जेद्दा। इजराइल जा रहे 128 यात्रियों से भरे एक विमान को आपात स्थितियों में सऊदी अरब में उतारना पड़ा। इजराइल के साथ हवाई या राजनयिक संबंध न होने के बावजूद विमान उतरने देने और यात्रियों की अच्छी तरह से देखरेख करने की सद्भावना के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सऊदी अरब को धन्यवाद दिया है।
हिंद महासागर के द्वीप राष्ट्र सेशेल्स से 128 इजराइली यात्रियों को ले जा रहे एयर सेशेल्स के एक विमान ने तेल अवीव के लिए उड़ान भरी थी, तभी अचानक उसमें तकनीकी खराबी आ गयी। हालात ये हो गए थे कि केबिन में तेज जलने की गंध भर गयी थी, जिसके बाद पायलट ने इंटरकॉम पर कहा कि विमान को सऊदी अरब में आपातकालीन स्थिति में रुकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। दरअसल, सऊदी अरब एक ऐसा देश है, जिसके साथ इजराइल का कोई हवाई संपर्क या राजनयिक संबंध नहीं है। यात्रियों ने कहा कि विमान में दर्जनों लोग फंसे हुए थे और विमान रनवे पर निष्क्रिय खड़ा था, जिससे लोगों में तनाव बढ़ रहा था। इस दौरान इजराइली अधिकारी यह पता लगाने में उलझे हुए थे कि क्या किया जाए। इस बीच जल्द ही सऊदी सुरक्षा बलों ने सभी यात्रियों को एक होटल में पहुंचाया। एक यात्री ने कहा कि यह बहुत डरावना था लेकिन हम सभी का सऊदी अरब द्वारा बहुत अच्छे से स्वागत किया गया। हम यह देखकर बहुत उत्साहित थे कि हम ठीक और सुरक्षित हैं।
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यात्रियों ने जेद्दा में एक हवाई अड्डे के होटल में रात बिताई और उन्हें वैकल्पिक विमान से एयरलाइन द्वारा वापस भेज दिया गया। यात्रियों ने बताया कि जेद्दा में उनका अनुभव सुखद था, कुछ सऊदी लोगों ने हिब्रू में भी उनका अभिवादन किया। यात्रियों को वापस तेल अवीव ले जाने के लिए एक अन्य एयर सेशेल्स ए-320 ने दुबई से जेद्दा के लिए उड़ान भरी। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अरबी उपशीर्षक के साथ हिब्रू में रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में कहा कि वे इजराइली यात्रियों के प्रति सऊदी अधिकारियों के गर्मजोशी भरे रवैये की बहुत सराहना करते हैं, जिनकी उड़ान संकट में थी। उन्होंने कहा कि वे अच्छे पड़ोसी भावना की बहुत सराहना करते हैं।
BENJAMIN NETANYAHU
विवादित ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल इजराइल सरकार ने टाला:नेतन्याहू बोले- गृह युद्ध रोकने के लिए बातचीत को तैयार
तेल अवीव। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजराइल में भरी विरोध को देखते हुए ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल फ़िलहाल ताल दिया है। इस बिल को लेकर देश में पिछले तीन महीने से भारी विरोध प्रदर्शन चल रहे थे। सोमवार को फैसले की घोषणा करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि अगले महीने स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी के बाद संसद के अगले सेशन शुरू होने तक बिल को टाला जा रहा है। इसके बाद ट्रेड यूनियन ने हड़ताल खत्म कर दी। इजराइल में संसद का अगला सत्र 30 अप्रैल से शुरू होगा।
बिल को वापस लेने की घोषणा करते हुए नेतन्याहू ने चरमपंथी अल्पसंख्यक समुदाय पर देश को बांटने का आरोप लगाया। साथ ही मिलिट्री रिजर्विस्ट की आलोचना की, जिन्होंने बिल पास होने पर ड्यूटी नहीं करने की घोषणा की थी। नेतन्याहू ने कहा- देश एक संकट का सामना कर रहा है जो राष्ट्र की एकता के लिए खतरा है। जब देश में बातचीत के जरिए सिविल वॉर को रोका जा सकता है तो बतौर प्रधानमंत्री मैं इसके लिए तैयार हूं। लेकिन देश में बैलेंस वापस लाने के लिए ये रिफॉर्म होकर रहेगा।
राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने फैसले का स्वागत किया
नेतन्याहू के इस फैसले का राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने स्वागत किया। इससे पहले गठबंधन सरकार में शामिल जुइश पावर पार्टी ने भी बिल को कुछ समय के लिए टालने का समर्थन किया था। वहीं विपक्षी लीडर याइर लापिड ने कहा कि अगर ज्यूडिशियल रिफॉर्म को पूरी तरह से रोक दिया जाता है तो वो सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं।
टीचर्स-डॉक्टर्स समेत प्रदर्शन कर रहा था पूरा देश
इससे पहले 26-27 मार्च को इजराइल में ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल के खिलाफ प्रदर्शन और तेज हो गए थे। टीचर्स और डॉक्टर्स भी अपना काम छोड़कर प्रदर्शनों में शामिल हो गए थे। लोगों ने नेतन्याहू के निजी घर के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया था। वहीं, तेल अवीव एयरपोर्ट पर काम करने वाले सभी लोगों ने नेतन्याहू सरकार के खिलाफ हड़ताल कर दी थी। इसकी वजह से फ्लाइट्स के टेकऑफ पर रोक लगा दी गई थी।
नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री को किया था बर्खास्त
दूसरी तरफ, बिल के खिलाफ बयान देने पर नेतन्याहू ने 26 मार्च को अपने रक्षा मंत्री योआव गैलैंट को बर्खास्त कर दिया था। योआव ने एक दिन पहले टीवी इंटरव्यू में कहा था कि देश के न्यायालय को कमजोर करने के लिए लाए गए बिल से मिलिट्री में भी फूट पड़ रही है। ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। सरकार को इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए।
यरूशलम । इजरायल में आशा के अनुरूप एक बार फिर बेंजामिन नेतन्याहू सहयोगी दलों के साथ जीतकर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने जा रहे हैं। हाल ही में हुए चुनाव में वर्तमान प्रधानमंत्री यायर लैपिड को करारी हार का मुंह देखना पड़ा। नेतन्याहू की राष्ट्रीय चुनावों में जीत पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री लैपिड ने गुरुवार को बधाई देते हुए हार स्वीकार कर ली है। प्रधानमंत्री लैपिड के कार्यालय से जारी एक बयान में बधाई देते हुए सत्ता हस्तांतरण की बात कही कही।
बेंजामिन नेतन्याहू और पीएम मोदी के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं और दोनों को एक-दूसरे का अच्छा दोस्त भी माना जाता है।
नेतन्याहू इजरायल के सर्वाधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने लगातार 12 वर्षों तक और कुल मिलाकर 15 साल तक देश पर शासन किया। उन्हें पिछले साल अल्पमत आने के बाद सत्ता से हटना पड़ा था। अभी तक चुनाव के अंतिम आंकड़ें जारी नहीं किए गए हैं।
इजरायल में राष्ट्रीय चुनाव के करीब 91 फीसदी मतपत्रों की गिनती के साथ बेंजामिन नेतन्याहू नीत दक्षिणपंथी गुट ने गुरुवार को 120 सदस्यीय संसद में 65 सीटों पर जीत हासिल कर बहुमत हासिल कर लिया। इसके साथ ही नेतन्याहू की सत्ता में वापसी का रास्ता साफ हो गया।
केंद्रीय निर्वाचन समिति के आंकड़ों के अनुसार, नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 32 सीट, प्रधानमंत्री यायर लैपिड की येश अतीद को 24, रिलीजियस जियोनिज्म को 14, नेशनल यूनिटी को 12, शास को 11 और यूनाइटेड टोरा जुदाइस्म को आठ सीटें प्राप्त हुई हैं।
इजरायल में पिछले कई चुनावों से किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। इजराइल में पिछले चार चुनाव में किसी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला। कई बार गठबंधन कुछ सीटों के कम रहने के कारण सरकार बनाने से चूक गए।