिकारियों को पूछताछ के लिए दिल्ली के सीजीओ कॉम्पलेक्स स्थित केंद्रीय मुख्यालय में तलब किया है। इन्हें तीन से सात दिसंबर के बीच हाजिर होने को कहा गया है।
ईडी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया है कि सूची में मूल रूप से वे आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिले में शीर्ष पदों पर काम किया है। इनमें डीआईजी रैंक के दो आईपीएस अधिकारी, जबकि दो आईपीएस अधिकारी पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं।
वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे हुमायूं कबीर को भी बुलाया गया है। मुर्शिदाबाद और बीरभूम दोनों सीमावर्ती जिले हैं। यहीं से सबसे अधिक मवेशियों की तस्करी हुई है। इसलिए यहां सेवा दे चुके पुलिस अधिकारी जांच के घेरे में हैं।
कहा जा रहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष से लेकर प्रशासन के शीर्ष स्तर तक के अधिकारी इसमें संलिप्त रहे थे और मवेशियों से भरे ट्रकों को राज्य में सीमा पार तक सुरक्षित पैसेज दिया जाता था। इसमें बीएसएफ के अधिकारी भी शामिल रहे हैं। सतीश कुमार नाम के एक बीएसएफ कमांडेंट को गिरफ्तार भी किया गया है, जिसके पास से करोड़ों रुपये की बरामदगी हुई है। अब आईपीएस अधिकारियों पर ईडी की नजर है।
बीरभूम। बमबारी और भारी हिंसा की घटना के दूसरे दिन भी बीरभूम के सांइथिया के बेहरापुर गांव में तनाव का माहौल रहा। मंगलवार को इलाके से कई बम बरामद किए गए। बीरभूम के पुलिस अधीक्षक नागेंद्रनाथ त्रिपाठी ने घटनास्थल का दौरा किया। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। गांव पूर्ण रूप से पुरुषों से खाली है। घरों में ताले लगे हुए हैं। इस घटना में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
घटना सोमवार को शुरू हुई थी। गांव पर कब्जा करने को लेकर तृणमूल के दो गुटों में विवाद शुरू हुआ। धीरे-धीरे स्थिति हाथ से निकलती चली गई। भारी बमबारी एवं जवाबी हमले शुरू हो गए। सांइथिया प्रखंड तृणमूल अध्यक्ष और कार्य प्रखंड अध्यक्ष के करीबी दोस्तों के बीच मारपीट होने लगा। शेख सद्दाम और शेख मुजफ्फर घायल हो गए। बमबाजी में एक का पैर उड़ गया। एक अन्य नाबालिग गंभीर रूप से घायल हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद स्थिति पर काबू पाया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक सांइथिया प्रखंड के तृणमूल अध्यक्ष साबिर अली खान व उनके समर्थकों और सांइथिया प्रखंड के तृणमूल कार्यकारी अध्यक्ष और बंगराम पंचायत के प्रधान तुषार मंडल के बीच लंबे समय से अनबन चल रही थी। जिसका नतीजा सोमवार को देखने को मिला।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार बीरभूम जिला तृणमूल अध्यक्ष अणुव्रत मंडल की गैरमौजूदगी को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने जिले की कमान संभाल ली है। अभिषेक ने बीरभूम जिले के पार्टी पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों समेत अन्य जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। अगले वर्ष आसन्न पंचायत चुनाव को लेकर यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
26 नवंबर को अपराह्न 3:00 बजे से यह बैठक होनी है। तृणमूल के कई विधायकों और सांसदों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि अभिषेक बनर्जी ने बैठक बुलाई है। सूत्रों ने बताया है कि मंडल की अनुपस्थिति में जिले में पार्टी की सांगठनिक मजबूती और चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होनी है। तृणमूल कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि मंडल के अनुपस्थित की वजह से जिले में पार्टी संगठन दिशाहीनता की समस्या से जूझ रहा है। मंडल की अनुपस्थिति में पार्टी के अन्य पदाधिकारी ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। इसीलिए अभिषेक बनर्जी ने खुद ही कमान संभाली है।