लंदन । राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन लक्ष्य सेन ने ऑल इंग्लैंड ओपन 2024 बैडमिंटन टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। सेन ने शुक्रवार को पुरुष एकल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के ली ज़ी जिया को शिकस्त दी।
ऑल इंग्लैंड ओपन के 2022 संस्करण के उपविजेता सेन ने 2021 चैंपियन ली ज़ी जिया को एक घंटे और 10 मिनट तक चले मुकाबले में 20-22, 21-16, 21-19 से शिकस्त दी। पाँच आमने-सामने के मुकाबलों में सेन की मलेशियाई शटलर पर यह चौथी जीत थी।
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ने अपने शॉट्स को अच्छे से मिश्रित करके पहले गेम में 5-1 की बढ़त बना ली। हालांकि इसके बाद विश्व नंबर 10 ली ज़ी जिया, जो बैडमिंटन रैंकिंग में सेन से आठ पायदान ऊपर हैं, ने वापसी की और 17-16 से बढ़त बना ली।
हालाँकि सेन ने दृढ़ बचाव के साथ स्कोर को 20-20 से बराबरी कर ली। हालांकि अंत में ली ने 22-20 से पहला गेम अपने नाम कर लिया।
दूसरे गेम में धीमी शुरुआत के बाद, सेन ने पांच अंक हासिल कर स्कोर 6-3 कर दिया और ब्रेक के समय मलेशियाई बैडमिंटन खिलाड़ी से दो अंकों की बढ़त बना ली। ली ज़ी जिया ने सेन पर तेज़ स्मैश लगाकर 16-14 की बढ़त बना ली, लेकिन अगले सात अंक जीतकर सेन मैच को निर्णायक सेट में ले गए।
तीसरे गेम में सेन लगातार हमले कर रहे थे। ली ज़ी जिया द्वारा कई स्मैश बचाने के बावजूद, सेन ने ब्रेक पर तीन अंकों की बढ़त हासिल कर अपना आक्रामक रुख जारी रखा। ली ज़ी जिया ने सेन को लंबी रैलियों में शामिल करना जारी रखा, लेकिन बढ़त लेने में असमर्थ रहे। आखिरकार, सेन अपनी बढ़त बरकरार रखते हुए सेमीफाइनल में पहुंच गए।
दूसरे दौर में डेनमार्क के विश्व नंबर 3 एंडर्स एंटोनसेन को हराने वाले सेन शनिवार को सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के जोनाटन क्रिस्टी या पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के दूसरे वरीय शी यू क्यूई से खेलेंगे।
यह 2024 बैडमिंटन सीज़न में सेन का लगातार दूसरा सेमीफाइनल होगा, जिन्होंने पिछले हफ्ते फ्रेंच ओपन सुपर 750 इवेंट में अंतिम चार में जगह बनाई थी।
बीडब्ल्यूएफ सुपर 1000 इवेंट होने के नाते, ऑल इंग्लैंड ओपन पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए महत्वपूर्ण रैंकिंग अंक प्रदान करता है। बैडमिंटन के लिए रैंकिंग अवधि 1 मई, 2023 को शुरू हुई और अगले महीने समाप्त होगी।
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नई दिल्ली । डबल ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु और एचएस प्रणय बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप 2024 में भारतीय चुनौती का नेतृत्व करेंगे। यह टूर्नामेंट 13-19 फरवरी तक मलेशिया के शाह आलम में आयोजित किया जाएगा।
2024 पेरिस ओलंपिक की दौड़ में मूल्यवान योग्यता अंक हासिल करने के लिए भारतीय शटलरों के लिए प्रतिष्ठित टीम इवेंट महत्वपूर्ण होगा।
16 वर्षीय वरिष्ठ राष्ट्रीय चैंपियन अनमोल खरब, बैडमिंटन एशिया जूनियर चैंपियनशिप पदक विजेता तन्वी शर्मा और अश्मिता चालिहा महिला एकल वर्ग में पूर्व विश्व चैंपियन को बैकअप प्रदान करेंगी।
बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव संजय मिश्रा ने कहा, “ओलंपिक खेल कुछ महीने दूर हैं, पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन को देखते हुए यह हमारे शटलरों के लिए सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है। हमने टीम इंडिया के लिए कॉल-अप के साथ-साथ वरिष्ठ राष्ट्रीय चैंपियनों को भी पुरस्कृत किया है। ये बहुत मजबूत भारतीय पक्ष है, जो हर स्तर तक जाने में सक्षम हैं और मुझे यकीन है कि वे प्रतिष्ठित टीम इवेंट में इतिहास रचेंगे।”
