दीर अल-बलाह । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश में समाचार चैनल ‘अल जजीरा’ के प्रसारण पर रोक लगा दी है। संसद द्वारा सोमवार को एक कानून पारित करने के बाद नेतन्याहू ने ‘‘आतंकी चैनल’’ को बंद करने का संकल्प जताया। यह कानून पारित होने के बाद सरकार के लिए अल जजीरा का इजराइल में प्रसारण रोकने का रास्ता साफ हो गया।
नेतन्याहू ने अल जजीरा पर इजराइली सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने, सात अक्टूबर के हमास हमलों में भाग लेने और इजराइल के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। नेतन्याहू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, आतंकी चैनल अल जजीरा अब इजराइल में प्रसारित नहीं होगा। चैनल की गतिविधियों को रोकने के लिए नए कानून के तहत तुरंत कार्रवाई करना मेरा संकल्प है।
BENJAMIN NETANYAHU
रफाह । दक्षिणी गाजा पर हमले की आशंका इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सेना को रफाह से जनता को हटाने के निर्देश के बाद तेज हो गई है। अबतक इजराइली हमले में 27,947 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। इजराइल के अनुसार रफाह हमास का आखिरी गढ़ है और उसे इस्लामिक आतंकवादी समूह के खिलाफ अपनी युद्ध योजना को पूरा करने के लिए सेना भेजने की जरूरत है। अनुमान है कि गाजा व अन्यत्र स्थानों पर हुए हमले के बाद 15 लाख से अधिक फलस्तीनी लोग भागकर रफाह आ गए।
नेतन्याहू ने कहा कि रफाह में एक बड़े पैमाने पर ऑपरेशन की जरूरत है। उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों से दोहरी योजना पेश करने के लिए कहा है, जिसमें नागरिकों की निकासी और हमास की बची आतंकी इकाइयों को ध्वस्त करने के लिए सैन्य अभियान शामिल होगा। इससे पहले, शुक्रवार को इजरायल ने रफाह में कई ठिकानों पर बमबारी की थी। यह हमला बाइडन प्रशासन के अधिकारियों और सहायता एजेंसियों द्वारा इजरायल को गाजा में हमले का विस्तार के खिलाफ चेतावनी देने के कुछ घंटे बाद हुआ। हवाई हमलों में रफाह में दो आवासीय इमारतों को निशाना बनाया गया, जबकि मध्य गाजा में दो अन्य स्थलों पर बमबारी की गई। इसमें 22 लोग मारे गए।
नेतन्याहू के इस आदेश के बाद मिस्र को भी चिंतित कर दिया है। उसने कहा है कि रफाह में कोई भी जमीनी कार्रवाई या बड़े पैमाने पर सीमा पार विस्थापन इजरायल के साथ उसकी 40 साल पुरानी शांति संधि को कमजोर कर देगा।
वहीं, इजराइली सेना ने कहा है कि बंदरगाह शहर हाइफा के पास एक संदिग्ध हवाई लक्ष्य को रोक दिया गया है। हाइफा और अशदोद के बंदरगाह इजराइल के व्यापार के लिए महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार हैं। सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि कोई क्षति नहीं पहुंची है। इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने चेक समकक्ष से मुलाकात की।
यरुशलम । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास के खात्मे तक गाजा में कोई युद्ध विराम नहीं होगा। वहीं हमास प्रमुख इस्माइल हानिया ने मिस्र का दौरा किया। जबकि अमेरिका सहित यूरोपीय देश लगातार इजराइल पर युद्ध विराम का दबाव बना रहे हैं। ज्ञात रहे कि हमास युद्ध में अब तक 19,667 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं।
पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, हम तब तक लड़ना बंद नहीं करेंगे जब तक हम अपने निर्धारित सभी उद्देश्यों को हासिल नहीं कर लेते। बता दें कि इजराइल के तीन उद्देश्यों में हमास का खात्मा, हमास के कब्जे में फंसे बंधकों की रिहाई शामिल है। नेतन्याहू ने कहा कि इजराइली सेना गाजा में हर जगह हमास के आतंकवादियों पर हमला कर रही है। नेतन्याहू ने आगे कहा,”जो कोई सोचता है कि हम रुक जाएंगे, वह सच्चाई से दूर है।
