इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की नाटकीय गिरफ्तारी के बाद देश में राजनीतिक अशांति बढ़ गई है। इस बीच खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और बलूचिस्तान में सेना को बुलाया गया है, क्योंकि हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई घायलों को पेशावर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी के बाद हिंसा के आरोप में उनके सैकड़ों समर्थकों को गिरफ्तार किया है। लेडी रीडिंग हॉस्पिटल (एलएचआर) के एक प्रवक्ता के अनुसार आपातकालीन कक्ष के डॉक्टरों को गोलियों से छलनी चार शव मिले हैं, जबकि 27 अन्य का इलाज चल रहा है।
गृह मंत्रालय ने सैन्य सहायता को दी मंजूरी
गृह मंत्रालय ने सैनिकों की दस कंपनियों को मंजूरी देकर सहायता के लिए पंजाब सरकार के अनुरोध को मंजूरी दे दी है, जिसमें कहा गया है, “सेना कानून, व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए जिला प्रशासन के साथ काम करेगी”।
संघीय आंतरिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सैनिकों की सही संख्या/संपत्ति, तैनाती की तारीख और क्षेत्र का निर्धारण प्रांतीय सरकार द्वारा एमओ निदेशालय, जीएचक्यू के परामर्श से किया जाएगा।
अधिसूचना में कहा गया है, “उक्त तैनाती की गैर-आवश्यकता की तारीख दोनों हितधारकों के बीच पारस्परिक परामर्श के बाद बाद में तय की जाएगी।”
पंजाब में 945 गिरफ्तार
एक अलग बयान में पंजाब पुलिस ने कहा कि प्रांत में सरकारी संपत्ति, पुलिस बल और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अधिसूचना में कहा गया है, “पूरे प्रांत में हिंसक कृत्यों, तोड़फोड़, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है।” हिंसा के दौरान हमले में 130 से अधिक पुलिस अधिकारी और कानून प्रवर्तन कर्मी “गंभीर रूप से घायल” हुए हैं। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार पुलिस टीमों ने पूरे प्रांत से 945 कानून तोड़ने वालों और उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस और सरकारी एजेंसियों के 25 से अधिक वाहनों को नष्ट कर दिया गया या जला दिया गया। उन्होंने यह भी जानकारी साझा की है कि प्रदर्शनकारियों ने 14 से अधिक सरकारी भवनों पर हमला किया, लूटपाट की और सरकारी संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा, पंजाब के महानिरीक्षक (आईजी) डॉ. उस्मान अनवर ने यह जानकारी साझा की कि राज्य और कानून की रिट को चुनौती देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने फिर से पुष्टि की कि जो लोग नागरिकों, पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को घायल करते हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं उन्हें “न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”
हिंसा ने लिया घातक रूप
पुलिस के अनुसार हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पेशावर में कम से कम 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यहां कई कथित बदमाशों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे। ये मामले सार्वजनिक और निजी संपत्ति, वाहनों, मेट्रो बसों और सरकारी एंबुलेंस को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दर्ज किए गए हैं। आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ और पुलिस पर हमले की धाराएं भी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य स्रोतों से दंगाइयों और आगजनी करने वालों की पहचान की जा रही है।
पीटीआई ने सेना बुलाने पर पंजाब की आलोचना की
सेना की तैनाती पर पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने संघीय सरकार की खिंचाई की। उन्होंने सवाल किया, पंजाब में तैनाती के लिए सेना कैसे उपलब्ध हो गई, जब पहले कहा गया था कि यह “बहुत व्यस्त” (चुनाव ड्यूटी करने के लिए) है?
उन्होंने कहा, ‘हमें चेयरमैन इमरान खान की जान को खतरे को लेकर गंभीर चिंता है। हमारे नेता उन लोगों की हिरासत में हैं जिन्होंने उन्हें धमकी दी थी। दूसरी बात कल तक सेना बहुत व्यस्त थी और चुनाव के लिए उपलब्ध नहीं थी, लेकिन ऐसा क्या हो गया है कि आज पंजाब और केपी में सेना तैनात कर दी गई है? देश बेवकूफ नहीं है।”