त्रिसा जॉली-गायत्री गोपीचंद, जिन्होंने पिछले साल दुबई में बैडमिंटन एशिया मिश्रित टीम चैंपियनशिप 2023 में भारतीय टीम को ऐतिहासिक कांस्य पदक दिलाने में मदद की थी, महिला युगल में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
शेष दो जोड़ियों में उभरती जोड़ी और योनेक्स-सनराइज गुवाहाटी मास्टर्स 2023 चैंपियन अश्विनी पोनप्पा-तनिषा क्रैस्टो के साथ-साथ मौजूदा वरिष्ठ राष्ट्रीय चैंपियन प्रिया देवी कोन्जेंगबाम-श्रुति मिश्रा शामिल हैं।
दूसरी ओर, प्रणय, जिन्होंने अपना पहला बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप पदक और मलेशिया मास्टर्स 2023 में बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर खिताब भी जीता, पुरुष टीम का नेतृत्व करेंगे।
राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता लक्ष्य सेन, पूर्व विश्व नंबर 1 किदांबी श्रीकांत और हाल ही में वरिष्ठ राष्ट्रीय चैंपियन बने चिराग सेन, प्रणय का साथ देंगे।
2023 में छह खिताब जीतने के बाद, जिसमें एशियाई खेल, एशियाई चैंपियनशिप, इंडोनेशिया ओपन 2023, शामिल है, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी पुरुष युगल की जिम्मेदारी संभालेंगे।
पूर्व विश्व नंबर 1 जोड़ी को प्रभावशाली वरिष्ठ राष्ट्रीय चैंपियन जोड़ी सूरज गोला-पृथ्वी रॉय और ध्रुव कपिला-अर्जुन एम.आर. का समर्थन मिलेगा।
भारतीय पुरुष टीम ने इससे पहले टीम स्पर्धा के 2016 और 2018 संस्करण में कांस्य पदक जीता था।
भारतीय दल इस प्रकार है-
पुरुष टीम-एचएस प्रणय, लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत, चिराग सेन, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी, ध्रुव कपिला, एम.आर. अर्जुन, सूरज गोला, पृथ्वी रॉय।
महिला टीम- पीवी सिंधु, अनमोल खरब, तन्वी शर्मा, अश्मिता चालिहा, त्रिसा जॉली, गायत्री गोपीचंद, अश्विनी पोनप्पा, तनीषा क्रैस्टो, प्रिया देवी कोन्जेंगबम, श्रुति मिश्रा।
नई दिल्ली । भारत की स्टार बैडमिंटन जोड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। भारतीय जोड़ी विश्व बैडमिंटन संघ (बीडब्ल्यूएफ) वर्ल्ड रैंकिंग में मेंस डबल्स में दुनिया की नंबर-1 जोड़ी बन गई है। यह पहली भारतीय जोड़ी है जिसने यह मुकाम हासिल किया है। यह जोड़ी नंबर-3 से टॉप पर पहुंची है।
बीडब्ल्यूएफ की ताजा रैंकिंग में सात्विक और चिराग की भारतीय जोड़ी 92,411 पॉइंट के साथ नंबर एक पर है। भारतीय जोड़ी इंडोनेशिया की फजर अल्फियान और मुहम्मद रियान अड्रिएंटो को पछाड़कर दुनिया की शीर्ष जोड़ी बनी है। इंडोनेशियाई जोड़ी कुल 92,411 पॉइंट के साथ दूसरे नंबर पर है।
भारतीय जोड़ी ने एशियन गेम्स में भारत को दिलाया था स्वर्ण
भारतीय जोड़ी सात्विक और चिराग ने हाल ही में चीन में संपन्न हुए 19वें एशियन गेम्स में भारत को पहली बार बैडमिंटन में स्वर्ण पदक दिलाया। भारतीय जोड़ी ने एशियाई खेलों के बैडमिंटन की पुरुष युगल स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
हांगझू । एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। भारत की झोली में एक और स्वर्ण पदक आ गया है। चिराग शेट्टी और सात्विक साईंराज की भारतीय जोड़ी ने बैडमिंटन पुरुष युगल में स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। फाइनल मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने साउथ कोरियाई जोड़ी चोई सोलग्यू और किम वोन्हो को सीधे सेटों में 21-18 और 21-16 से मात दी। भारत ने पहली बार एशियाई खेलों में बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता है।
फाइनल मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने अच्छी शुरुआत की। इस बीच कोरियाई जोड़ी ने भारत के खिलाड़ियों को टक्कर दी। एक समय कोरियाई जोड़ी भारतीय जोड़ी से आगे हो गई, लेकिन भारतीय जोड़ी ने जोरदार वापसी की और पहला गेम 21-18 से अपने नाम किया।
