कोलकाता। मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार बीरभूम जिले के बाहुबली नेता अणुव्रत मंडल के घरेलू नौकर विजय रजक का बैंक अकाउंट फ्रीज करवाया गया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निर्देश पर बीरभूम के सिउड़ी स्थित सहकारी बैंक के इस अकाउंट को फ्रीज किया गया है। यहां 300 से अधिक बेनामी अकाउंट्स मिले थे जिनमें मवेशी तस्करी की ब्लैक मनी को वाइट किया जाता था। यह पहली बार है जब सीबीआई ने इस मामले में किसी अकाउंट को फ्रीज किया है।
विजय रजक वैसे तो अनुव्रत मंडल के घर नौकर का काम करता था लेकिन उसके अकाउंट से करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। यहां तक कि उसके अकाउंट में अभी भी 15 लाख रुपये है, जिसके बारे में उसे जानकारी तक नहीं है। एक नौकर के पास इतनी धनराशि का होना और करोड़ों रुपये का लेन-देन अपने आप में संदिग्ध है, जिसके आधार पर केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। पता चला है कि इस बैंक के मैनेजर की मिलीभगत से यहां 300 से अधिक फर्जी अकाउंट खोले गए। ऐसे लोगों के नाम पर खाते खुले जो दुनिया में है ही नहीं अथवा जिनके नाम पर खुले हैं, उन्हें पता भी नहीं है। इनमें करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है जो फिलहाल जांच के दायरे में है।
उल्लेखनीय है कि मवेशी तस्करी के कारोबार के सरगना अणुव्रत मंडल थे। वह मवेशियों से भरे ट्रकों को सुरक्षित सीमा तक पहुंचाते थे जहां से बीएसएफ अधिकारियों की मिलीभगत से मवेशियों की तस्करी सीमा पार होती थी। इसके एवज में जो करोड़ों रुपये हासिल होते थे उसे बैंक में जमा कर ब्लैक से वाइट कर लिया जाता था। जिनके नाम पर खाते थे उनकी जानकारी के बगैर रुपयों का इस्तेमाल संपत्ति आदि में निवेश के लिए कर दिया जाता था।
anuvrat mandal
कोलकाता। मवेशी तस्करी मामले में नया खुलासा करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने कहा है कि गिरफ्तार बीरभूम के तृणमूल जिला अध्यक्ष अणुव्रत मंडल की बेटी सुकन्या के ड्राइवर के नाम पर भी संपत्ति होने का पता चला है।
जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि मामले के एक आरोपित अणुव्रत के अंगरक्षक सहगल हुसैन के तार भी उस जमीन से जुड़े हैं। सीबीआई ने दो दिन पूर्व आसनसोल कोर्ट में इस संबंध में दस्तावेज पेश किये थे। रविवार को विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि सुकन्या के ड्राइवर का नाम तूफान मिर्धा है, जिसके नाम पर दो करोड़ रुपये की संपत्ति होने का पता चला है।
सीबीआई और स्थानीय सूत्रों ने आगे बताया कि तूफान मिर्धा बोलपुर कालिकापुर इलाके का रहने वाला है। वह लंबे समय से अणुव्रत की बेटी की कार चला रहा है। सीबीआई का दावा है कि अणुव्रत और सहगल के साथ मिर्धा के घनिष्ठ संबंध थे। इस बार जांचकर्ताओं को उसके नाम पर जमीन मिली।
सूत्रों के मुताबिक सहगल मवेशी तस्करी के पैसों के लेन-देन में शामिल था। इसलिए सीबीआई को आशंका है कि इस जमीन को खरीदने में उसकी सक्रिय भूमिका हो सकती है।
मवेशी तस्करी मामले में अणुव्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद से ही सीबीआई ने दावा किया था कि अणुव्रत और उसके कई साथियों के नाम पर अकूत संपत्ति मिली है। कुछ महीने पहले भोलेबम चावल मिल पर सीबीआई के छापेमारी वाले दिन एक स्थानीय निवासी द्वारा दिए गए नोट में तूफान मिर्धा का नाम सामने आया था। सीबीआई ने एक महीने पहले तूफान को भी तलब किया था।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, शांति निकेतन थाना अंतर्गत कंकालीतला पंचायत क्षेत्र के पाथरघाट मौजा में तूफान मिर्धा के नाम पर करीब 52 कट्ठा जमीन है। अणुव्रत मंडल की गिरफ्तारी के ढाई महीने पहले मई 2022 में वह जमीन तूफान मिर्धा के नाम पर लिखी गई थी। उस इलाके के मौजूदा बाजार भाव के हिसाब से जमीन की कीमत दो करोड़ से ज्यादा है।
माकपा के जिला सचिव गौतम घोष ने इस संदर्भ में कहा कि यह सभी के लिए स्पष्ट है कि काले धन को सफेद करने के लिए कई तरीके अपनाए गए। बहुत सारी संपत्तियां गुमनाम रूप से खरीदी गईं। इन सबकी जांच हो।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के बीरभूम जिलाध्यक्ष अणुव्रत मंडल को हिरासत में लेने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके खिलाफ लंबित और पुराने मामलों की खाक छानने में जुट गई है।