इजराइल के कुछ सहयोगियों फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने युद्धविराम के लिए दबाव बढ़ा दिया है। अमेरिका नागरिकों की मौत पर चिंता जताते हुए इजराइल से लगातार सटीक कार्रवाई करने को कह रहा है। वहीं, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि जब तक हमास बचे हुए 129 बंधकों को रिहा नहीं कर देता, युद्ध बंद नहीं हो सकता।
हालांकि इजरायली राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने संकेत दिए कि उनका देश विदेशी मध्यस्थता में मानवीय युद्ध विराम के लिए तैयार हो सकता है ताकि हमास के कब्जे वाले शेष बंधकों की रिहाई हो सके और मानवीय मदद गाजा पहुंच सके। इन बंधकों में आठ अमेरिकी नागरिक भी हैं।
यरुशलम । इजराइली बंधकों को हमास के कब्जे से रिहा कराने के लिए कतर की मध्यस्थता वाली वार्ता एक बार फिर से शुरू हो गई है। इजराइल ने वार्ता शुरू होने की पुष्टि की है। वहीं इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विजय होने तक गाजा में युद्ध जारी रखने का संकल्प दोहराया है। नेतन्याहू ने कहा कि इजराइली सेना गाजा से जीत के बाद हटेगी, लेकिन वहां की सुरक्षा व्यवस्था इजराइल के नियंत्रण में रहेगी।
इजराइल में बंधकों की रिहाई के लिए बढ़ रहे जन दबाव और शुक्रवार को गाजा में इजराइली सैनिकों की गोलीबारी में तीन बंधकों की मौत के बाद सरकार पर बंधक रिहाई के लिए प्रयास करने का दबाव बढ़ गया था। इसी के बाद कतर के प्रधानमंत्री मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से इजराइली खुफिया संगठन मोसाद के निदेशक डेविड बर्निया ने मुलाकात की।
इस बार इजराइल की पहल पर वार्ता हो रही है, जबकि नवंबर के युद्धविराम से पहले हमास और मध्यस्थ के रूप में कतर व मिस्त्र ने पहल की थी। वार्ता का ताजा दौर शुरू होने के बाद हमास ने कहा, हमारी पहली शर्त गाजा में आमजनों पर इजराइल के हमले रोकने की है। मध्यस्थों को इस बारे में बता दिया गया है।
हमास के कब्जे में अभी भी लगभग 130 इजराइली बंधक हैं। बंधकों की रिहाई और युद्धविराम के लिए वार्ता के बीच गाजा में इजराइली सेना व हमास के बीच लड़ाई जारी है। इस लड़ाई में अभी तक 19,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि इजरायल के 121 सैनिक मरे हैं। सात अक्टूबर से जारी लड़ाई में 23 लाख की आबादी वाली गाजा पट्टी में 85 प्रतिशत लोगों को बेघर होना पड़ा है। घर नष्ट होने और जान बचाने के लिए लगभग 20 लाख लोग अस्थायी आवासों में रहने के लिए मजबूर हैं।
वेस्ट बैंक में इजराइली सुरक्षा बलों के हमले में रविवार को पांच फिलिस्तीनी मारे गए। इनमें से दो लोग तुलकार्म में मारे गए, जबकि तीन की मौत जेनिन में हुई। इजराइली सेना ने कहा है कि उसने वेस्ट बैंक में हथियारबंद अतिवादियों के खिलाफ कार्रवाई का स्तर बढ़ाया है। इसके चलते हाल के दिनों में जेनिन में दस लोग मारे गए हैं।
तेल अवीव । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया को कतर के प्रधानमंत्री के साथ बंधक समझौते पर बातचीत के लिए यूरोप भेजने का फैसला किया है। यह जानकारी इजराइल के अखबार द टाइम्स ऑफ इजराइल ने शनिवार को अपनी वेबसाइट पर साझा की।
द टाइम्स ऑफ इजराइल ने एक्सियोस की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि नेतन्याहू ने बंधक सौदे की दिशा में बातचीत फिर से शुरू करने के लिए मोसाद प्रमुख को यूरोप भेजने का फैसला किया है। बार्निया की इस सप्ताह के अंत में यूरोप में कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मिलने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इजराइल और हमास के बीच एक और युद्धविराम कराने की कोशिशों को झटका लग चुका है। दरअसल इजराइल की तरफ से युद्ध विराम पर चर्चा के लिए मोसाद चीफ कतर जाने वाले थे लेकिन उनकी यह यात्रा रद्द कर दी गई। मोसाद प्रमुख की यात्रा रद्द होने पर इजराइली बंधकों के परिजनों ने नाराजगी जताई और सरकार से जवाब मांगा है।