सात्विक-चिराग की भारतीय जोड़ी ने दूसरे गेम में भी शानदार खेल दिखाया। कोरियाई जोड़ी ने वापसी की काफी कोशिश की, लेकिन भारतीय जोड़ी ने आक्रामक खेल जारी रखते हुए दूसरा गेम भी 21-16 से जीतते हुए मैच अपने नाम कर लिया। इसी के साथ चिराग शेट्टी और सात्विक साईंराज की भारतीय जोड़ी ने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
हांगझू । भारत के शीर्ष शटलर एचएस प्रणय ने शुक्रवार को चल रहे 19वें एशियाई खेलों में बैडमिंटन पुरुष एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता।
प्रणय को बैडमिंटन पुरुष एकल सेमीफाइनल में चीन के ली शिफेंग के खिलाफ 0-2 (16-21, 9-21) से हार का सामना करना पड़ा और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
पहले गेम के ब्रेक में 10-11 से पिछड़ने के बाद, चीनी ली शिफेंग ने 45 मिनट से अधिक समय तक चले मुकाबले में 21-16, 21-19 से जीत हासिल की।
प्रणय ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की और चीनी खिलाड़ी के खिलाफ 11-10 की बढ़त ले ली। हालाँकि, इसके बाद शिफेंग ने बेहतरीन वापसी करते हुए पहला सेट अपने नाम किया। दूसरा सेट एकतरफा रहा और शिफेंग ने आसानी से दूसरा सेट 21-9 से अपने नाम कर फाइनल में जगह बनाई।
हांगझू । भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु गुरुवार को क्वार्टरफाइनल में हारकर एशियाई खेलों से बाहर हो गईं। महिला बैडमिंटन एकल क्वार्टर फाइनल में पीवी सिंधु को चीन की ही बिंगजाओ ने 21-16, 21-12 से हराया। यह मैच 47 मिनट तक चला।
सिंधु ने पहले गेम में बिंगजाओ को चुनौती दी और एक समय मुकाबले में 18-16 पर चीनी खिलाड़ी केवल 2 अंक पीछे थीं, हालांकि चीनी शटलर ने इसके बाद बेहतर प्रदर्शन किया और लगातार तीन अंक हासिल कर पहला गेम अपने नाम कर लिया।
दूसरे गेम में घरेलू पसंदीदा खिलाड़ी बिंगजाओ की लय बरकरार रही और उन्होंने आसान जीत हासिल कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
सिंधु ने 2018 में जकार्ता और पालेमबांग में आयोजित एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था।
हांगझू । भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय ने गुरुवार को एशियाई खेलों में पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है।
प्रणय ने मलेशिया के ज़ी जिया ली के खिलाफ 78 मिनट तक चले मुकाबले में 2-1 (21-16, 21-23, 23-21) से जीत दर्ज की। पहले सेट में भारतीय खिलाड़ी ने 21-16 से जीत हासिल की, लेकिन दूसरे सेट में मलेशियाई ने मैच में वापसी की और 23-21 से जीत हासिल की। हालाँकि, प्रणय ने अपनी निरंतरता बरकरार रखी और तीसरा सेट 22-20 से अपने नाम कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
शुक्रवार को सेमीफाइनल में प्रणय का सामना इंडोनेशिया के एंथोनी गिंटिंग और चीन के ली शी फेंग के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा।
इससे पहले पीवी सिंधु गुरुवार को क्वार्टरफाइनल में हारकर एशियाई खेलों से बाहर हो गईं। महिला बैडमिंटन एकल क्वार्टर फाइनल में पीवी सिंधु को चीन की ही बिंगजाओ ने 21-16, 21-12 से हराया। यह मैच 47 मिनट तक चला।
हांगझू । भारतीय स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु और एचएस प्रणय ने बुधवार को एशियाई खेलों के क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया है।
मौजूदा रजत पदक विजेता पी वी सिंधु ने महिला एकल वर्ग के अंतिम 16 मुकाबले में इंडोनेशिया की पुत्रि कुसुमा वर्दानी को 21-16, 21-16 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, यह मैच 55 मिनट तक चला।
वहीं, एचएस प्रणय ने भी कज़ाख शटलर दिमित्री पनारिन को केवल 29 मिनट तक चले मुकाबले में 21-12, 21-13 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान पक्का किया।