राज्य में करोड़ों रुपये के पशु तस्करी के संबंध में पूछताछ के लिए ईडी को अणुव्रत को दिल्ली ले जाने से पुराने मामले रोक सकते हैं। सोमवार (19 दिसंबर) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अणुव्रत मंडल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिया था जिसके बाद ईडी उन्हें दिल्ली ले जाने की तैयारी में थी। लेकिन इसी बीच बंगाल पुलिस ने पुराने मामले में मंडल को अपनी हिरासत में ले लिया जिसके बाद ईडी के इस प्रयास को झटका लगा है। जिस मामले में अणुव्रत मंडल को बंगाल पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया वह एक साल पुराना मामला है और हिरासत में लेने से दो दिन पहले ही इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
ईडी सूत्रों ने कहा कि मौजूदा मामले में पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद न्यायिक हिरासत केंद्रीय एजेंसी के लिए नए सिरे से रिमांड याचिका दायर करने के रास्ते खोलने लगेगी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि मंडल के खिलाफ और अधिक पुराने मामलों के एक्टिव होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील कौशिक गुप्ता ने कहा कि कई पुराने मामलों में ऐसी कार्रवाई निश्चित रूप से एक संभावना है जो ईडी को आरोपितों को नई दिल्ली ले जाने से रोक सकती है। उन्होंने कहा कि मैं फिर से कह रहा हूं कि ऐसी तकनीकें प्रक्रिया को एक अवधि के लिए स्थगित कर सकती हैं, लेकिन हमारे देश में न्यायिक प्रणाली की कई परतों को देखते हुए इसे हमेशा के लिए रोक नहीं सकती हैं। जिस तरह अणुव्रत कई कानूनी रास्तों का दोहन कर रहा है, मुझे यकीन है कि वकील ईडी के लिए भी रास्ते तलाश रहे हैं।
पश्चिम बंगाल मवेशी तस्करी मामला: अणुव्रत मंडल के बॉडीगार्ड सहगल हुसैन की डेढ़ करोड़ की संपत्ति कुर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित मवेशी तस्करी मामले में धन शोधन की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में गिरफ्तार बंगाल पुलिस के सिपाही और बाहुबली नेता अणुव्रत मंडल के बॉडीगार्ड सहगल हुसैन की डेढ़ करोड़ की संपत्ति कुर्क की है।
केंद्रीय एजेंसी ने जारी बयान में बताया है कि सहगल की एक करोड़ 58 लाख 47 हजार 490 रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। वह फिलहाल ईडी की हिरासत में दिल्ली में है और उससे लगातार पूछताछ हो रही है। बताया गया है कि मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार आरोपित बीरभूम जिले के तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल का बेहद खास है और तस्करी के पूरे गिरोह में मुख्य सूत्रधार रहा है। राज्य पुलिस का एक सामान्य कॉन्स्टेबल होने के बावजूद उसकी संपत्ति अथाह है।
इस मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें बीएसएफ के कमांडेंट सतीश कुमार, मवेशी तस्कर इनामुल हक और सहगल हुसैन को गिरफ्तार किया गया है। केंद्रीय एजेंसी ने बताया है कि इस मामले में अब तक 20.25 करोड़ रुपये की सात संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। आज तक इस मामले में जांच के दौरान 29.43 करोड़ रुपये की संपत्ति तस्करी से हासिल हुई बरामद हो चुकी है।
कोलकाता। पशु तस्करी सहित अन्य आरोपों में घिरे तृणमूल कांग्रेस टीएमसी अणुव्रत मंडल का एक और कारनामा सामने आया है। उसने पश्चिम बंगाल में लॉटरी टिकट की आड़ में काले धन को सफेद करने का भी खेल किया। आरोप लग रहे हैं कि जिस व्यक्ति ने एक करोड़ रुपये की लाटरी जीती थी, उसका टिकट अपने आदमी छीनवा कर अणुव्रत मंडल ने अपने काले धन को सफेद कर लिया।
मामले की जांच कर रही सीबीआई ने पता लगाया है कि अणुव्रत मंडल ने जिस लॉटरी टिकट के जरिए एक करोड़ रुपये जीतने के दावे किए थे, वह उसने खरीदा ही नहीं था। हकीकत यह है कि किसी और शख्स ने उस लॉटरी टिकट से एक करोड़ रुपये जीते थे लेकिन तृणमूल नेताओं ने उससे वो टिकट छीन लिया था।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बोलपुर कैंप में कई लोगों को तलब किया गया था, जिनमें से एक नूर अली भी था। उसने एक करोड़ रुपये की लॉटरी जीती थी।
नूर के पिता कोंटाई ने सीबीआई को बताया है कि लॉटरी में इनाम की घोषणा होने के आठ से 10 दिनों के अंदर अणुव्रत मंडल के बेहद खास पार्षद विश्वजीत बनर्जी घर आए थे। वह उसका टिकट लेकर चले गए थे। बाद में बेटे को केवल सात लाख रुपये दिए गए। लॉटरी के शेष रुपये तृणमूल नेताओं ने रख लिये थे।
सीबीआई की पूछताछ में अणुव्रत मंडल ने यह भी बताया है कि उसने लॉटरी के टिकट खरीदे थे लेकिन टिकट विक्रेता बापी गांगुली ने सीबीआई को बताया है कि एक फुटकर विक्रेता ने उनसे टिकट खरीदे थे। वहीं से नूर अली ने टिकट खरीदा था और उसी टिकट के नाम पर लॉटरी जीतने का दावा अणुव्रत मंडल ने किया था, यानी लॉटरी का किसी तरह से कोई संबंध अणुव्रत से नहीं था लेकिन उसकी आड़ में एक करोड़ रुपये जीतने के दावे किए गए हैं, जो अब जांच के घेरे में हैं।