तेल अवीव । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद हमास के खिलाफ इजराइल की लड़ाई को कोई नहीं रोक सकता। इजराइल इस लड़ाई को अंत तक जारी रखेगा और इसे रोकने का कोई सवाल नहीं है।
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सोशल मीडिया एक्स पर जारी वीडियो संदेश में अपना रुख साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि `अपने सैनिकों को खोने की भारी पीड़ा और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद हम आखिर तक और जीत तक लड़ेंगे।’
इससे पहले इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा कि वैश्विक दबाव के बावजूद हमास के खिलाफ इजराइल का युद्ध जारी रहेगा। `अभी युद्धविराम आतंकी संगठन के लिए उपहार जैसा होगा और युद्ध रुका तो हमास एकबार फिर मजबूत होकर खड़ा हो जाएगा।’
इजराइल के प्रधानमंत्री का बयान तब सामने आया है जब मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी प्रधानमंत्री जो बाइडेन ने कहा था कि गजा पर अंधाधुंध बमबारी करके इजराइल दुनियाभर का समर्थन खो रहा है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका इजराइल के साथ है। अमेरिका के अलावा भी यूरोपीय संघ, यूरोप और दुनिया का अधिकांश हिस्सा इजराइल के साथ है लेकिन अंधाधुंध बमबारी से वह वैश्विक समर्थन खो रहा है।
यरूशलम। गाजा पट्टी पर परमाणु बम गिराने के इजराइल सरकार में दक्षिणपंथी ओत्जामा यहूदि्त पार्टी के एक मंत्री के बयान को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खारिज करते हुए उन्हें सरकारी बैठकों से अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया है।
यरूशलम मामलों एवं विरासत मंत्री अमिचाई इलियाहू ने एक साक्षात्कार में कहा, गाजा में ऐसा कोई नहीं है जो लड़ाई में शामिल नहीं है’’, ऐसे में इलाके में मानवीय सहायता मुहैया करना ‘एक विफलता’ होगी। उनके अनुसार गाजा में सभी लड़ाके हैं ऐसे में गाजा पट्टी पर परमाणु हमला ‘‘एक विकल्प’’ है। उन्होंने कहा कि इसके लिए “यही एक तरीका है। उनकी इस टिप्पणी पर सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष, दोनों ही नाराज हो गए और विपक्ष ने उन्हें सरकार से बाहर करने की मांग की।
इस नाराजगी के बाद इलियाहू अपने बयान से पीछे हट गये और उन्होंने इसे ‘अतिश्योक्तिपूर्ण’ टिप्पणी बताया। उन्होंने कहा, यह सोचने-समझने वाले सभी लोगों के लिए स्पष्ट है कि परमाणु (बम) के बारे में यह टिप्पणी महज एक अतिश्योक्ति है। हमें वाकई आतंक के प्रति जबर्दस्त जवाबी कार्रवाई दिखाने की जरूरत है जिससे नाजियों व उनके समर्थकों को स्पष्ट हो जाए कि आतंकवाद निरर्थक है।
उन्होंने कहा, यह भी स्पष्ट है कि इजराइल बंधकों को जिंदा व ठीकठाक स्थिति में वापस लाने के दायित्व से आबद्ध है। इस बीच, प्रधानमंत्री ने इलियाहू को अनिश्चितकाल के लिए सरकारी बैठकों से निलंबित कर दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी। उसने कहा कि इलियाहू युद्ध संबंधी निर्णय लेने वाली मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति का हिस्सा नहीं हैं। नेतन्याहू ने इस टिप्पणी को ‘सच से परे’ बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा, इजराइल और आईडीएफ (इजराइल डिफेंस फोर्सेज) यह सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के उच्च मानदंडों के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं कि बेगुनाह लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। हम जीत सुनिश्चित करने तक ऐसा करते रहेंगे।
रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इलियाहू के बयान को ‘बेबुनियाद’ करार दिया और कहा कि यह ‘अच्छा है कि ये लोग इजराइल की सुरक्षा संभालने वाले लोग नहीं हैं। विपक्षी नेता याइर लापिद ने इलियाहू के बयान को एक गैर जिम्मेदार मंत्री का ‘भयावह एवं उन्मादी’ बयान बताया।
सऊदी अरब ने सुझाव की निंदा की
सऊदी अरब ने भी इलियाहू के ‘अतिवादी’ सुझाव की निंदा की। बताया जाता है कि अमेरिका की मध्यस्थता से सऊदी अरब संबंधों को सामान्य करने के लिए इजराइल के साथ वार्ता कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस खाड़ी देश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्री का बयान ‘‘दर्शाता है कि इजराइल सरकार की सोच में किस हद तक चरमपंथी और क्रूरता आ गई है।
तेल अवीब । ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक गुरुवार को इजराइल पहुंचे हैं। ऋषि सुनक इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक कर रहे हैं। जिसके बाद वे राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग से मुलाकात करेंगे। इससे पहले तेल अवीब पहुंच कर ब्रिटेन के पीएम ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ब्रिटेन, इजराइल के साथ खड़ा है। एक दिन पहले ही बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजराइल दौरा पूरा कर वापस लौटे हैं।
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक बुधवार को बेन गुरियन हवाई अड्डे पर उतरे। यहां उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भयावह आतंकवाद का सामना कर रहे इजराइल के साथ खड़ा है। सुनक के कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि क्षेत्र में जारी तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए पीएम सुनक इजराइल के आसपास के कुछ दूसरे देशों की भी यात्रा कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को इजराइल पहुंचे थे। उन्होंने भी पीएम नेतन्याहू से मुलाकात के बाद हमास के हमले की कड़ी निदा करते हुए कहा कि हमास क्रूर आतंकी संगठन है, जिस तरह हमास ने इजराइल पर हमला किया वो मानवता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हमास, फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व नहीं करता।
इजराइल-हमास युद्ध का आज 13वां दिन है और अबतक करीब 4900 लोगों की मौत हो चुकी है। इजराइल पर हमास आतंकियों के हमले के साथ शुरू हुआ यह सिलसिला गाजा के अस्पताल में किए गए हमले में 500 लोगों की मौत तक पहुंच गया है।
तेल अवीव । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन युद्ध क्षेत्र की असाधारण यात्रा पर आज इजराइल की राजधानी तेल अवीव पहुंच गए। तेल अवीव के हवाई अड्डे पर बाइडन के उतरने के कुछ ही मिनट बाद गाजा पट्टी के निकट किबुतज किसुफिम में खतरे के सायरन बजने लगे। इसके बाद बाइडन का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास और इजराइल के बीच जारी युद्ध में अब तक 4300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। गाजा के अल-अहली अरब अस्पताल पर मंगलवार रात हुए हमले से मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है। बाइडन का यह दौरा इजराइल के प्रति उनके समर्थन और एकजुटता को दर्शाता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलिस्तीनियों को आश्रय देने वाली गाजा पट्टी के इस अस्पताल में हुए विनाशकारी विस्फोट के बाद गाजा को मानवीय सहायता सुनिश्चित करने, संघर्ष को और बढ़ने से रोकने और अमेरिकी रक्षा के लिए राजनयिक प्रयास पटरी से उतर गए हैं। जॉर्डन के अम्मान में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ अरब नेताओं के शिखर सम्मेलन को भी रद्द कर दिया गया है।