इससे पहले सिंधु, जो इस सीज़न में बैडमिंटन रैंकिंग में 15वें स्थान पर खिसक गई हैं, ने दुनिया की 21वें नंबर की चीनी ताइपे शटलर सू वेन ची 32वें राउंड के मुकाबले में 21-10, 21-15 से हराकर अंतिम 16 में जगह बनाई थी। यह मैच 42 मिनट तक चला था।
दुनिया के सातवें नंबर के भारत के शीर्ष रैंकिंग वाले पुरुष एकल खिलाड़ी एचएस प्रणय ने मंगोलिया के दुनिया के 311वें नंबर के खिलाड़ी बटदावा मुंखबत को केवल 25 मिनट तक चले मुकाबले में 21-9, 21-12 से हराकर अंतिम 16 में जगह बनाई थी।
हांगझोऊ। पहली बार भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने एशियाई खेलों में रजत जीता है। इस स्पर्धा में भारत को पिछला पदक 1986 में मिला था। पुरुष टीम ने कांस्य से ज्यादा इस स्पर्धा में कोई पदक नहीं जीता है। 1974 और 1982 में भी भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने कांस्य ही जीता था।
हांगझोऊ एशियाई खेलों में भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम स्वर्ण पदक से चूक गई है। फाइनल में उसका सामना मजबूत चीन से था। उसने फाइनल में भारत को 3-2 से हरा दिया है। भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। टीम इंडिया ने इस स्पर्धा में 37 साल बाद कोई पदक जीता है। यह पहली बार है जब भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने एशियाड में रजत जीता है।
बेस्ट ऑफ फाइव में हारा भारत
टीम स्पर्धा में कुल पांच मैच होते हैं। इनमें तीन एकल और दो युगल मैच होते हैं। अगर कोई टीम लगातार तीन मैच लेती है तो मुकाबला वहीं समाप्त हो जाता है, वरना मुकाबला बेस्ट ऑफ फाइव का हो जाता है। भारतीय टीम शुरुआती दो मैच जीतकर एक वक्त 2-0 से आगे थी। एकल में लक्ष्य सेन और युगल में सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने भारत को बढ़त दिलाई।
हालांकि, इसके बाद चीन ने वापसी की और अगले तीनों मैच जीतकर स्वर्ण पर कब्जा जमाया। तीसरे मैच में एकल में किदांबी श्रीकांत, चौथे मैच में युगल में ध्रुव कपिला-साई प्रतीक की जोड़ी और पांचवें एकल मैच में मिथुन मंजूनाथ को हार का सामना करना पड़ा।
प्रणय का चोटिल होना पड़ा भारी
श्रीकांत अगर मैच जीत लेते तो भारत की झोली में स्वर्ण आता। वहीं, मौजूदा समय में भारत के नंबर वन बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय पीठ में चोट की वजह से फाइनल नहीं खेले। उनका नहीं खेलना टीम इंडिया को भारी पड़ा। उनकी जगह मिथुन को खेलने उतरना पड़ा।
भारत ने पहली बार रजत पदक जीता
भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने एशियाई खेलों में आज तक कभी स्वर्ण नहीं जीता है। इस स्पर्धा में भारत को पिछला पदक 1986 में आया था। पुरुष टीम ने कांस्य से ज्यादा इस स्पर्धा में कोई पदक नहीं जीता है। 1974 और 1982 में भी भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने कांस्य ही जीता था। पुरुष बैडमिंटन टीम इवेंट एशियाई खेलों में 1962 से खेला जा रहा है। 61 वर्षों में पहली बार भारत ने पुरुष बैडमिंटन टीम इवेंट में रजत पदक जीता है। वहीं, 37 साल बाद इस स्पर्धा में भारत को कोई पदक मिला है।
लक्ष्य ने पहले मैच में जीत दिलाई
पहले मैच में लक्ष्य सेन और शी यूची आमने-सामने आए। इस मैच को लक्ष्य ने 22-20, 14-21, 21-17 से अपने नाम किया। लक्ष्य और शी यूची के बीच पहले गेम में कड़ी टक्कर हुई। लक्ष्य ने पहले गेम को 22-20 से अपने नाम किया था। इसके बाद शी यूची ने वापसी की और 21-14 से अपने नाम किया। तीसरे गेम में लक्ष्य एक वक्त 13-9 से पिछड़ रहे थे। इसके बाद उन्होंने जबरदस्त वापसी की और 16-16 से बराबर कर दिया। इसके बाद इस गेम को लक्ष्य ने 21-17 से अपने नाम किया। इस तरह भारत ने चीन पर 1-0 की बढ़त बनाई।
