दिल्ली । बांग्लादेश ने श्रीलंका को तीन विकेट से हरा दिया है। इस हार के साथ ही श्रीलंका की टीम आधिकारिक तौर पर सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो गई है। वहीं, बांग्लादेश की इस जीत से सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीद को संजीवनी मिली है।
श्रीलंका के दिए 280 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश ने शुरुआत में दो विकेट जल्दी खोने के बाद तीसरे विकेट के लिए शानदार साझेदारी की। यह पार्टनरशिप शाकिब उल हन (82) और नजमुल हसन शंटो (90 रन) के बीच हुई। दोनों तीसरे विकेट के लिए 169 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की। इस उम्दा बल्लेबाजी प्रदर्शन की वजह से बांग्लादेश की टीम ने तीन विकेट से मैच को अपने नाम किया। श्रीलंका के लिए दिलशान मदुशंका ने तीन विकेट, एंजेलो मैथ्यूज ने दो विकेट और महीश तीक्षणा ने दो विकेट लेने में सफलता हासिल की।
इससे पहले, श्रीलंका ने चरिथ असालंका के शानदार शतक (108 रन) की बदौलत 279 रन का स्कोर खड़ा किया। असलंका ने पहले धनंजय डिसिल्वा (34) के साथ छठे विकेट के लिए 78 रन और सदीरा समरविक्रम (41) के साथ चौथे विकेट के लिए 63 रन जोड़े। इसके अलावा, पथुम निसांका ने भी 41 रनों का योगदान दिया। बांग्लादेश के लिए तंजिम हसन शाकिब ने तीन विकेट अपने नाम किए। वहीं, शाकिब अल हसन और शोरिफुल इस्लाम को दो-दो सफलता मिली।
मैच में छाया विवाद
मैच के दौरान एक विवाद भी हो गया जब श्रीलंका के अनुभवी बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘टाइम आउट’ की वजह से आउट करार देने का मामला सामने आया। दरअसल एक बल्लेबाज के आउट होने पर दूसरे बल्लेबाज को दो मिनट के अंदर मैदान पर होना होता है। ऐसे में मैथ्यूज को क्रीज पर आना था लेकिन जब वो क्रीज पर आने को तैयार हुए तो उनके हेलमेट की एक बेल्ट टूटी मिली, जिस पर वो उसे बदलने लगे। इसी बदलाव के दौरान दो मिनट से ज्यादा समय लग गया। तब बांग्लादेश की तरफ से शाकिब उल हसन ने अम्पायर से मंत्रणा की और मैथ्यूज को टाइम आउट की वजह से आउट करार दिया गया।
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ढाका । बैंकिंग के क्षेत्र में भारतीय डेबिट कार्ड रुपे को मजबूत करने के क्रम में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए भारत-बांग्लादेश के बीच इसकी शुरुआत होने जा रही है। टाका-रुपे डेबिट कार्ड सितंबर से भारत और बांग्लादेश के बीच लांच होगा। भारत में यात्रा के दौरान इस कार्ड से ट्रैवल कोटा में 12 हजार डॉलर खर्च किए जा सकते हैं।
बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर और प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री डॉ. अतिउर रहमान ने इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था और सक्रिय होगी। डॉलर पर दबाव कम होगा। इस संबंध में रहमान ने पहले भी हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में इसकी पहल करने को कहा था।
बांग्लादेश के इस्लामी ओइक्या जोत के अध्यक्ष मीचबाहुर रहमान चौधरी ने कहा, “मैंने पहले हिन्दुस्थान समाचार को बताया है कि बांग्लादेश से लाखों लोग चिकित्सा उपचार, यात्रा, व्यवसाय सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए भारत आते हैं। यदि टाका-रुपया डेबिट कार्ड भारत के साथ मिलकर लॉन्च किया जाता है तो सभी को लाभ होगा। इससे दोनों देशों के बीच चलने वाले हवाला कारोबार को भी तगड़ा झटका लगेगा। ”
बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने डॉलर बचाने के लिए देश में टाका-रुपये का डेबिट कार्ड पेश करने का फैसला किया है। इस कार्ड से उपयोगकर्ता देश के भीतर खरीदारी सहित विभिन्न बिलों का भुगतान कर सकते हैं और भारत में यात्रा करते समय उसी कार्ड का इस्तेमाल भारत में भी वित्तीय भुगतान के लिए आसानी से कर सकेंगे। बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रऊफ तालुकदार ने कहा कि यह सुविधा आगामी सितंबर से शुरू की जाएगी। गवर्नर अब्दुर रऊफ तालुकदार ने गत रविवार को वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही के लिए नई मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी थी।
बांग्लादेश बैंक के गवर्नर ने कहा, “हम रुपये का पे-कार्ड लॉन्च कर रहे हैं। हमलोग इसे भारतीय रुपये से जोड़ेंगें। ग्राहक इस कार्ड का उपयोग बांग्लादेश में डेबिट कार्ड के रूप में कर सकते हैं। आप कोई खरीदारी कर सकते हैं। उसके बाद जब आप भारत जाते हैं, तो आप इस कार्ड से यात्रा कोटा पर 12 हजार डॉलर ( भारतीय मुद्रा में करीब 10 लाख रुपये) खर्च कर सकते हैं। नतीजतन मुद्रा विनिमय में जो घाटा होता है, वह अब नहीं होगा। यानी अगर आप किसी यात्रा पर जाना चाहते हैं तो पहले आपको टाका से डॉलर में बदलना होगा, फिर आपको भारत जाकर डॉलर को रुपये में बदलना होगा। अगर आप टाका पे कार्ड लेते हैं तो दो बार पैसा बदलने की जरूरत नहीं है। ऐसा करने से लागत कम से कम छह फीसदी कम हो जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा, “कई बांग्लादेशी पर्यटक हर साल भारत जाते हैं। यह कार्ड उनके लिए बहुत सुविधाजनक होगा।”
गवर्नर अब्दुर रऊफ तालुकदार ने यह भी कहा, “बांग्लादेश और भारत अपने द्विपक्षीय व्यापार लेनदेन के एक हिस्से को अपनी-अपनी मुद्राओं में निपटाने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं। इस समझौते का मकसद डॉलर के भंडार पर दबाव कम करना है। भारत से बांग्लादेश की आय करीब दो अरब डॉलर है, व्यापार लेनदेन की इस राशि को रुपये में तय किया जाएगा।
ढाका । बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर आम जनता सड़को पर उतर आयी है। देश अन्य हिस्सों भी शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। शनिवार को हजारों लोग सड़कों पर उतरे तो संपूर्ण व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई।
बांग्लादेश में 2024 में आम चुनाव होने हैं। इससे पहले ही विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने सत्तारूढ़ अवामी लीग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की मांग है कि बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना व उनकी सरकार इस्तीफा दे। साथ ही विपक्ष चाहता है कि अगले आम चुनाव कार्यवाहक सरकार की निगरानी में कराए जाएं। मौजूदा सरकार की इस्तीफे की मांग को लेकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने राजधानी ढाका में रैली का आह्वान किया था। ढाका के सैयदाबाद स्थित गोपालबाग मैदान रैली शुरू होने से पहले ही खचाखच भर गया। देश के अन्य शहरों में भी लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया।
शेख हसीना सरकार ने इन प्रदर्शनों पर पाबंदियां लगा दी थीं। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग जुटे। भीड़ देखकर उत्साहित बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के सात सांसदों ने प्रदर्शन के दौरान ही इस्तीफे का ऐलान भी कर दिया। ये लोग बांग्लादेश में तुरंत चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। रैली के दौरान संदेह जताया गया कि मौजूदा सरकार के नेतृत्व में चुनाव हुए तो सत्ता से जुड़े लोग चुनाव में धांधली कर सकते हैं। रैली के कारण ढाका में स्थितियां खासी खराब हो गयीं। रैली से पहले सड़क पर उतरे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी और कई घायल हो गए।