राष्ट्रपति बाइडन के तेल अवीव पहुंचने पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने उनकी अगवानी की। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से मुलाकात कर राष्ट्रपति बाइडन को गले लगाया। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति का काफिला रवाना हुआ।
रिपोर्ट्स के अनुसार यह महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति बाइडन की इजराइल की यात्रा के मद्देनजर जमीन तैयार करने के लिए अमेरिका के विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन मध्य पूर्व की यात्रा कर चुके हैं। ब्लिंकन ने सोमवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी मुलाकात की थी।
तेल अवीव/यरुशलम । फिलिस्तीन के कुख्यात आतंकवादी संगठन हमास के इस महाने की सात तारीख को इजरायल पर किए गए दिल दहला देने वाले हमले से गाजा पट्टी में मरघट जैसा सन्नाटा है। इजरायल की सेना ने कहा है कि तब से इस लड़ाई में उसके देश ने 189 सैनिकों सहित 1,200 से अधिक नागरिकों को खो दिया। इजरायल में घुसे करीब 1,500 हमास आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है। गाजा में भी हमास के सैकड़ों आतंकी मारे गए हैं। गाजा के अधिकारियों के अनुसार, उनके 1,417 लोग मारे गए और 6,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स में इजरायल के सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गाजा में अब तक 3,500 से ज्यादा आतंकी ठिकानों पर बम बरसाए गए हैं। इस बमबारी में हमास के एक शीर्ष आतंकवादी और गुर्गों को निशाना बनाया गया। इजरायल के रक्षामंत्री योयेव गैलेंट ने कहा कि हमास गाजा का आईएस है। वह ईरान के पैसों पर फलता-फूलता है। इजरायल उसके एक भी गुर्गे को जिंदा नहीं छोड़ेगा। पिछले शनिवार को हमलावर हमास आतंकवादियों ने नरसंहार के दौरान आईएस के झंडे लहराए थे।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हमास का हर लड़ाका अब ‘मुर्दा’ है। यह आतंकवादी आकाश से पाताल तक कहीं भी छुप जाएं, इनकी मौत होकर रहेगी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गाजा पट्टी पर कभी भी जमीनी लड़ाई छिड़ सकती है। इसके लिए इजरायल की सेना पूरी तरह तैयार है। लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेच ने गुरुवार को स्पष्ट भी किया कि बल ‘जमीनी अभियान की तैयारी कर रहे हैं।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी जॉन किर्बी ने कहा कि आज (शुक्रवार) अमेरिकी सरकार इजरायल से अपने नागरिकों को निकालने के लिए चार्टर उड़ानों की व्यवस्था करेगी। इसके अलावा यह विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं कि क्या अमेरिकी नागरिकों को जमीन और समुद्र के रास्ते भी सुरक्षित स्वदेश लाया जा सकता है। किर्बी ने कहा है कि हमास के हमले में मारे गए अमेरिकी नागरिकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है। अभी भी हमारे 14 नागरिक आतंकियों के कब्जे में है।
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चार दशक में पहली बार सब्त (शनिवार) के दिन इजरायल की एलअल एयरलाइन उड़ानों का संचालन करेगी। कहा गया है कि अमेरिका और एशियाई देशों से रिजर्व सैनिकों की वापसी के लिए यह परंपरा तोड़ी गई है। एलअल ने रब्बियों से विशेष मंजूरी के बाद न्यूयॉर्क और बैंकॉक से दो उड़ानों के संचालन करने का फैसला किया है।