चिराग-सात्विक ने एकतरफा अंदाज में जीता मुकाबला
दूसरे मैच में पुरुष युगल में चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी का सामना योंग डुओ लियांग और वेंग चेंग से हुआ। चिराग-सात्विक ने पहला गेम आसानी से 21-15 से जीत लिया। इस गेम में भारतीय जोड़ी ने दबदबा बनाए रखा और चीनी जोड़ी को अंक नहीं अर्जित करने दिए। इसके बाद दूसरे गेम को भी चिराग-सात्विक ने 21-18 से जीता। इस तरह दोनों ने भारत को चीन पर 2-0 की बढ़त दिलाई।
श्रीकांत के बाद ध्रुव-प्रतीक और मंजूनाथ को मिली हार
तीसरे मैच में एकल में भारत के किदांबी श्रीकांत का सामना शिफेंग ली से हुआ। शिफेंग ने पहले गेम में श्रीकांत को 24-22 से हरा दिया। इसके बाद दूसरे गेम में शिफेंग ने श्रीकांत को 21-9 से हरा दिया। चीन ने वापसी करते हुए बढ़त को 1-2 कर दिया है। चीन के लियु युचेन और ओउ जुआनयी ने ध्रुव कपिल और साई प्रतीक की जोड़ी को 21-6, 21-15 से हरा दिया। पांचवें मैच में चीन के वेंग होंगयांग ने मिथुन मंजूनाथ को 21-12, 21-4 से हरा दिया। इस तरह भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
भारतीय पुरुष टीम ने शनिवार को कड़े मुकाबले में दक्षिण कोरिया को 3-2 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। एचएस प्रणय ने जियोन ह्योक जिन को 18-21, 21-16, 21-19 से हराकर 1-0 की बढ़त दिलाई थी। सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को सियोंग-मिन की जोड़ी ने 13-21, 24-26 से हराया। लक्ष्य ने इसके बाद लक्ष्य ने ली यंगयू को 21-7, 21-9 से हराया। अर्जुन-ध्रुव कपिला को किम-सुंगसियोंग 16-21, 11-21 से हार मिली, लेकिन निर्णायक मुकाबले में किदांबी श्रीकांत ने चो जियोनयप को 12-21, 21-16, 21-14 से परास्त कर भारत को फाइनल में पहुंचाया था।
एचएस प्रणय बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में, विश्व के नंबर 1 विक्टर एक्सेलसन को हराया
कोपेनहेगन । एचएस प्रणय ने मौजूदा चैंपियन, दुनिया के नंबर 1 और मौजूदा पुरुष बैडमिंटन के निर्विवाद सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ शानदार जीत दर्ज कर अपना पहला बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप पदक पक्का कर लिया।
31 वर्षीय भारतीय ने अपने लगातार तीसरे क्वार्टरफाइनल में शुक्रवार को शीर्ष वरीयता प्राप्त डेनमार्क के एक्सेलसन को 13-21, 21-15, 21-16 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में प्रवेश कियाऔर भारत के लिए एक पदक पक्का कर दिया। यह मैच 68 मिनट तक चला। सफलता और परिमाण दोनों ही दृष्टि से यह प्रणय के करियर की सबसे बड़ी जीतों में से एक है।
उनके पदक ने यह सुनिश्चित कर दिया कि 2011 के बाद से हर विश्व चैंपियनशिप में भारत के पदक जीतने का सिलसिला जारी रहेगा। दिन की शुरुआत में दूसरी वरीयता प्राप्त सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी के बाहर होने के बाद प्रणय टूर्नामेंट में इकलौते भारतीय बचे हैं। बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले खिलाड़ियों के पदक पक्के हैं।
अपने करियर के अब तक के सर्वश्रेष्ठ सीज़न का आनंद ले रहे नौवें वरीय प्रणय 68 मिनट तक चले मैच के दौरान लगातार, चतुर और संयमित रहे। एक गेम में पिछड़ने के बाद, जहां एक्सेलसन का दबदबा था, उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी की गलतियों का फायदा उठाया और मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन को हराने के लिए पूरी तरह से केंद्रित रहे। पहला, दूसरा तथा तीसरा गेम हारने के बाद वह फिर से एकजुट हुए और जीत के साथ वापसी की। फाइनल में जगह बनाने के लिए वह पिछले साल के रजत पदक विजेता और तीसरी वरीयता प्राप्त कुनलावुत विटिडसार्न से खेलेंगे।